सोशल मीडिया पर इन दिनों लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की फोटो वाले सैनेटरी पैड्स की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं। देखने में पहली बार में लगता है कि किसी ने भद्दा मज़ाक करते हुए राहुल गांधी की तस्वीर इन पैड्स पर लगा दी है लेकिन जब हमने खुद इस मामले की और पड़ताल की तो पता चला कि यह तस्वीर एडिटेड नहीं है। दरअसल, बिहार में कांग्रेस पार्टी खुद ही राहुल गांधी की तस्वीर वाले सैनेटरी पैड्स बांट रही है। बिहार में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने पर ‘माई बहिन मान योजना’ चलाने का दावा किया है और इसी योजना के प्रचार के लिए कांग्रेस ये पैड्स बांट रही है। इस कदम को विपक्ष ने ‘महिलाओं का अपमान’ और ‘चुनावी नौटंकी’ करार देते हुए कांग्रेस की मंशा पर तीखा हमला बोला है।
5 लाख महिलाओं को सैनिटरी पैड्स बांटेगी कांग्रेस
शुक्रवार को बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अभियान की शुरुआत की है जिसके तहत पूरे बिहार में करीब पांच लाख महिलाओं को सैनिटरी पैड्स वितरित किए जाएंगे। इस अभियान की अगुआई महिला कांग्रेस द्वारा की जाएगी। राजेश कुमार ने इसके सैंपल पैकेट भी दिखाए जिस पर राहुल गांधी की तस्वीर छपी हुई थी। राजेश कुमार ने कहा, “हम महिलाओं को सैनिटरी पैड्स वितरित करने के लिए महिला कांग्रेस के माध्यम से एक अभियान शुरू करेंगे। हमारा लक्ष्य इसे लगभग 5 लाख महिलाओं को वितरित करना है और महिला कांग्रेस कार्यकर्ता इस विषय पर जागरूकता पैदा करेंगी।” कांग्रेस ने कहा कि इसका मकसद मासिक धर्म से जुड़ी स्वच्छता पर ध्यान देना, समाज में जुड़े भ्रम और चुप्पी को तोड़ना और गांव से लेकर शहर तक जागरूकता फैलाना है।

बीजेपी ने क्या कहा?
इस मामले पर बीजेपी ने इसे महिलाओं का अपमान बताते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “सैनिटरी पैड पर राहुल गांधी की तस्वीर बिहार की महिलाओं का अपमान है! कांग्रेस महिला विरोधी पार्टी है! बिहार की महिलाएं कांग्रेस RJD को सबक सिखाएंगी।”
बीजेपी प्रवक्ता कुंदन कृष्ण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे पार्टी का मानसिक दिवालियापन बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी चापलूसी की होड़ में कुछ भी कर रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वे किस हद तक जा सकते हैं। कुंदन कृष्ण ने आगे कहा कि कांग्रेस पैड्स बांटना चाहती है तो बांट लेकिन उन पैड पर राहुल गांधी की तस्वीर लगाना चापलूसी और मानसिक दिवालियापन की पराकाष्ठा है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा महिलाओं के मुद्दों को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल किया है।
चिराग पासवान ने उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री और LJP (R) के नेता चिराग पासवान ने भी कांग्रेस के इस अभियान पर सवाल उठाए हैं और इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा, “यह गलत है, यह आपको असहज करता है। आप अपने प्रचार के लिए किस हद तक जा सकते हैं। अच्छी बात है कि आप सैनेटरी पैड्स बांट रहे हैं लेकिन उसके ऊपर राहुल गांधी की फोटो? यह देखने से ही अटपटा लग रहा है।” चिराग ने आगे कहा, “जिसने भी वह तस्वीर देखी है वह सभी को असहज और परेशान कर रही है। कौन कांग्रेस को बुद्धि दे रहा है? इस तरह का प्रचार बिल्कुल शोभा नहीं देता है, मैं इसकी निंदा करता हूं।”
चिराग ने कहा कि कांग्रेस को महिलाओं के स्वास्थ्य से नहीं बल्कि सिर्फ वोट से मतलब है। चिराग के मुताबिक, सेनेटरी पैड पर राहुल गांधी की तस्वीर लगाकर कांग्रेस चुनावी फायदा उठाना चाहती है।
बीजेपी की काट या संवेदनहीनता?
बीजेपी सरकारों द्वारा शुरू की गईं मध्य प्रदेश की ‘लाड़ली बहना योजना’ हो या महाराष्ट्र की ‘माझी लाडकी बहीण योजना’, इन योजनाओं ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में जमीनी स्तर पर व्यापक असर डाला है। लाखों महिलाओं को सीधा आर्थिक लाभ मिलने के साथ-साथ इन योजनाओं ने महिला मतदाताओं का भरोसा भी जीता है। ऐसे में कांग्रेस का यह नया प्रयोग साफ तौर पर महिला वोट बैंक को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस कह रही है कि यह पहल मासिक धर्म स्वच्छता, जागरूकता और सामाजिक भ्रम को तोड़ने के लिए है। लेकिन सवाल यह है अगर मकसद वास्तव में यही था, तो क्या सैनेटरी पैड्स पर किसी राजनेता की तस्वीर छापना ज़रूरी था? क्या महिलाओं के निजी स्वास्थ्य से जुड़े इतने गंभीर मुद्दे को प्रचार का ज़रिया बनाना उचित है?
इन तस्वीरों के बाद कांग्रेस की स्थानीय इकाई की चापलूसी के चलते राहुल गांधी फिर निशाने पर आ गए हैं। पार्टी ने महिलाओं को सैनिटरी पैड्स बांटने की घोषणा की है, जो अपने आप में एक सामाजिक जरूरत है लेकिन इसे भी राहुल गांधी परिवार की तस्वीरों से लपेटकर प्रचार का माध्यम बना दिया गया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि यह महिलाओं के स्वास्थ्य का अभियान है या राहुल गांधी की ब्रैंडिंग का। राहुल गांधी कांग्रेस के बड़े नेता है और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनका महिमामंडन किया जाना पार्टी की ज़रूरत है। लेकिन जब यह ज़रूरत चापलूसी बन जाए तो? और यह चापलूसी महिलाओं के निजी और संवेदनशील स्वास्थ्य उत्पादों तक पहुंच गई है, तो यह न केवल शर्मनाक है बल्कि महिलाओं के सम्मान के साथ एक तरह का क्रूर मज़ाक भी है।
सवाल यह नहीं है कि कांग्रेस सेनेटरी पैड्स क्यों बांट रही है। समाज में इसे लेकर अभी भी जागरूकता की ज़रूरत है लेकिन सवाल यह है कि इसमें राहुल गांधी की तस्वीर क्यों है? क्या महिलाओं की समस्याएं इतनी कम महत्वपूर्ण हैं कि उनके लिए जो भी किया जाए, उसमें भी एक नेता की तस्वीर ठूंसी जाए? यह पूरी कवायद कांग्रेस की महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता नहीं बल्कि गांधी परिवार के प्रति भक्ति दिखाने की कोशिश है। जिस पार्टी ने कभी भारत की आज़ादी में अहम भूमिका निभाई थी क्या आज वह सिर्फ एक परिवार की छाया बनकर रह गई है?