इस्लाम के गढ़ नाम से विख्यात सऊदी अरब का नाम सुनते ही आंखों के सामने रेगिस्तानी देश की छवि सामने आ जाती है। लेकिन, अब सऊदी अरब से एक ऐसी ऐतिहासिक खोज सामने आई है, जिसने दुनियाभर के इतिहासकारों को चौंका दिया है। पुरातत्वविदों को सऊदी अरब की तुवाईक पर्वतमाला की चोटी पर 8000 साल पुराने प्राचीन मंदिर और शहर के अवशेष मिले हैं। यह मंदिर चट्टानों को काटकर बनाया गया था और इसमें पूजा-अनुष्ठानों के चिह्न अब भी मौजूद हैं।
पूजा-पाठ और मूर्तिपूजा के मिले प्रमाण
सऊदी अरब में मिले मंदिर के अंदर से कई ऐसे अवशेष मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि यहां रहने वाले लोग धार्मिक अनुष्ठानों में विश्वास रखते थे। मंदिर के पास वेदियों के अवशेष भी मिले हैं, जो धार्मिक गतिविधियों के केंद्र रहे होंगे। इसके अलावा खुदाई में कई मूर्तियां और धार्मिक शिलालेख भी सामने आए हैं जो उस समय की आस्था और मूर्तिपूजा की परंपरा को दर्शाते हैं। इस क्षेत्र में कुल 2807 कब्रें मिली हैं जो अलग-अलग कालखंडों से जुड़ी हुई हैं। ये कब्रें इस बात का प्रमाण हैं कि यह क्षेत्र प्राचीन समय से ही मानव सभ्यता का केंद्र रहा है। हर कब्र का निर्माण और उसकी बनावट उस समय के सामाजिक ढांचे और मृत्यु पर विश्वासों को दर्शाती है।
अल-फाओ: किंडा साम्राज्य की राजधानी
सऊदी अरब का यह क्षेत्र अल-फाओ कहलाता है, जिसे कभी किंडा साम्राज्य की राजधानी माना जाता था। इतिहासकारों के अनुसार किंडा अरब प्रायद्वीप के प्राचीनतम राज्यों में से एक था। यहां से मिले शिलालेख और मूर्तियां उस दौर की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक विश्वासों की झलक देती हैं।
सिंचाई की उन्नत प्रणाली ने चौंकाया
सऊदी अरब में इस ऐतिहासिक खोज का सबसे रोचक पहलू है प्राचीन जल प्रबंधन प्रणाली। खुदाई में पता चला कि उस समय के लोग बारिश के पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए टंकियों, नहरों और सैकड़ों गड्ढों का इस्तेमाल करते थे। यह दिखाता है कि हजारों साल पहले भी लोग कठिन रेगिस्तानी परिस्थितियों में जल प्रबंधन की समझ रखते थे। यहां से नवपाषाण काल यानी Neolithic period की झलक भी मिली है। खुदाई में उस समय की बस्तियों के अवशेष मिले हैं जो इस बात को पुष्ट करते हैं कि हजारों साल पहले भी इस इलाके में इंसानी बस्तियां मौजूद थीं। यह खोज अरब प्रायद्वीप में सभ्यता के शुरुआती चरण को दर्शाती है।