लंबे समय से प्रतीक्षित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट आखिरकार इस साल नवंबर में संचालन शुरू करने जा रहा है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने दी है। कई बार डेडलाइन चूकने के बाद अब यह प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है। इसकी आधारशिला नवंबर 2021 में रखी गई थी।
पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों के समय यह योजना केवल चुनावों के आसपास ही चर्चा में आती थी और फिर अचानक गायब हो जाती थी । लेकिन पिछले आठ वर्षों में यह परियोजना फाइलों से निकलकर ज़मीन पर उतर आई है।
एशिया का सबसे बड़ा, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट
यह एयरपोर्ट न केवल उत्तर प्रदेश की पहचान बनेगा, बल्कि इसके निर्माण के बाद यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। मंत्री नंदी का यह बयान तब आया है जब पहले कई बार डेडलाइन तय होने के बाद भी पूरा काम अधूरा रहा। पहले इसे सितंबर 2023 तक शुरू करने की योजना थी, फिर इसे अप्रैल 2024 तक टाल दिया गया था।
मार्च 2025 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने घरेलू उड़ानों के लिए 15 मई और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 25 जून की समयसीमा घोषित की थी, लेकिन टर्मिनल बिल्डिंग के काम में देरी के चलते तारीख फिर आगे खिसकी।
अभी भी कुछ अहम मंजूरी बाकी
एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, हाल ही में हुई एक समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया गया कि कार्गो और घरेलू उड़ानों के लिए संचालन 15 सितंबर से और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नवंबर से शुरू किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए अभी BCAS (ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी) से सिक्योरिटी क्लीयरेंस और DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से एयरोड्रम लाइसेंस मिलना बाकी है। पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग की छत और आंतरिक निर्माण कार्य अभी जारी है।
YIAPL पर देरी के लिए जुर्माना
यमुना एक्सप्रेसवे से एयरपोर्ट को जोड़ने वाली 750 मीटर लंबी सड़क तैयार हो चुकी है। साथ ही पानी और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी तेज़ी से हो रहा है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर और CNS/ATM सिस्टम (जिसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा लगाया गया है) का काम लगभग पूरा हो चुका है।
प्रोजेक्ट में देरी के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्माण कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) पर 1 जनवरी 2025 से हर दिन ₹10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।