सिक्किम के लोगों में पाकिस्तानी पर्वतारोही नैला कियानी के कंचनजंगा पर्वत पर चढ़ाई के बाद आक्रोश है। भूटिया लेप्चा एपेक्स कमेटी (SIBLAC) इसे राज्य के संरक्षक देवता का अपमान मानते हुए पर्वत की पवित्रता और क्षमा याचना के लिए दो दिवसीय शुद्धिकरण पूजा का आयोजन किया है। यह घटना सिक्किम के लोगों के लिए कंचनजंगा के गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बताती है कि इसे वो केवल एक पर्वत नहीं मानते हैं बल्कि एक जीवित देवता और रक्षक मानते हैं।
कंचनजंगा की पवित्रता का उल्लंघन
दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा सिक्किम के लोगों के लिए पवित्र है। सदियों से यह पर्वत उनकी भूमि की रखवाली करता आया है। इसके साथ उनकी गहरी आध्यात्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। हाल ही में इस पर हुई चढ़ाइयों, विशेष रूप से पाकिस्तानी पर्वतारोही नैला कियानी द्वारा 23 मई को की गई चढ़ाई ने इन मान्यताओं का उल्लंघन किया है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह उनके प्रतिष्ठित पवित्र स्थल का गंभीर अपमान है।
सिक्किम के लोगों की अपील
कंचनजंगा पर हुई चढ़ाइयों के बाद सिक्किम में व्यापक चिंता है। लोगों में खासा आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने कंचनजंगा पर्वत पर न चढ़ने के लिए अभियान शुरू किया है। SIBLAC के जनजातीय नेताओं ने नागरिकों से कंचनजंगा की रक्षा के लिए खड़े होने की अपील की है। उनका कहना है कि साहसिक कार्य के नाम पर उसका अपमान किया गया है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पर्वत केवल चट्टान या बर्फ का टुकड़ा नहीं है। वो उनका रक्षक, गौरव और आध्यात्मिक पहचान है। SIBLAC ने स्पष्ट किया है कि ये उनके पवित्र मूल्यों और परंपराओं के अनादर है।
शुद्धिकरण और क्षमा पूजा
कंचनजंगा की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के लिए SIBLAC ने उत्तरी सिक्किम के काबी लुंगचोक में 14 और 15 जून को शुद्धिकरण और क्षमा पूजा का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्षमा मांगना और पर्वत की आध्यात्मिक पवित्रता को शुद्ध करना है। आयोजक इसमें शामिल होने के लिए सभी से अपील की थी। इ कार्यक्रम में खासतौर से उन लोगों को बुलाया गया था जो परंपरा को संरक्षित करने और प्रकृति सम्मान के लिए काम करते हैं।
सरकार से कार्रवाई की मांग
SIBLAC के संयोजक छितेन ताशी भूटिया ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि चीन जैसे देश ने भी कैलाश पर्वत चढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं नेपाल ने मचापुचारे और खुम्बिला पर चढ़ने के पर धार्मिक कारणों से प्रतिबंध लगाया है। भारत को भी अपनी आध्यात्मिक विविधता के लिए ऐसा ही सम्मान दिखाना चाहिए। उन्होंने पूजा स्थल अधिनियम-1991 के तहत पवित्र चोटी की धार्मिक पवित्रता बचाने की अपील की है।
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नैला कियानी की चढ़ाई
दुबई में रहने वाली पाकिस्तानी पर्वतारोही नैला कियानी ने 23 मई को कंचनजंगा के शिखर पर चढ़ाई की थी। इसी के साथ वह 8,000 मीटर से ऊंची दुनिया की 14 चोटियों में से 12 पर चढ़ने वाली पाकिस्तान की पहली महिला बन गई। अल्पाइन क्लब ऑफ पाकिस्तान ने कियानी को खूब प्रोत्साहित किया था। हालांकि, सिक्किम के लोगों में इसके लिए खासा आक्रोश है।