केरल एक बार फिर हाई अलर्ट पर है। जानलेवा निपाह वायरस फिर से उभर रहा है। इससे पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है। पलक्कड़ के कुमारमपुथुर निवासी 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद निपाह वायरस की पुष्टि हुई, जिससे इस वायरस के चुपचाप आबादी में फैलने को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। इस मौत की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निगरानी शुरू कर दी है। प्रदेश के छह जिलों पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, त्रिशूर और कन्नूर को कड़ी निगरानी में रखा गया है। मौत के बाद वायरस की खतरनाक प्रकृति को उजागर करता है। इस घातक प्रभाव से राज्य में एक और प्रकोप की आशंका फिर से बढ़ गई है।
पलक्कड़ में नया मामला राज्य भर में चिंता का विषय
12 जुलाई की रात को केरल में हाल के हफ़्तों में निपाह वायरस से दूसरी मौत दर्ज की गई, जब पलक्कड़ ज़िले के मन्नारक्कड़ के पास कुमारमपुथुर निवासी 58 वर्षीय एक व्यक्ति की इस संक्रमण से मृत्यु हो गई। मरीज़ को बुखार और अन्य लक्षणों के साथ मलप्पुरम के पेरिंथलमन्ना स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां पर उसकी हालत तेज़ी से बिगड़ती गई और उसकी मृत्यु के बाद जांच के नतीजों ने पुष्टि की कि वह निपाह वायरस से संक्रमित था। इस खुलासे के बाद आपातकालीन कार्रवाई में तेजी लायी गई।
मरीज के नमूनों की शुरुआत में मंजेरी मेडिकल कॉलेज में जांच की गई और बाद में अंतिम पुष्टि के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजा गया। केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था ने तेज़ी से काम करना शुरू कर दिया और संपर्कों का पता लगाने और क्षेत्र-स्तरीय रोकथाम प्रोटोकॉल लागू किए। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने घोषणा की कि 46 प्राथमिक संपर्कों की सूची तुरंत तैयार की गई और मृतक की गतिविधियों का रूट मैप तैयार किया गया। सीसीटीवी फुटेज और रिश्तेदारों से बातचीत के ज़रिए सभी संभावित संपर्क बिंदुओं की पहचान की गई। व्यापक ट्रेसिंग सुनिश्चित करने के लिए मृतक की वंशावली भी बनायी गई0।
छह जिले हाई अलर्ट पर
निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि के बाद केरल सरकार ने छह ज़िलों पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, वायनाड, त्रिशूर और कन्नूर को हाई अलर्ट पर रखा है। हालांकि पलक्कड़ और मलप्पुरम पर तत्काल ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। लेकिन, स्वास्थ्य अधिकारी निगरानी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और आसपास के क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ा रहे हैं।
निगरानी में हैं 543 लोग
निपाह वायरस के मामले सामने आने के बाद पूरे केरल में 543 लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। इनमें से 219 पलक्कड़ में, 208 मलप्पुरम में, 114 कोझीकोड में और दो एर्नाकुलम में हैं। स्वास्थ्य अधिकारी बुखार की निगरानी और घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। खासकर कुमारमपुथुर में, जो नये मामले का केंद्र है। स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों से प्रभावित जिलों में अनावश्यक अस्पताल जाने और सामाजिक समारोहों से बचने का आग्रह किया है। उन्होंने आश्वासन दिया, “हम स्वास्थ्य टीमों को मज़बूत करके और निवारक उपायों को तेज़ करके निपाह के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई को मज़बूत करेंगे। “प्रभावित क्षेत्रों में मरीज़ों, देखभाल करने वालों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। अस्पतालों को मरीज़ों के आसपास आने वालों की संख्या सीमित करने को कहा गया है और नागरिकों से बुखार के किसी भी लक्षण की तुरंत सूचना देने का आग्रह किया जा रहा है।
निपाह का पांचवा प्रकोप
पलक्कड़ में सामने आए नए मामले ने जनता और अधिकारियों, दोनों को केरल में निपाह के प्रकोप के घातक इतिहास की याद दिला दी है। 2018 से राज्य में निपाह वायरस के पांच बड़े ख़तरे देखे गए हैं, जिनमें से प्रत्येक ने अपनी त्रासदी और भय का अलग ही प्रभाव डाला है। मई 2018 में केरल में पहले दर्ज प्रकोप ने 17 लोगों की जान ले ली थी। अधिकतर मौतें कोझीकोड और मलप्पुरम ज़िलों में हुई थीं। इससे पहले 2019 में एर्नाकुलम में एक ही मामला सामने आया था, जिसे सफलतापूर्वक नियंत्रित कर लिया गया था। 2021 में, कोझिकोड में एक 12 वर्षीय लड़के की इस संक्रमण से मृत्यु हो गई, जिसके बाद बड़े पैमाने पर अलर्ट का एक और दौर शुरू हो गया। जुलाई 2024 में, पांडिक्कड़ में एक 14 वर्षीय लड़के की निपाह से मृत्यु हो गई।सितंबर 2024 में, वंदूर के एक 24 वर्षीय व्यक्ति की इस वायरस से मृत्यु हो गई। इसके बाद अब जुलाई 2025 में, दो मौतों की पुष्टि हो चुकी है – 1 जुलाई को मलप्पुरम की एक 18 वर्षीय महिला और 12 जुलाई को पलक्कड़ के 58 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु। इस बीमारी के हर प्रकोप ने निपाह वायरस द्वारा उत्पन्न जूनोटिक खतरे की पुष्टि की है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह फल चमगादड़ों से मनुष्यों में और फिर शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से मनुष्य से मनुष्य में फैलता है।
गांवों में तैनात किये गए स्वास्थ्यर्मी
निपाह वायरस के प्रकोप के बाइद कुमारमपुथुर के गांवों में स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं, जो घर-घर जाकर लोगों को निर्देश दे रहे हैं। निगरानी के प्रयास उस अस्पताल तक भी बढ़ाए जा रहे हैं, जहां उस व्यक्ति को भर्ती कराया गया था, उन दुकानों और सार्वजनिक स्थानों पर भी जहां वह गया होगा। सभी छह हाई-अलर्ट जिलों में मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां, त्वरित प्रतिक्रिया दल और बुखार क्लीनिक कार्यरत हैं। इस बीच, क्षेत्रीय अस्पतालों को संभावित संदिग्धों को तुरंत अलग करने और बुखार के नए मामलों की सूचना जिला नियंत्रण कक्षों को देने की सलाह दी गई है।