केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को 6 बड़े फैसले लिए। ये फैसले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए। इनमें 4 फैसले रेलवे नेटवर्क से जुड़े हैं। वहीं दो फैसले किसानों और फूड सेक्टर के लिए हैं।
पहले फैसले के रूप में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड में चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर लगभग 11,169 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन परियोजनाओं में इटारसी-नागपुर चौथी लाइन, औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर)-परभणी दोहरीकरण, आलूआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन समेत डांगोआपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन शामिल हैं।
इस योजना में दो मुख्य बातें शामिल हैं। पहली, 1000 करोड़ रुपये से 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड इरैडिएशन यूनिट (Multi Product Food Irradiation Units) बनाए जाएंगे। यह काम इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन एंड वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (ICCVAI) के तहत किया जाएगा। दूसरे फैसले के तहत 100 फूड टेस्टिंग लैब (FTLs) बनाए जाएंगे। इन लैब को NABL से मान्यता दी जाएगी। यह काम फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (FSQAI) के तहत कराया जाएगा। इसके साथ ही करीब 920 करोड़ रुपये PMKSY की विभिन्न योजनाओं के लिए दिए जाएंगे।
NCDC को भी दी गई मंजूरी
मोदी कैबिनेट ने सहकारी समितियों की मदद के लिए भी एक योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का नाम रखा गया है राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) है। यह एक सेंट्रल सेक्टर की स्कीम है। इस योजना के लिए सरकार 2000 करोड़ रुपये देगी। यह पैसा चार साल में दिया जाएगा। यह 2025-26 से 2028-29 तक दिया जाएगा। हर साल 500 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इसके माध्यम से NCDC खुले बाजार से 20,000 करोड़ रुपये जुटा पाएगा। यह पैसा भी चार साल में जुटाया जाएगा।
NCDC इस पैसे का इस्तेमाल सहकारी समितियों को लोन देने के लिए करेगा। यह लोन नई परियोजनाएं शुरू करने, पुराने कारखानों को बढ़ाने और काम करने के लिए जरूरी पूंजी के लिए दिया जाएगा। करीब 2.9 करोड़ सदस्य और 13,288 सहकारी समितियां इससे लाभान्वित होंगी। ये समितियां डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज, श्रम और महिला-नेतृत्व वाली सहकारी समितियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से हैं। ये समितियां पूरे देश में फैली हुई हैं।