जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज़ सेक्टर में दो आतंकवादी गुरुवार को भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें भारतीय सेना ने मार गिराया। इस दौरान सेना और आतंकियों के बीच जोरदार गोलीबारी हुई।
यह मुठभेड़ नौशेरा नार इलाके में हुई, जो ऑपरेशन नौशेरा नार IV का हिस्सा थी। जब सतर्क जवानों ने देखा कि कुछ आतंकवादी हथियारों के साथ सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत फायरिंग की। इस छोटी मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। इलाके में अभी पांच और आतंकी छिपे होने की संभावना भी हैं। सुबह होते ही सेना ने पूरे इलाके में तलाशी शुरू की, जिसमें मारे गए आतंकियों के शव मिल गए।
सेना ने अपने बयान में बताया कि “जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया।”
खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू हुई संयुक्त कार्रवाई
भारतीय सेना ने एक्स (X) पर बताया कि उन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस से आतंकी घुसपैठ की जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना और पुलिस ने मिलकर गुरेज़ सेक्टर में ऑपरेशन शुरू किया। जवानों ने जब संदिग्ध हरकत देखी तो आतंकियों को ललकारा, जिस पर आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सेना ने गोली चलाकर दो आतंकियों को मार गिराया। ऑपरेशन अभी भी चल रहा है।
ऑपरेशन अखल में छह आतंकियों का खात्मा
इस महीने की शुरुआत में एक और आतंक विरोधी ऑपरेशन ‘ऑपरेशन अखल’ चलाया गया, जिसमें छह आतंकियों को मार गिराया गया और एक सैनिक घायल हुआ। 2 अगस्त को अखल के जंगलों में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे। यह ऑपरेशन 1 अगस्त को शुरू हुआ था, जब जानकारी मिली कि कुछ आतंकी जंगल में छिपे हैं।
जवानों ने इलाके को घेरकर तलाशी शुरू की, तभी आतंकियों ने गोलीबारी कर दी। मुठभेड़ के बाद ऑपरेशन रात में रोका गया और अगली सुबह दोबारा शुरू किया गया, जिसमें तीन और आतंकी मारे गए।
मारे गए आतंकी TRF से जुड़े थे
इस ऑपरेशन में हाई-टेक निगरानी उपकरणों और खास सुरक्षा बलों का इस्तेमाल किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) से जुड़े थे, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक सहयोगी संगठन है और जिसे पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है।
TRF वही संगठन है जिसने पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 आम लोगों की जान गई थी।