आदर्श आचार संहिता के बीच पप्पू यादव ने बांटे नोट, क्या कार्रवाई करेगा चुनाव आयोग
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    प्रधानमंत्री मोदी ने सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि

    प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि, 1943 में पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराने की घटना को किया याद

    हसीना से यूनुस तक

    हसीना के बाद यूनुस: बांग्लादेश में सत्ता और दिशा का मौन परिवर्तन

    खनन से आगे की लड़ाई

    मशीनों के युग की अनदेखी धातुएँ: क्यों ज़रूरी हैं दुर्लभ मृदा तत्व

    जहाँ आज़ादी ने पहली बार भूमि पाई—पोर्ट ब्लेयर में नेताजी

    30 दिसंबर 1943: जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में फहराया तिरंगा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी को ब्रह्मोस एयरोस्पेस का महानिदेशक नियुक्त किया था

    ब्रह्मोस एयरोस्पेस के DG & CEO की नियुक्ति रद्द,  ट्रिब्यूनल ने DRDO की चयन प्रक्रिया को बताया मनमाना

    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में अमेरिकी जीएमओ मक्का का आगमन, क्षेत्रीय खाद्य संप्रभुता पर खतरा

    अमेरिकी जीएमओ मक्का पर पश्चिम का दबदबा, ठेकेदारों ने किया अधिग्रहण

    अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट और सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से बड़ा खुलासा हुआ

    नाटो के लिए सीधा संदेश: बेलारूस में रूस बना रहा हाइपरसोनिक मिसाइल बेस, अमेरिकी रिपोर्ट से खुलासा

    30 वर्षीय भारतीय मूल की महिला हिमांशी खुराना की भी हत्या

    टोरंटो कैंपस के पास 20 वर्षीय भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, आरोपी की तलाश में पुलिस

    कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

    नाइजीरिया में ISIS आतंकियों पर अमेरिकी हमला, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के ख़िलाफ़ ट्रंप सख़्त

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औरंगज़ेब ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार मे ज़िंदा चुनवाने का आदेश दिया था

    वीर बाल दिवस: क्रिसमस-नववर्ष का जश्न तो ठीक है लेकिन वीर साहिबजादों का बलिदान भी स्मरण रहे

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगल शासक औरंगज़ेब की अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर दिया

    वीर बाल दिवस: उत्सवों के बीच साहिबज़ादों के अमर बलिदान को नमन

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    प्रधानमंत्री मोदी ने सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि

    प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि, 1943 में पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराने की घटना को किया याद

    हसीना से यूनुस तक

    हसीना के बाद यूनुस: बांग्लादेश में सत्ता और दिशा का मौन परिवर्तन

    खनन से आगे की लड़ाई

    मशीनों के युग की अनदेखी धातुएँ: क्यों ज़रूरी हैं दुर्लभ मृदा तत्व

    जहाँ आज़ादी ने पहली बार भूमि पाई—पोर्ट ब्लेयर में नेताजी

    30 दिसंबर 1943: जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में फहराया तिरंगा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी को ब्रह्मोस एयरोस्पेस का महानिदेशक नियुक्त किया था

    ब्रह्मोस एयरोस्पेस के DG & CEO की नियुक्ति रद्द,  ट्रिब्यूनल ने DRDO की चयन प्रक्रिया को बताया मनमाना

    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में अमेरिकी जीएमओ मक्का का आगमन, क्षेत्रीय खाद्य संप्रभुता पर खतरा

    अमेरिकी जीएमओ मक्का पर पश्चिम का दबदबा, ठेकेदारों ने किया अधिग्रहण

    अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट और सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से बड़ा खुलासा हुआ

    नाटो के लिए सीधा संदेश: बेलारूस में रूस बना रहा हाइपरसोनिक मिसाइल बेस, अमेरिकी रिपोर्ट से खुलासा

    30 वर्षीय भारतीय मूल की महिला हिमांशी खुराना की भी हत्या

    टोरंटो कैंपस के पास 20 वर्षीय भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, आरोपी की तलाश में पुलिस

    कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

    नाइजीरिया में ISIS आतंकियों पर अमेरिकी हमला, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के ख़िलाफ़ ट्रंप सख़्त

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औरंगज़ेब ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार मे ज़िंदा चुनवाने का आदेश दिया था

    वीर बाल दिवस: क्रिसमस-नववर्ष का जश्न तो ठीक है लेकिन वीर साहिबजादों का बलिदान भी स्मरण रहे

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगल शासक औरंगज़ेब की अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर दिया

    वीर बाल दिवस: उत्सवों के बीच साहिबज़ादों के अमर बलिदान को नमन

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

आदर्श आचार संहिता के बीच पप्पू यादव ने बांटे नोट, क्या कार्रवाई करेगा चुनाव आयोग?

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने वैशाली के गनियारी गांव में जो किया, उसने एक बार फिर सवाल उठा दिया है कि क्या भारत में आदर्श चुनाव आचार संहिता महज औपचारिकता बनकर रह गई है?

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
10 October 2025
in चर्चित, मत, राजनीति, समीक्षा
आदर्श आचार संहिता के बीच पप्पू यादव ने बांटे नोट, क्या कार्रवाई करेगा चुनाव आयोग

अब देखना यह है कि चुनाव आयोग क्या रुख अपनाता है।

Share on FacebookShare on X

बिहार की सियासत हमेशा से देश में सबसे अधिक जीवंत और विवादास्पद रही है। यहां राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं, बल्कि अस्तित्व की जंग भी है, जहां हर चुनाव एक आंदोलन की तरह लड़ा जाता है और हर नेता खुद को जनता का मसीहा बताने की कोशिश करता है। इसी परंपरा के बीच पूर्णिया के सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने वैशाली के गनियारी गांव में जो किया, उसने एक बार फिर यह सवाल उठा दिया है कि क्या भारत में आदर्श चुनाव आचार संहिता अब महज एक औपचारिकता बनकर रह गई है?

वैशाली के सहदेई प्रखंड में गंगा के कटाव ने सैकड़ों परिवारों की ज़मीन, घर और उम्मीद सब कुछ निगल लिया है। विस्थापित लोग तिरपालों और टूटी नावों के सहारे अपनी ज़िंदगी समेटने की कोशिश में हैं। ऐसे में पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और करीब अस्सी परिवारों को चार-चार हजार रुपये नकद दिए। इस दौरान वहां पर कैमरे भी मौजूद थे और मीडिया के सवाल भी। लेकिन, जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें यह एहसास है कि आचार संहिता के दौरान ऐसा करना सीधा उल्लंघन है, तो उन्होंने जो जवाब दिया, वही इस पूरे विवाद की धुरी बन गया। चुनाव आयोग के डर से गरीब की मदद करना बंद नहीं करूंगा। जिसको जो करना है करे।

संबंधितपोस्ट

भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

अब बिहार में जंगलराज नहीं, जनराज चलेगा: बेतिया से सीतामढ़ी तक मोदी की हुंकार, RJD-कांग्रेस के कुशासन पर करारा प्रहार

और लोड करें

आचार संहिता का उड़ा उपहास

उनका यह बयान सिर्फ एक चुनौती नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मूल आत्मा पर चोट है। क्योंकि चुनावी आचार संहिता की बुनियाद ही इस विचार पर टिकी है कि कोई भी नेता या पार्टी अपने संसाधनों का दुरुपयोग कर मतदाताओं को प्रभावित नहीं करेगी। यह नियम उस संतुलन को बनाए रखने के लिए है, जो अमीर और गरीब उम्मीदवार के बीच समान प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करता है। लेकिन जब कोई सांसद खुलेआम नकद सहायता बांटता है और इसे मानवीय मदद का नाम देता है, तो यह उस पूरी संवैधानिक अवधारणा का उपहास है, जिसके लिए आचार संहिता बनी थी।

पप्पू यादव का तर्क भावनात्मक है और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत भी। वे कहते हैं कि लोग मर रहे हैं, घर बह गए हैं, कोई नेता नहीं आया, प्रशासन मूक है, तो क्या मैं सिर्फ इसलिए मदद न करूं क्योंकि चुनाव घोषित हो गया है? यह सवाल सीधा जनता के दिल को छूता है। एक भूखे व्यक्ति के लिए कानून और करुणा में फर्क नहीं होता, उसके लिए जो उसे दो वक्त का सहारा दे दे, वही भगवान है। लेकिन राजनीति में यही भावनात्मक समीकरण खतरनाक मोड़ ले लेते हैं। क्योंकि अगर हर नेता “गरीब की मदद” के नाम पर चुनावी क्षेत्र में नकद बांटना शुरू कर दे, तो फिर चुनाव निष्पक्षता का अर्थ ही खो बैठेगा।

क्या कहता है कानून

भारत के चुनावी कानून इसीलिए बेहद स्पष्ट हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 171-B और 171-E के तहत किसी भी मतदाता को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ या उपहार देने को ब्राइबरी यानी रिश्वत माना गया है। यह रिश्वत केवल तब नहीं होती जब कोई व्यक्ति वोट की मांग करे, यह अपराध तब भी है जब कोई ऐसा लाभ देता है जिससे मतदाता की निष्ठा या निर्णय प्रभावित हो सकता हो। पप्पू यादव का यह कदम इसी श्रेणी में आता है। वे सांसद हैं, और जनता के बीच जाकर नकद बांटना, चाहे वे खुद उसे राहत कहें या दया, कानून की नजर में अपराध ही है।

लेकिन, यहां पर सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं हुआ? यहां लोकतंत्र की नैतिकता भी घायल हुई है। क्योंकि जब कोई सांसद कहता है कि जिसको जो करना है करे, तो वह सिर्फ चुनाव आयोग को नहीं, बल्कि उस लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती दे रहा होता है जिसने उसे संसद तक पहुंचाया। आचार संहिता कोई सरकारी हुक्म नहीं, बल्कि एक लोक-संविधान है, एक नैतिक अनुबंध जो नेताओं को यह याद दिलाता है कि सत्ता सेवा के लिए है, प्रदर्शन के लिए नहीं।

पप्पू यादव के इस कृत्य का दूसरा पहलू राजनीतिक है। उन्होंने मौके पर चिराग पासवान और नित्यानंद राय पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आपके पैसों से सौ हेलीकॉप्टर उड़ेंगे, अरबों रुपये चुनाव में खर्च होंगे, लेकिन गरीबों की सुध लेने कोई नहीं आता। इस वक्तव्य का एक हिस्सा सही भी है, यह सच है कि चुनावों में बेहिसाब पैसा बहाया जाता है और जनता की समस्याएं हाशिए पर ही रहती हैं। लेकिन जब इसी तर्क का इस्तेमाल कर कोई नेता खुद कानून तोड़ता है, तो वह न केवल अपने प्रतिद्वंद्वियों को बल्कि खुद अपने नैतिक आधार को भी खो देता है।

यहां बता दें कि पप्पू यादव की राजनीति हमेशा से जनभावना की राजनीति रही है। वे सड़कों पर उतरने वाले, बाढ़ग्रस्त इलाकों में पहुंचने वाले, एंबुलेंस चलाने वाले नेता हैं और इस वजह से जनता के बीच उनकी एक अलग छवि भी है। लेकिन जब यह छवि मदद से आगे बढ़कर प्रभाव में बदलने लगती है, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर बोझ डालती है। जनता की पीड़ा, जो किसी लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की जिम्मेदारी होती है, अब नेताओं के लिए प्रचार का उपकरण बनती जा रही है। दरअसल, यही भारत की सियासत की सबसे बड़ी विडंबना है।

चुनाव आयोग की भूमिका भी कसौटी पर

इस पूरे मामले में चुनाव आयोग की भूमिका भी कसौटी पर है। यह घटना किसी गुप्त अभियान की तरह नहीं हुई, बल्कि खुलेआम कैमरे के सामने हुई है। जब खुद नेता स्वीकार कर रहा है कि उसने पैसे बांटे, तो आयोग के पास कार्रवाई करने का पूरा आधार है। लेकिन, अगर आयोग इस पर सिर्फ चेतावनी देकर या अनदेखी कर आगे बढ़ गया, तो यह मिसाल हर राज्य में दोहराई जाएगी। तब हर नेता यही कहेगा कि हम तो मानवीय मदद कर रहे हैं और आचार संहिता एक औपचारिक दस्तावेज बनकर रह जाएगी।

बिहार की राजनीति का इतिहास बताता है कि यहां जनता की भावनाओं के साथ खेलने की कला नेताओं को बखूबी आती है। हर बाढ़, हर आपदा, हर विस्थापन, एक राजनीतिक अवसर बन जाता है। पप्पू यादव का यह कदम भी उसी परंपरा की अगली कड़ी है। फर्क सिर्फ इतना ही है कि उन्होंने इसे स्वीकार करने में भी कोई झिझक नहीं दिखाई। उन्होंने जो किया, उसे साहस के रूप में प्रस्तुत किया, जैसे नियम तोड़ना किसी नैतिक अधिकार का प्रदर्शन हो।

क्या कानून से कानून से ऊपर हो सकती है संवेदना?

लेकिन सवाल यही है कि क्या लोकतंत्र में संवेदना कानून से ऊपर हो सकती है? क्या कोई सांसद यह तय करेगा कि कब नियम लागू होंगे और कब नहीं? अगर ऐसा हुआ, तो लोकतंत्र का ढांचा भावनाओं की भीड़ में ढह जाएगा। क्योंकि फिर चुनाव कानूनों का पालन करने वाले ईमानदार उम्मीदवार कमजोर पड़ जाएंगे और जो गरीबों की मदद के नाम पर पैसे बांटेंगे, वे जनता की करुणा को अपने पक्ष में मोड़ लेंगे।

गनियारी गांव के पीड़ितों ने कहा कि अब तक हमारी सहायता करने कोई नहीं आया, सिर्फ पप्पू यादव मदद कर रहे हैं। यह वाक्य जितना मार्मिक है, उतना ही दर्दनाक भी। यह हमारे सिस्टम की असफलता की गवाही है कि जहां राज्य नहीं पहुंचता, वहां नेता अपनी जेब लेकर पहुंचते हैं। लेकिन, इस असफलता की भरपाई नियम तोड़कर नहीं की जा सकती। राहत व्यवस्था में सुधार की मांग की जा सकती है, प्रशासन पर सवाल उठाए जा सकते हैं, संसद में आवाज उठाई जा सकती है, लेकिन नकद वितरण लोकतंत्र की भाषा नहीं है।

अब देखना यह है कि चुनाव आयोग क्या रुख अपनाता है। क्या वह इस मामले को उदाहरण बनाकर सख्त कार्रवाई करेगा या फिर राजनीतिक प्रभाव के दबाव में इसे मानवीय सहायता मानकर छोड़ देगा? अगर आयोग ने इस बार भी ढिलाई दिखाई, तो आने वाले वर्षों में हर चुनाव राहत शिविरों और नकद वितरण के बीच फंसा रहेगा।

पप्पू यादव का यह प्रकरण केवल बिहार की राजनीति का एक विवाद नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि अगर भावनात्मक राजनीति को कानून से ऊपर रखा गया, तो लोकतंत्र धीरे-धीरे करुणा के नाम पर भ्रष्टाचार में बदल जाएगा।

हां, एक बात और लोकतंत्र संवेदना का शत्रु नहीं है, लेकिन संवेदना की आड़ में कानून तोड़ना लोकतंत्र का अपमान है। मदद की भावना पवित्र है, लेकिन अगर वह वोट की दिशा बदल दे, तो वह परोपकार नहीं, प्रलोभन है। यही इस पूरी घटना की असली त्रासदी है कि बिहार के एक गांव में करुणा और कानून आमने-सामने खड़े हैं, और जनता अब भी यह तय नहीं कर पा रही कि किसे सही माने।

Tags: Bihardistribution of moneyfloodModel Code of ConductPappu YadavPurnia MPVaishaliआदर्श चुनाव आचार संहितापप्पू यादवपूर्णिया सांसदपैसे बांटनाबाढ़बिहारवैशाली
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

करवा चौथ 2025: आज सुहागिनें रखेंगी अखंड सौभाग्य का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और आपके शहर में कब दिखेगा चांद

अगली पोस्ट

अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

संबंधित पोस्ट

प्रधानमंत्री मोदी ने सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि
भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि, 1943 में पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराने की घटना को किया याद

30 December 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी और 30 दिसंबर 1943 को पोर्ट ब्लेयर में भारतीय तिरंगा फहराने के...

हसीना से यूनुस तक
भारत

हसीना के बाद यूनुस: बांग्लादेश में सत्ता और दिशा का मौन परिवर्तन

30 December 2025

2024 में बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, वह अचानक लोकतांत्रिक जागरण नहीं था। न ही यह जनता का स्वतः उत्पन्न विद्रोह था। यह एक संगठित...

खनन से आगे की लड़ाई
भारत

मशीनों के युग की अनदेखी धातुएँ: क्यों ज़रूरी हैं दुर्लभ मृदा तत्व

30 December 2025

दुर्लभ मृदा तत्व आधुनिक सभ्यता की नींव हैं, लेकिन आम लोगों की नजरों से लगभग ओझल रहते हैं। विज्ञान और उद्योग से बाहर बहुत कम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited