ईस्ट लंदन के इल्फोर्ड इलाके में शनिवार रात बड़ा हादसा टल गया, जब श्री सोरठिया प्रजापति हिंदू कम्युनिटी सेंटर में भीषण आग लग गई। यह घटना उस समय हुई जब गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर यहां गणपति विसर्जन की तैयारियां चल रही थीं। सौभाग्य से किसी की जान नहीं गई, लेकिन आग ने न केवल इमारत को क्षति पहुंचाई बल्कि श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी आहत किया।
दमकल ने की त्वरित कार्रवाई
लंदन फायर ब्रिगेड ने जानकारी दी कि आग की सूचना मिलते ही छह फायर इंजनों और 40 से अधिक दमकलकर्मियों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया। कड़ी मशक्कत के बाद रात 9 बजकर 21 मिनट पर आग पर काबू पाया गया। “अगर दमकल दल समय पर न पहुंचता तो नुकसान कहीं ज्यादा हो सकता था,” एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया।
चश्मदीदों ने बताया मंजर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही हिंदू कम्युनिटी सेंटर में धुआं उठता दिखा, लोगों में अफरातफरी मच गई। आयोजन में मौजूद श्रद्धालुओं ने बच्चों और बुजुर्गों को सबसे पहले सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। एक स्थानीय निवासी, सीमा पटेल ने कहा, “हम विसर्जन की तैयारियों में लगे थे। अचानक धुआं और आग दिखी तो सब लोग घबरा गए। भगवान की कृपा रही कि किसी को चोट नहीं आई।”
प्रारंभिक जांच में हादसे की आशंका
अधिकारियों ने बताया कि हिंदू कम्युनिटी सेंटर में आगजनी के कोई सीधे संकेत नहीं मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि पटाखों या बिजली के उपकरणों से यह हादसा हुआ होगा। हालांकि, अभी जांच पूरी नहीं हुई है।
सांसद और समुदाय के नेता सामने आए
स्थानीय सांसद जस अथवाल ने मौके का दौरा किया और आपात सेवाओं की तत्परता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है। मैं सभी को भरोसा दिलाता हूं कि विस्तृत जांच होगी और समुदाय को पूरा सहयोग दिया जाएगा।”
सेंटर की प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेशभाई सोरठिया ने भावुक होकर कहा, “यह स्थान हमारे लिए सिर्फ एक इमारत नहीं है, यह हमारी परंपराओं और हमारी पहचान का प्रतीक है। आग से हुए नुकसान ने हमें तोड़ा है, लेकिन हम मिलकर इसे फिर से खड़ा करेंगे।”
हाल की घटनाओं से बढ़ी आशंकाएं
यह घटना ऐसे समय हुई है जब कुछ ही दिन पहले गैंट्स हिल स्थित एक भारतीय रेस्टोरेंट में आग लगी थी, जिसे पुलिस जानबूझकर लगाया गया मान रही है। इन घटनाओं ने स्थानीय भारतीय और दक्षिण एशियाई समुदाय के मन में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।
सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि हिंदू मंदिरों, गुरुद्वारों और सांस्कृतिक केंद्रों की सुरक्षा को मजबूत किया जाए। एक युवा श्रद्धालु राहुल देसाई ने कहा, “हम यहां अपने त्योहार पूरे विश्वास और शांति के साथ मनाते हैं। लेकिन बार-बार ऐसी घटनाओं से डर लगता है। सरकार को हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”
फिलहाल, जांच जारी है और आने वाले दिनों में आग के असली कारण का खुलासा होगा। लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया है कि प्रवासी समुदाय के लिए ऐसे सांस्कृतिक केंद्र केवल पूजा-अर्चना का स्थल नहीं, बल्कि उनकी जड़ों से जुड़ाव का माध्यम भी हैं।