अगरतला: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गौरक्षा अभियान को स्वयं उसके शासित राज्य में शर्मसार होना पड़ा है। पार्टी के मुख्यमंत्री ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए एक मुस्लिम परिवार को स्वयं गाय भेंट की है। छवि चमकाने के प्रयास में उनकी यह विशेष कवायद भाजपा को भारी पड़ती दिख रही है। राज्य में पूरे संघ परिवार के संगठनों में इस कवायद को लेकर भारी गुस्सा है।
दरअसल, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के निर्देश पर प्रदेश के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बिलाल मियां ने एक मुस्लिम परिवार को कुर्बानी के लिए गाय ले जाकर भेंट की। मुख्यमंत्री के इस प्रयास की जमीयत उलेमा-ए-हिंद और स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने प्रशंसा की है। मगर भाजपा के लिए मुख्यमंत्री माणिक साहा का यह दांव गले की फांस बन सकता है। यह कदम पूरी तरह से पार्टी की विचारधारा के विपरीत है। पार्टी एवं पूरा संघ परिवार अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए अरसे से गौ रक्षा के लिए देशव्यापी अभियान चलाता रहा है। अब उनके मुख्यमंत्री साहा ने उसके अभियान को पलीता लगा दिया है।
साहा ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए क्यों भेंट की गाय?
दरअसल, यह मामला बकरीद के दिन यानी 7 जून को त्रिपुरा के उदयपुर के राजनगर इलाके का है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बताया कि बकरीद के दिन भाजपा एवं हिंदूवादी विचारधारा के लोगों एक मुस्लिम परिवार के घर पहुंचे और उसे बकरीद पर कुर्बानी रोक दिया। साथ ही, उसके पशु को भी भगा दिया और मुस्लिम परिवार के साथ ज़ोर ज़बरदस्ती भी की गई।
इस मामले में हिंदू संगठनों का पक्ष अलग है। हिंदू संगठन से जुडे़ कार्यकर्ताओं का कहना है कि मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में शामिल मां त्रिपुर सुंदरी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर उदयपुर के माताबारी में है। इसलिये इस मंदिर की पवित्रता को ध्यान में रखकर हिंदू समाज ने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे खुले में गौ अथवा पशु हत्या न करें। उनका कहना है कि इस अपील के बावजूद कुछ मुस्लिम परिवारों ने सरेआम गौ हत्या की। इस पर स्थानीय युवकों ने विरोध जताया तो मुस्लिम समुदाय की ओर से विक्टिम कार्ड खेलते हुए उनपर तरह-तरह के आरोप लगाये गए।
इस घटना के बाद जमीयत नेता ने पीड़ित मुस्लिम परिवार को लेकर स्थानीय भाजपा विधायक एवं प्रदेश सरकार के मंत्री परंजीत सिंह राय के यहां इस घटना की शिकायत की। तब मंत्री परंजीत सिंह राय ने मुख्यमंत्री माणिक साहा से मुद्दे को लेकर बातचीत की और मुस्लिम परिवार को गौ भेंट करने का सुझाव दिया। बताया जा रहा है कि मंत्री परंजीत सिंह राय के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने पीड़ित मुस्लिम परिवार को कुर्बानी के लिए एक गाय की व्यवस्था कर उसे भेजने का निर्देश दिया। उसके बाद मंत्री ने गाय कि व्यवस्था की और स्वयं प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष बिलाल मियां स्थानीय नेताओं को लेकर पीड़ित परिवार के घर गए और कुर्बानी के लिए मुस्लिम परिवार को गाय भेंट की। कुर्बानी के लिए भेंट में गाय मिलने के बाद मुस्लिम परिवार ने मुख्यमंत्री और भाजपा का आभार जताया है।

बिलाल मियां ने फेसबुक पर किया CM का ज़िक्र
भाजपा नेता बिलाल मियां ने इस कुर्बानी को लेकर सोमवार शाम 6:58 पर एक फेसबुक पोस्ट किया था। इस पोस्ट में बिलाल ने लिखा, “उदयपुर (राजनगर) में कुछ दुष्ट समूहों द्वारा की गई अवांछनीय घटना को संज्ञान में लेते हुए, राज्य सरकार ने माननीय मुख्यमंत्री प्रोफेसर डॉ. माणिक साहा के निर्देश पर आज उनकी कुर्बानी की व्यवस्था की है।” यह खबर स्थानीय मीडिया में आग की तरह फैल गई।

मामला बढ़ा तो बिलाल ने कई बार इस पोस्ट को एडिट किया और अब जो पोस्ट उनकी प्रोफाइल पर है उसमें से राज्य सरकार और मुख्यमंत्री साहा का नाम हटा दिया गया है। अब इस पोस्ट में लिखा है, “पिछले शनिवार को उदयपुर (राजनगर) में हुई अप्रिय घटना को संज्ञान में लेते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के एक समूह ने आज उनके लिए कुर्बानी का आयोजन किया है।”

जमीयत ने जताया सरकार का आभार
हिंदूवादी नेता मुख्यमंत्री माणिक साहा की इस दरियादिली से लोग बेशक आग बबूला हो रहे हैं। मगर त्रिपुरा के जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुख्यमंत्री माणिक साहा के इस कदम की प्रशंसा करते हुए मंत्री परंजीत सिंह राय का आभार जताया है।
कांग्रेस और CPIM ने उठाए सवाल
कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (CPIM) की त्रिपुरा ईकाई और कांग्रेस ने भी इस घटना को लेकर एक फेसबुक पोस्ट किया है और बीजेपी पर सवाल उठाए हैं। CPIM ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “भाजपा राजनीति के लिए कुछ भी कर सकती है! वे राजनीति के लिए अपनी मां की भी बलि दे सकते हैं!” वहीं, कांग्रेस ने भी अपने पोस्ट में बीजेपी और बिलाल को घेरा है।