भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार अध्यक्ष की कुर्सी उत्तर भारत से किसी नेता को दी जा सकती है। सूत्रों की मानें तो यह तय माना जा रहा है कि अगला अध्यक्ष महिला नहीं बल्कि कोई पुरुष नेता होगा और नाम की घोषणा पार्टी में फिलहाल चल रही चर्चाओं से इतर किसी चौंकाने वाले चेहरे के रूप में भी हो सकती है।
RSS की पसंद को भाजपा देगी प्रमुखता
भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और वो एक्सटेंशन पर हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि नए अध्यक्ष के चयन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पसंद को प्रमुखता दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी और संघ दोनों मिलकर ऐसे नेता को आगे लाना चाहते हैं जो 2029 के आम चुनावों के लिहाज से संगठन को मजबूत कर सके और पार्टी के वैचारिक आधार को विस्तार दे सके।
नए नेतृत्व को मौका देने की रणनीति
इससे पहले अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में चल रहे कुछ नामों को लेकर अनुमान लगाए जा रहे थे कि उन्हीं में से कोई अध्यक्ष होगा लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि इन चर्चित नामों से अलग किसी कम चर्चित लेकिन संगठनात्मक रूप से मजबूत नेता को अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि पार्टी अब नए नेतृत्व को मौका देना चाहती है जो जमीनी स्तर पर संगठन को संभाल सके। सूत्रों के मुताबिक, “अगला अध्यक्ष ऐसा चेहरा होगा जो न केवल संगठन में गहराई से जुड़ा हो, बल्कि संघ की वैचारिक दिशा को भी पूरी मजबूती से आगे बढ़ा सके।”
उत्तर भारत से अध्यक्ष लाने की रणनीति
उत्तर भारत से अगला अध्यक्ष लाने के पीछे एक रणनीतिक सोच भी मानी जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दक्षिण भारत में मजबूत प्रयास किए थे, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली। ऐसे में पार्टी अब उत्तर भारत में अपना प्रभाव और मजबूत करना चाहती है, जहां अभी भी उसका परंपरागत जनाधार कायम है। सूत्रों के मुताबिक, यह कदम पार्टी की उत्तर भारत में पकड़ बनाए रखने और 2029 की तैयारी को दिशा देने की रणनीति का हिस्सा है।
फिलहाल, भाजपा आलाकमान इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप है लेकिन अंदरखाने बैठकों और मंथनों का दौर लगातार जारी है। अनुमान है कि संसद के मानसून सत्र के बाद कभी भी नए अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। पार्टी सूत्रों की मानें तो नए अध्यक्ष का चयन एक महत्वपूर्ण निर्णय होगा जो पार्टी के भविष्य को आकार देगा।