TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

विजयदशमी पर सरसंघचालक का संदेश: आत्मनिर्भर भारत की वैश्विक भूमिका

प्रतिवर्ष विजयदशमी के दिन नागपुर में होने वाला सरसंघचालक का उद्बोधन विशेष महत्त्व का होता है और यह उद्बोधन संघ के स्वयंसेवकों को आगामी वर्ष के लिए दिशा निर्देश भी माना जाता है।

Dr. Mahender द्वारा Dr. Mahender
3 October 2025
in चर्चित, भारत, मत
विजयदशमी पर सरसंघचालक का संदेश: आत्मनिर्भर भारत की वैश्विक भूमिका

विजयादशमी पर सरसंघचालक का संदेश: आत्मनिर्भर भारत की वैश्विक भूमिका

Share on FacebookShare on X

2 अक्तूबर 2025, स्थान रेशमबाग नागपुर, उपस्थिति भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और बड़ी संख्या के संघ के स्वयंसेवक तथा देश, विदेश के विशेष आमंत्रित गणमान्य लोग । उपलक्ष्य था विजयादशमी उत्सव और संघ की स्थापना दिवस का कार्यक्रम। इसी कार्यक्रम के साथ ही शुरू हुआ संघ का शताब्दी वर्ष। यानि संघ सौ वर्ष का हो गया। वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन जन्मजात देशभक्त और महान क्रान्तिकारी डॉ. हेडगेवार द्वारा की गयी यह उद्घोषणा कि ‘आज से हम संघ शुरू कर रहे हैं’’ की गूंज को गूंजते हुए सौ वर्ष हो गए। इस उद्घोषणा की गूंज अनेक उतार चढ़ावों के बावजूद कभी धीमी नहीं पड़ी, बल्कि इसका स्वर या नाद सतत ऊँचा ही उठता गया और इसी का परिणाम है देश के दो-दो पूर्व राष्ट्रपतियों द्वारा संघ के विजयादशमी उत्सव में पधारना।

नागपुर के मोहिते के बाड़ा से निकली संघ धारा आज देश के कोने कोने में पहुंच चुकी है। प्रतिवर्ष विजयादशमी के दिन नागपुर में होने वाला सरसंघचालक का उद्बोधन विशेष महत्त्व का होता है और यह उद्बोधन संघ के स्वयंसेवकों को आगामी वर्ष के लिए दिशा निर्देश भी माना जाता है। इस बार के उद्बोधन में सरसंघचालक ने न केवल संघ की विचारधारा और दृष्टिकोण को दोहराया, बल्कि राष्ट्रीय, सामाजिक और वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में भी संदेश दिया। वास्तव में उनका यह उद्बोधन न केवल संघ के स्वयंसेवकों के लिए महत्त्वपूर्ण है, बल्कि पूरे भारतीय समाज और सार्वजनिक विमर्श के लिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें भारत की सांस्कृतिक चेतना, राष्ट्रीय चरित्र, और वैश्विक उत्तरदायित्व को परिभाषित करने का प्रयास किया गया है।

संबंधितपोस्ट

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

और लोड करें

शताब्दी वर्ष के माहौल में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी पिछले कुछ समय से संघ के बारे में लेख लिखकर, डाक टिकिट और सिक्का जारी करने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करके चौंकाने वाले उद्यम कर रहे हैं। ऐसे में सरसंघचालक द्वारा दिए गए विजयादशमी उद्बोधन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है। इस कार्यक्रम के मंच पर लगे बैनर और उस पर लिखे शब्दों का भी विशेष अर्थ और महत्त्व होता है। इस बार के बैनर पर लिखा था, ‘संघ चरण बढ़ रहे… । इस कार्यक्रम में जो एकल गीता गाया गया, उसकी शुरुआत भी इसी पंक्ति से हुई। इन्हीं चार शब्दों में संघ की सौ वर्ष की यात्रा का सांकेतिक वर्णन है। इसका यही भाव है कि सतत चलने वाली यह संघ यात्रा सौ वर्ष पूर्ण होने पर भी तब तक सतत चलती रहेगी, जब तक भारत विश्व का सिरमौर न बन जाए।

अपने उद्बोधन में सरसंघचालक ने बीते वर्ष की कुछ घटनाओं का जिक्र किया। जिनमें महाकुंभ के सफल आयोजन की बात की। इसके माध्यम से उन्होंने भारत की अंतर्निहित सांस्कृतिक एकता और सामाजिक समरसता का संकेत किया। इसके बाद पहलगाम में मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा  पहचान पूछकर हिन्दू धर्म यात्रियों की हत्या की घटना का जिक्र करके उन्होंने भारत को सुरक्षा के प्रति और अधिक सजग रहने और समर्थ बनने का संकेत किया। वहीं भारतीय सेना की सटीक और निर्णायक प्रतिक्रिया का जिक्र करके उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि भारत अब सिर्फ सहन करने वाला राष्ट्र नहीं रहा है, बल्कि अपने हिसाब से उत्तर देने में सक्षम है। इसके साथ ही उन्होंने नक्सलवाद में आई कमी को प्रशासनिक दृढ़ता और जनता की जागरूकता का परिणाम बताया और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में न्याय, विकास, सद्भावना, संवेदना तथा सामरस्य स्थापन करने के लिए सरकार को व्यापक योजना बनाने का सुझाव भी दिया। कुल मिलाकर विविध घटनाओं का जिक्र करके उन्होंने उनसे मिली सीख का उपयोग भविष्य में करने का संकेत किया।

मोहन भागवत ने यह स्वीकार किया गया कि भारत में आर्थिक क्षेत्र में प्रगति हुई है, लेकिन साथ ही उन्होंने कुछ गंभीर मुद्दे भी उठाए, जैसे अमीरी व गरीबी का अंतर बढ़ रहा है, आर्थिक सामर्थ्य का केंद्रीकृत होना, शोषकों के लिए अधिक सुरक्षित शोषण का नया तंत्र दृढ़मूल होना, पर्यावरण की हानि, मनुष्यों के आपसी व्यवहार में संबंधों की जगह व्यापारिक दृष्टि व अमानवीयता का बोलबाला होना आदि। इनके साथ ही अपने हित में अमेरिका द्वारा थोपी गयी टैरिफ नीति से उत्पन्न हुई वैश्विक समस्याओं की बात भी की। सरसंघचालक के अनुसार संघ उन  समस्याओं का समाधान ‘स्वदेशी’ और ‘स्वावलंबन’ में देखता है, न कि अंधाधुंध वैश्वीकरण में। ऐसा कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि उनकी यह सोच भावनात्मक नहीं है, बल्कि यथार्थ से परिपूर्ण और आज की वस्तुस्थिति के अनुसार है। यही संकेत उन्होंने किया, “विश्व परस्पर निर्भरता पर जीता है। परंतु स्वयं आत्मनिर्भर होकर, विश्व जीवन की एकता को ध्यान में रखकर हम इस परस्पर निर्भरता को अपनी मजबूरी न बनने देते हुए अपने स्वेच्छा से जिएं, ऐसा हमको बनना पड़ेगा।’

हिमालय में भूस्खलन, हिमनदियों का सूखना और अनियमित वर्षा आदि का विषय उठाकर वे प्रचलित जड़वादी व उपभोगवादी विकास नीति पर पुनर्विचार करने पर जोर देते हैं। यह वास्तव में एक वैज्ञानिक आधार पर दी गयी चेतावनी जैसा है और यह इस बात पर बल देने का प्रयास है कि अब हमारे लिए पर्यावरण को अपनी नीति-निर्माण का केंद्रीय विषय बनाना अपरिहार्य है।

उन्होंने श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में हुई राजनीतिक उथल-पुथल का विषय उठाते हुए भारत के लिए चिंताजनक बताया। साथ ही विदेशी शक्तियों के साथ-साथ भारत में पनपने वाली भारत विरोधी शक्तियों के प्रति जागरूक रहने का स्पष्ट संदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने भारत को उसका दायित्व भी ध्यान कराया कि वह पडोसी देशों के साथ सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है अर्थात् परिवार जैसा है, इसलिए वहाँ पर शांति और स्थिरता बने रहना भारत के लिए हितकारी है और इसके लिए भारत को सतत प्रयास करते रहना चाहिए। किसी भी विकट परिस्थिति में भारत को मूक दर्शक नहीं बने रहना चाहिए। विदेश नीति को लेकर यहाँ उन्होंने ‘दखल नहीं, पर दूरी भी नहीं’ की नीति अपनाने की ओर संकेत किया।

आगे उन्होंने भारत को उसका वैश्विक उत्तरदायित्व और कर्तव्य स्मरण कराया। जिसमें विचारशीलता और सह-अस्तित्व पर बल दिया गया है और दुनिया में चल रही सामाजिक, मानसिक, पारिवारिक और नैतिक अस्थिरता की समस्याओं के समाधान के लिए भारत की भूमिका को वैश्विक पुनर्निर्माण में निर्णायक बताया। यह कथन कि ‘अब विश्व इन समस्याओं के समाधान के लिए भारत की दृष्टि से निकले चिंतन में से उपाय की अपेक्षा कर रहा है’, वास्तव में भारत के प्राचीन ज्ञान और समग्र दृष्टिकोण को एक समाधान के रूप में प्रस्तावित करता है।

आगे उन्होंने भारतीय समाज की वर्तमान सकारात्मक प्रवृत्तियों का यथार्थ चित्र प्रस्तुत किया है। यह न केवल वर्तमान सामाजिक जागरूकता का प्रतिबिंब है, बल्कि एक ऐसे भविष्य की ओर संकेत करता है जहाँ भारत अपने मौलिक चिंतन और परंपरागत मूल्यों के साथ आधुनिकता का संतुलन स्थापित कर सकता है। उन्होंने भारतीय चिंतन दृष्टि की एक गूढ़, परंतु अत्यंत प्रासंगिक व्याख्या भी की । इसमें न केवल आधुनिक विश्व की अधूरी अथवा खंडित जीवन दृष्टि की ओर इशारा किया गया, बल्कि भारतीय दृष्टिकोण की समग्रता और समाधानकारी क्षमता को भी उजागर किया गया है। जब वे समस्या समाधान के लिए स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, दीनदयाल उपाध्याय, और डॉ. लोहिया जैसे मनीषियों और महापुरुषों का नाम लेते हैं तो उनका संकेत इस तथ्य की ओर होता है कि विकास केवल मानव जीवन के भौतिक स्तरों को छूने वाला ही नहीं होना चाहिए, बल्कि आध्यात्मिक स्तर अथवा चेतना के विकास से भी जुड़ा होना चाहिए। वास्तव में यह दृष्टिकोण संविधान, समाज और संस्कृति के त्रिकोणीय संतुलन की बात करता है। जहाँ उन्होंने भारत को अपने उदाहरण से एक नई रचना का अनुकरणीय प्रतिमान विश्व को देने की बात की है, तो यह विचार कोई अहंकार नहीं, बल्कि भारत का दायित्वबोध है।

उद्बोधन में आगे उन्होंने संघ के चिंतन पर विस्तार से प्रकाश डाला है। यह चिंतन केवल एक संगठन की उपलब्धियों का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि भविष्य के भारत के लिए एक वैचारिक दिशा निर्देशन जैसा है। इसमें आत्मनिरीक्षण, यथार्थबोध और भविष्य की ओर स्पष्ट दृष्टिकोण जैसी बातें हैं। मूल संदेश यह है कि राष्ट्र का उत्थान सरकार या शासन से नहीं होता है, बल्कि समाज से होता है। इसके लिए संघ का चिन्तन और पद्धति है शाखा के माध्यम से चरित्रवान व्यक्तियों का निर्माण और ये चरित्रवान व्यक्ति समाज परिवर्तन और व्यवस्था परिवर्तन करेंगे। यह काम केवल भाषण से नहीं होगा, बल्कि आचरण में बदलाब के माध्यम से होगा। इसके लिए समाज के प्रबोधन की आवश्यकता पर भी जो देना पड़ेगा। साथ ही भारत को अपनी समग्र व एकात्म दृष्टि के आधार पर अपना विकास पथ बनाकर, विश्व के सामने एक यशस्वी उदाहरण रखना पड़ेगा। अर्थ व काम के पीछे अंधी होकर भाग रही दुनिया को पूजा व रीति रिवाजों के परे, सबको जोड़ने वाले, सबको साथ में लेकर चलने वाले, सबकी एक साथ उन्नती करने वाले धर्म का मार्ग दिखाना ही होगा। इसके लिए संघ की शाखा महत्त्वपूर्ण उपक्रम हो सकती है। शाखा संगठन और संस्कारो की प्रयोगशाला है और यह प्रमाणिक व्यवस्था विगत 100 वर्षों से चल रही है और दीर्घकालीन सामाजिक परिवर्तन का आधार भी बन सकती है।

भारत में भेद उत्पन्न करने वाली बुरी शक्तियों को स्पष्ट संदेश देते हुए सरसंघचालक ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है और यहाँ की विविधताओं को संघ भेद नहीं मानता, बल्कि विशिष्टता मानता है। उन्होंने यह जोर देकर दोहराया कि भारत के मत-पंथ, पूजा-पद्धतियाँ और परंपराएँ भिन्न हो सकती हैं, लेकिन सांस्कृतिक एकता जिसे अंग्रेजी में Inherent Cultural Unity कहा जाता है, सभी को जोड़ने वाला कारक है। डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर के कथन को उन्होंने इसका आधार बताया। उनका यह दृष्टिकोण विवाद की ओर नहीं, बल्कि संवाद और समाधान की ओर जाता है।

उन्होंने नियम और व्यवस्था पालन पर भी जोर दिया और छोटी-बड़ी बातों पर या केवल मन में संदेह होने के कारण कानून हाथ में लेकर सड़कों पर निकलकर उपद्रव, तोड़फोड़ या गुंडागर्दी करने और हिंसा करने की दूषित प्रवृत्ति को भी आड़े हाथों लिया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसी दूषित और हिंसक प्रवृत्तियों की रोकथाम करने के लिए सरकार को अपना काम बिना किसी पक्षपात के और बिना किसी दबाव में आये नियम और कानून के अनुसार करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह बात भी स्वीकार की कि जागरूक नागरिक होने का परिचय देने के लिए समाज की सज्जन शक्ति व तरुण पीढ़ी को भी सजग व संगठित होना पडेगा और आवश्यकतानुसार हस्तक्षेप भी करना पडेगा।

पाश्चात्य जगत कि ‘Nation State’ जैसी कल्पना को उन्होंने सीधे नकारते हुए कहा कि राज्य आते हैं और जाते हैं, परन्तु ‘राष्ट्र’ निरन्तर विद्यमान है। हम सब की एकता का यह आधार हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए। आगे उन्होंने देश के एकता, एकात्मता, विकास व सुरक्षा की गारंटी के लिए संपूर्ण हिंदू समाज के बल संपन्न, शील संपन्न और संगठित होने की आवश्यकता को दोहराया। संक्षेप में उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया कि यदि हिन्दू समाज स्वयं संगठित और आत्मनिर्भर हो जाए, तो राष्ट्र की समस्त समस्याओं का समाधान उसी के भीतर से निकल सकता है। आगे उन्होंने शताब्दी वर्ष में सकारात्मक रूप से समाज परिवर्तन के लिए चलने वाले ‘पंच परिवर्तन’ अभियान पर प्रकाश डाला है।

उद्बोधन के अंत में उन्होंने संकेत किया भारत को केवल एक मजबूत या सशक्त राष्ट्र ही नहीं बनना है, बल्कि वैश्विक संतुलन और सांस्कृतिक दिशा देने वाला देश भी बनना है। इसके लिए उन्होंने आह्वान करते हुए कहा, “आइए, भारत का यही आत्मस्वरूप आज की देश-काल-परिस्थिति से सुसंगत शैली में फिर से विश्व में खडा करना है। पूर्वज प्रदत्त इस कर्तव्य को, विश्व की आज की आवश्यकता को, पूर्ण करने के लिए हम सब मिलकर, साथ चलकर, अपने कर्तव्यपथ पर अग्रसर होने के लिए आज की विजयादशमी के मुहूर्त पर सीमोल्लंघन को संपन्न करें।”

संक्षेप में कहें तो संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत का यह उद्बोधन केवल आलोचना या प्रशंसा नहीं करता, बल्कि संयमित समीक्षा अथवा विश्लेषण करते हुए भारत सहित वैश्विक चुनौतियों और समस्याओं का व्यावहारिक समाधान और सकारात्मक दिशा प्रस्तुत करता है और वैश्विक शांति के मार्ग में भारत की भूमिका और उत्तरदायित्व को दर्शाता है।

नारायणायेती समर्पयामि……

 

Tags: ‘100 वर्ष की संघ यात्रा- नए क्षितिज’100 Years of RSSMohan BhagwatRamnath kovindRashtriya Swayamsevak SanghSarsanghchalakआरएसएसआरएसएस चीफ मोहन भागवतनागपुरराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघविजयादशमीविजयादशमी उद्बोधन नागपुरसंघ शताब्दी वर्षसरसंघचालक
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

साम्राज्य का क्षय बनाम राष्ट्र का उत्थान: अमेरिका और भारत की दो राहें

अगली पोस्ट

भ्रष्टाचार की सड़ांध और चेन्नई से Wintrack Inc की विदाई: जब सरकार और अफ़सर दोनों जिम्मेदार हों

संबंधित पोस्ट

बाबरी विध्वंस
क्राइम

6 दिसंबर के दिन राजधानी को दहलाने की थी तैयारी, पहले हो गया धमाका! ‘बाबरी विध्वंस’ के दिन 6 बड़े हमलों की तैयारी में थे आतंकी

13 November 2025

जांच एजेंसियों के मुताबिक, 6 दिसंबर को दिल्ली-NCR में छह धमाके करने की साजिश रची गई थी। यह वही दिन है जब अयोध्या में विवादित...

बीबीसी की साख का घटता संकट
चर्चित

कितना भरोसेमंद है BBC? नई दिल्ली से तेल अवीव और वॉशिंगटन तक क्यों गिरती जा रही है बीबीसी की साख और विश्वसनीयता ?tfi

13 November 2025

न्यूट्रल जर्नलिज्म या ईमानदार पत्रकारिता के नाम पर एक ख़ास तरह की विचारधारा को थोपता आ रहा ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन यानी बीबीसी आज आज अपने...

बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट
भारत

ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

12 November 2025

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) अब बांग्लादेश में सक्रिय अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) और अन्य रोहिंग्या संगठनों के साथ अपना गठजोड़ और मजबूत कर...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited