गुरुवार, 3 जुलाई की रात को बांग्लादेश के बरीसाल जिले के अगैलझारा उपजिला में एक हिंदू मंदिर पर हमला किया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, एक कट्टरपंथी भीड़ ने ‘अशोक सेन सार्वजनिन राधा गोविंद और दुर्गा मंदिर’ को निशाना बनाया। हमलावरों ने मंदिर का ताला तोड़ा और अंदर घुसकर भगवान की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
यह घटना उस समय सामने आई जब शुक्रवार सुबह, 4 जुलाई को श्रद्धालु रोज़ की तरह पूजा के लिए मंदिर पहुंचे। उन्होंने देखा कि मंदिर के अंदर की कई मूर्तियों को तोड़ दिया गया था। जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई और तस्वीरों और वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि देवी सरस्वती और भगवान कार्तिकेय की मूर्तियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त की गई थीं।
स्थानीय हिंदू समुदाय में डर और आक्रोश
इस हमले ने क्षेत्र के हिंदू समुदाय में गहरी चिंता और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। पहले से ही अल्पसंख्यक स्थिति में रह रहे लोग अब अपने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर और भी ज्यादा चिंतित हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
हिंदू कार्यकर्ता मलय घटक ने की घटना की निंदा
घटना की जानकारी मिलते ही शनिवार, 5 जुलाई को हिंदू समाजसेवी और कार्यकर्ता मलय घटक मंदिर पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम इस कायराना हरकत की कड़ी निंदा करते हैं। हम मांग करते हैं कि दोषियों को उदाहरणात्मक सज़ा दी जाए ताकि दोबारा कोई इस तरह की हिम्मत न कर सके।”
उन्होंने प्रशासन से अपील की कि जैसे ईशनिंदा मामलों में तेज़ कार्रवाई होती है, वैसे ही इस मामले में भी निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को दबाया नहीं जाना चाहिए।
जांच और प्रतिक्रिया का इंतजार
यह घटना न सिर्फ एक धार्मिक स्थल पर हमला है, बल्कि यह अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता और सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार और प्रशासन सख्त कदम उठाकर न्याय सुनिश्चित करेगा।