केरल के कोठमंगलम में 23 साल की सोना एलधोस की आत्महत्या ने सबको झकझोर कर रख दिया है। सोना, एक ईसाई परिवार की बेटी, अपने मुस्लिम साथी रामीस से प्यार करती थी, सबके मन में एक ही सवाल उठ रहा है, जब सोना को अपने मन की बात चुनने और यहां तक कि किसी अन्य धर्म में शादी करने की आज़ादी थी, तब भी उसने आत्महत्या जैसा कठोर कदम क्यों उठाया?
“मैं हमेशा उसके साथ था, फिर क्यों नहीं बताया उसने कुछ?”: भाई बेसिल एलधोस की पीड़ा
सोना के भाई बेसिल एलधोस ने भावुक होकर कहा, “मैंने हमेशा उसकी पसंद का साथ दिया, उसका समर्थन किया, फिर भी उसने एक बार भी मुझसे अपने दर्द की बात क्यों नहीं की?”
उन्होंने बताया कि रामीस और उसके परिवार वाले हाल ही में हमारे घर आए थे, शादी की बात करने। लेकिन उन्होंने एक सख्त शर्त रखी कि सोना को इस्लाम कबूल करना होगा और शादी तुरंत करनी होगी।
बेसिल ने कहा कि सोना धर्म परिवर्तन के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन पिता की मृत्यु के शोक के बाद वह शादी के लिए तैयार थी। परंतु रामीस और उसके परिवार वाले इस बात के लिए राज़ी नहीं हुए।
इसी बीच, रामीस को एक गलत काम से जुड़े मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जब सोना को यह बात पता चली, तो उनके रिश्ते में बड़ी परेशानी आ गई।
“वो फिर भी उसके साथ रहना चाहती थी”: भाई का टूटे दिल से बयान
बेसिल ने कहा, “रामीस के गलत व्यवहार के बारे में जानने के बाद भी सोना ने उससे रिश्ता नहीं तोड़ा, क्योंकि वो उससे बहुत प्यार करती थी।” सोना ने साफ कहा कि वो धर्म नहीं बदलेगी और उसने कोर्ट मैरिज करने की बात रखी। उनके एक साझा दोस्त और उसकी पत्नी ने शादी की तैयारी में मदद भी की। लेकिन आखिरी समय में रामीस ने अपना फैसला बदल दिया और कहा कि अब शादी की तैयारी अलुवा रजिस्ट्रार ऑफिस में हो रही है।
शादी के बहाने अलुवा ले जाकर कमरे में बंद किया गया
बेसिल ने बताया, “शादी के रजिस्ट्रेशन के नाम पर सोना को अलुवा ले जाकर, रामीस ने अपने घर में रखा। वहाँ, उसके माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों की मदद से उसे कमरे में बंद कर दिया गया।” जब सोना ने मुझे सब बताने की धमकी दी, तब जाकर उसे छोड़ा गया। बेसिल ने बताया “वो इतनी डरी हुई थी कि उस घर में एक घूंट पानी भी नहीं पिया।“
सोना की मां बिंदु ने कहा, “मेरी बेटी अपने प्यार के लिए सब कुछ करने को तैयार थी। लेकिन रामीस को उसकी नहीं, सिर्फ अपने धर्म की चिंता थी।” बिंदु ने यह भी बताया कि “इतना कुछ सहने के बाद भी, एक बार उसने मुझसे कहा कि अगर वो जिंदा रही, तो भी वो रामीस के साथ रहना चाहती है।”
रिश्तेदारों और पड़ोसियों का कहना: धर्म परिवर्तन को लेकर रामीस का परिवार अड़ा हुआ था
एलधोस विल्सन, जो सोना के रिश्तेदार और पड़ोसी हैं, ने कहा, “रामीस और उसके परिवार ने धर्म परिवर्तन की शर्त को लेकर कभी नरमी नहीं दिखाई।”
उन्होंने बताया कि सोनाऔर रामीस की मुलाकात अलुवा के यूसी कॉलेज में स्नातक पढ़ाई के दौरान हुई थी। विल्सन ने कहा “जब मुझे पता चला कि वह धर्म बदलकर शादी करना चाहती है, तो मैंने उसके भाई को समझाया। लेकिन वह तो एक ऐसा भाई था जो अपनी बहन की खुशी के लिए कुछ भी कुर्बान करने को तैयार था।”
घटना के समय, सोना की मां काम पर थीं, और उसका भाई भी उसी घर में पार्ट टाइम ड्राइवर की नौकरी पर था, जहां मां काम करती हैं। एलधोस विल्सन ने बताया कि वे पहले व्यक्ति थे जो उसे अस्पताल और फिर पुलिस स्टेशन लेकर गए।
पड़ोसी की प्रतिक्रिया
बबीता मैथाई, जो करुकाडम क्षेत्र की एक वार्ड काउंसलर हैं, ने कहा, “हम उस परिवार को वर्षों से जानते हैं। सोना और उस लड़के का रिश्ता भी सभी को मालूम था।”
उन्होंने बताया कि शादी सोना की पढ़ाई पूरी होने के बाद तय थी।
सोना के पिता की मौत तीन महीने पहले नहर में डूबने से हुई थी, जब वे नशे की हालत में थे। उन्होंने कहा “इस परिवार पर एक के बाद एक दुख टूट रहा है, यह बेहद दुखद है।”
अमित मालवीय ने उठाया सवाल
बीजेपी नेता अमित मलवीय ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए सवाल उठाए-
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक बार “लव जिहाद” को काल्पनिक बताकर खारिज कर दिया था। लेकिन क्या वह अब कोठमंगलम की 23 वर्षीय सोना के दुखी परिवार से भी यही कहेंगे? सोना, एक युवा ईसाई महिला, ने अपने मुस्लिम साथी रामीस और उसके परिवार द्वारा इस्लाम अपनाने के दबाव के बाद आत्महत्या कर ली।
सोना के सुसाइड नोट में विश्वासघात, दबाव और उत्पीड़न की दर्दनाक कहानी सामने आई है- उसने रामीस को गलत काम में फंसने के बावजूद माफ कर दिया था, शादी से पहले उस पर लगातार इस्लाम अपनाने का दबाव बनाया गया, उसे झूठे बहाने से रामीस के घर बुलाया गया, वहां बंद कर दिया गया, मारपीट की गई और कहा गया कि धर्म परिवर्तन “अनिवार्य” है, रामीस का परिवार भी इस उत्पीड़न में शामिल था।
पुलिस ने रामीस के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। पहले भी उसके खिलाफ एक उत्पीड़न का मामला था, जिसे “सुलझा” लिया गया था।
यह कोई फिल्म नहीं है, यह आज का केरल है। क्या मुख्यमंत्री अब भी इसे मिथक कहेंगे?