कांग्रेस पार्टी फिर से एक बड़े विवाद में घिर गई है। इस बार विवाद की शुरुआत तब हुई जब केरल कांग्रेस के आधिकारिक एक्स (X) हैंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं की आलोचना करते हुए एक विश्व मानचित्र पोस्ट किया गया। इस मानचित्र में एक बेहद संवेदनशील और गंभीर गलती नजर आई, जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। भारत के लिए कश्मीर का मुद्दा राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता का प्रतीक है, इसलिए इस तरह की गलती को लेकर लोगों में भारी नाराजगी और विवाद पैदा हो गया।
गलती के तुरंत बाद केरल कांग्रेस ने विवादित पोस्ट को डिलीट कर दिया और एक नया सही नक्शा साझा किया, लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से फैल चुका था। कांग्रेस की इस गलती की आलोचना खूब हुई और पार्टी की छवि को बड़ा नुकसान पहुंचा।
भाजपा का कड़ा आरोप: सोची-समझी साजिश या लापरवाही?
भाजपा ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया और कांग्रेस पर बार-बार भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। भाजपा ने इसे महज गलती नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया। भाजपा का कहना है कि यह सिर्फ “चूक” नहीं, बल्कि भारत की अखंडता को कमजोर करने की एक कोशिश हो सकती है।
जो पोस्ट विवाद में रही, उसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विदेश दौरे किए गए देशों को लाल रंग में दिखाया गया था, जबकि बाकी देशों को ग्रे रंग में दर्शाकर “बकेट लिस्ट” कहा गया था। असली विवाद तब शुरू हुआ, जब उस ग्राफिक में भारत की सीमाओं को गलत दिखाया गया, खासकर कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाना। यह एक गंभीर और अस्वीकार्य गलती थी।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने ऐसा नक्शा साझा किया हो। इससे पहले भी कांग्रेस के राष्ट्रीय हैंडल से इसी तरह की पोस्ट हुई है और तमिलनाडु कांग्रेस ने भी ऐसी ही गलती की है। ये सभी घटनाएं संयोग नहीं, बल्कि एक रणनीतिक योजना का हिस्सा लगती हैं।” उन्होंने कांग्रेस पर देश को बांटने की कोशिश करने के आरोप लगाए।
अमित मालवीय की प्रतिक्रिया और नक्शे की संवेदनशीलता
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने डिलीट की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा, “चौंकाने वाली बात है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं। कांग्रेस ने जो नक्शा शेयर किया था, उसमें जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से पाकिस्तान और चीन को दे दिए गए थे।”
भारत के नक्शे को लेकर ये गलतियां सिर्फ एक राजनीतिक गलती नहीं हैं, बल्कि राष्ट्रीय भावना और संप्रभुता के लिहाज से बेहद संवेदनशील मुद्दा हैं। नक्शा केवल एक चित्र नहीं, बल्कि देश की एकता और सम्मान का प्रतीक होता है। ऐसे नक्शे के साथ हुई गलतियां देश की भावनाओं को आहत करती हैं।
यह पहली बार नहीं है: “आज़ाद कश्मीर” वाले प्रोपेगेंडा का समर्थन
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ऐसी गलती करती पकड़ी गई है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी की डिजिटल टीम और कुछ नेताओं द्वारा सोशल मीडिया पर ‘आज़ाद कश्मीर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी सामने आया था , जो कि पूरी तरह से पाकिस्तानी नैरेटिव का हिस्सा है। यह वही शब्दावली है जिसे पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ उपयोग करता है।
यह न केवल भारत के संवैधानिक दृष्टिकोण के खिलाफ है, बल्कि यह देश की विदेश नीति और कूटनीतिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचाने वाली हरकत है। इस तरह के “प्रोपेगेंडा-टाइप” नैरेटिव को एक राष्ट्रीय पार्टी की ओर से प्रमोट किया जाना, बेहद चिंताजनक और निंदनीय है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया और जिम्मेदारी का अभाव
अधिक चिंताजनक बात यह है कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक माफी या स्पष्ट सफाई नहीं आई है। एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते, कांग्रेस से उम्मीद की जाती है कि वह देश की सीमाओं और संप्रभुता को लेकर अधिक जिम्मेदार व्यवहार करे। लेकिन बार-बार नक्शों में हुई ऐसी गलतियों को पार्टी सिर्फ “चूक” बताकर नजरअंदाज कर रही है, जो कि जनता के लिए अस्वीकार्य है।
निष्कर्ष: देश की सीमाएं राजनीति से ऊपर
भारत की सीमाएं किसी राजनीतिक दल के हितों या विवादों से ऊपर हैं। यह देश की संप्रभुता, एकता और राष्ट्रीय सम्मान का सवाल है। अगर कोई पार्टी बार-बार इस तरह की गलतियां करती है और उन पर माफी तक नहीं मांगती, तो यह सवाल उठता है कि क्या ये गलती है या फिर कोई सोच-समझकर किया गया एजेंडा।
देश की जनता को यह समझना जरूरी है कि सीमाओं के साथ छेड़छाड़ कोई मामूली बात नहीं है। राजनीतिक दलों को चाहिए कि वे इस मामले में पूरी जिम्मेदारी लें और देश की भावनाओं का सम्मान करें। साथ ही, हम सभी को चाहिए कि सोशल मीडिया पर ऐसी जानकारी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करें और फेक या गलत खबरों से बचें।