TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

मर्दानगी, भावुकता, गंभीरता, कॉमेडी और रोमांस का ऐसा शानदार और अनूठा मिश्रण, शायद ही किसी दूसरे अभिनेता के खाते में दिखाई देता हो- जैसा धर्मेंद्र के पास था

TFI Desk द्वारा TFI Desk
24 November 2025
in चर्चित, चलचित्र, सिनेमा
शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

शोले फिल्म में जय-वीरू की जोड़ी फिल्म इतिहास की सबसे अमर जोड़ी है

Share on FacebookShare on X

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही–मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस दुनिया को अलविदा कह गए। कुछ रोज़ पहले भी उनकी मृत्यु की ‘फेक न्यूज’ वायरल हुई थी। इसीलिए जब आज दोबारा ये खबरें सामने आईं, तो उनके प्रशंसकों को पहली बार में यक़ीन ही नहीं हुआ। वो मनाते रहे धर्मेंद्र अपनी चिर–परचित मुस्कान के साथ मौत को फिर मात दें और ये खबरें किसी तरह फिर झूठी साबित हो जाएं। हालांकि दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से ये खबरें सही निकलीं और हम हिंदी सिनेमा के पहले ही–मैन को हमेशा के लिए खो चुके हैं।

छह दशकों से भी अधिक समय तक धर्मेंद्र ने बड़े पर्दे को वो सब दिया, जो बहुत कम कलाकार दे पाते हैं, फिर चाहे फूल और पत्थर में उनका ‘शर्टलेस’ शॉट हो, या सत्यकाम में उनका ‘आदर्शवादी’ गंभीर किरदार या फिर चुपके–चुपके की कमाल की कॉमिक टाइमिंग– धर्मेंद्र कभी किसी खांचे में नहीं बंधे। ऐसे कम ही कैरेक्टर होते हैं जो लुंगी/धोती में भी उतने ही जंचते हैं और टक्सीडो में भी, धर्मेंद्र उनमें से एक थे –मर्दानगी, भावुकता, गंभीरता, बेहतरीन कॉमेडी और रोमांस का शानदार और अनूठा मिश्रण, जो इतनी सहजता से शायद ही किसी और जगह दिखाई देता हो। लेकिन धर्मेंद्र ये सब करते रहे, निभाते रहे– वो भी बिना अपने ही अंदाज़ में ।

धर्मेंद्र हिंदी सिनेमा में ऐसे वक्त अपने कदम जमा रहे थे, जब एक तरह राजेश खन्ना का स्टारडम चरम पर था तो दूसरी तरफ़ अमिताभ बच्चन ‘एंग्री यंग मैन’ के रूप में उभर कर सामने आ रहे थे।

संबंधितपोस्ट

क्यों कॉलर ट्यून से हटाई जा रही है अमिताभ बच्चन की आवाज़?

सलमान से शाहरुख तक, ऑपरेशन सिंदूर पर क्यों खामोश रहे ‘रील हीरोज़’?

वैष्णो देवी मंदिर के पास रशियन छोरी संग शराब पी रहा था ‘बॉलीवुड का लाल’ ओरी, पुलिस ने दिए गिरफ्तारी के आदेश

और लोड करें

पंजाब के एक छोटे से गाँव में जन्मे धर्मेंद्र ने अपनी पहचान मेहनत, प्रतिभा और दर्शकों से गहरे जुड़ाव के दम पर बनाई। उन्हें पुरस्कार भले कम मिले हों, लेकिन प्यार—जैसा वे कहते थे—“उन्हें सीमाओं से परे और ज़िंदगी भर भरपूर” मिला।

हाल के वर्षों में उनकी तबीयत बिगड़ रही थी, सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, और इसी साल उनकी आँखों का कॉर्नियल ट्रांसप्लांट भी हुआ। इसके बावजूद वे भावनात्मक रूप से फिल्म जगत से जुड़े रहे और हर पीढ़ी द्वारा उतने ही प्रेम से याद किए जाते रहे।

अब उनके जाने के बाद पूरा फिल्म जगत शोक में डूबा है, हम भी धर्मेंद्र के करियर की 10 अमर फिल्मों के ज़रिए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं—ये फिल्में हिंदी सिनेमा को सौंपी गई उनकी विरासत हैं, जो ताउम्र बताती रहेंगी कि धर्मेंद्र सिर्फ ही–मैन नहीं थे, उनका कैनवस बहुत बड़ा और विस्तृत था।

धर्मेंद्र की टॉप 10 फिल्में

1. शोले (1975)

निर्देशक: रमेश सिप्पी

कुछ किरदार तालियां बटोरते हैं, और कुछ किदवंतियां बन जाते हैं—शोले में धर्मेंद्र का निभाया गया ‘वीरू’ उसी दूसरी श्रेणी में आता है। शोले में उनका सरल, हंसमुख, दिल का साफ इंसान—जो एक पल हंसाता है, तो अगले ही पल भावुक कर देता है। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी दोस्ती फिल्म इतिहास की सबसे यादगार जोड़ियों में शामिल है। जय-वीरू की जोड़ी आज भी पक्की दोस्ती को परिभाषित करने का प्रमाणपत्र है। इसी फिल्म में हेमामालिनी के साथ उनकी नोकझोंक और मशहूर “मौसी वाला सीन” भला कौन भूल सकता है। ‘वीरू’ के बिना शोले की आत्मा अधूरी है।

2. सत्यकाम (1969)

1969 में आई ऋषिकेश मुखर्जी की ये फिल्म धर्मेंद्र की अभिनय प्रतिभा का सबसे बड़ा प्रमाण है। इसमें धर्मेंद्र एक आदर्शवादी व्यक्ति की भूमिका में हैं, जो भ्रष्ट दुनिया में सत्य का मार्ग चुनता है। बिना किसी दिखावे, स्टारडम, ऐक्शन या ग्लैमर के—यह धर्मेंद्र की शुद्ध, मार्मिक और आत्मा को छूने वाली परफॉर्मेंस है और इसकी गिनती हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ अदाकारी में की जाती है।

3. चुपके चुपके (1975)

निर्देशक: ऋषिकेश मुखर्जी
यहां धर्मेंद्र का अलग अंदाज़ दिखता है– कॉमेडी का। कॉमेडी में धर्मेंद्र का कोई मुकाबला नहीं, और इसका सबसे बड़ा सबूत है यह फिल्म। हिंदी भाषा, उच्चारण और कमाल की कॉमिक टाइमिंग आज भी इस फिल्म को पुराना नहीं होने देते। ओम प्रकाश के साथ हंसी–ठिठोली हो या अमिताभ बच्चन के साथ संवाद—धर्मेंद्र हर दृश्य में गुदगुदाते दिखते हैं। यह भारतीय सिनेमा की बेहतरीन कॉमेडी फिल्मों में से एक है।

4. हकीकत (1964)

निर्देशक: चेतन आनंद
मुख्य कलाकार: धर्मेंद्र, प्रिया राजवंश, संजय खान, बलराज साहनी

भारत–चीन युद्ध पर आधारित यह क्लासिक फिल्म धर्मेंद्र के शुरुआती करियर का एक मील का पत्थर है। एक सैनिक के रूप में उनका संयमित, गंभीर और भावपूर्ण अभिनय फिल्म की आत्मा है। उनकी प्रेम कहानी और उनका दुखद सफर दर्शकों को कहीं भीतर तक छू जाता है।

5. अनुपमा (1966)

निर्देशक: ऋषिकेश मुखर्जी
मुख्य कलाकार: धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर, तरुण बोस

चुपके चुपके से उलट ऋषिकेश मुखर्जी की ही इस फिल्म में धर्मेंद्र एक शांत, संवेदनशील कवि की भूमिका में हैं—जो एक दबे–कुचले व्यक्तित्व वाली महिला को आत्मविश्वास देना सिखाता है। बिना किसी तड़के, ड्रामा के धर्मेंद्र इस किरदार को अपने सादगी भरे अभिनय के साथ निभा जाते हैं। यकीनन ये फिल्म और उनका ये किरदार उनके सिने करियर की उपलब्धियों में से एक है।

6. यादों की बारात (1973)

निर्देशक: नासिर हुसैन
“
मसाला फिल्मों” के दौर को परिभाषित करने वाली यह फिल्म धर्मेंद्र के दमदार अभिनय का बड़ा उदाहरण है। एक बिछड़े हुए भाई के रूप में वो अपना गुस्सा, पीड़ा और आकर्षण—सब कुछ पर्दे पर जीवंत करते हैं।

7. मेरा गाँव मेरा देश (1971)

निर्देशक: राज खोसला
मुख्य कलाकार: धर्मेंद्र, आशा पारेख, विनोद खन्ना

धर्मेंद्र यहाँ एक छोटे–मोटे अपराधी से नायक बनने की यात्रा में नज़र आते हैं। विनोद खन्ना के खलनायक स्वरूप के सामने उनका उभरता नायकत्व रोमांचक और बेहद सम्मोहक है। इस फिल्म ने उन्हें एक पावरफुल ऐक्शन स्टार के रूप में स्थापित किया।

8. दिल्लगी (1978)

निर्देशक: बासु चटर्जी
मुख्य कलाकार: धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा

यह हल्की–फुल्की, दिल को छू लेने वाली रोमांटिक कहानी धर्मेंद्र की सरल मोहकता को पूरी तरह दिखाती है। एक संकोची संस्कृत प्रोफेसर के रूप में उनका अभिनय मासूम और बेहद सहज है।

9. द बर्निंग ट्रेन (1980)

निर्देशक: रवि चोपड़ा
मुख्य कलाकार: धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, जीतेंद्र, हेमा मालिनी

भारत की शुरुआती “डिज़ास्टर फिल्मों” में से एक, इस फिल्म में धर्मेंद्र एक ऐसे इंजीनियर की भूमिका में हैं जो अपने पेशेवर सम्मान और निजी अपराधबोध दोनों से जूझता है। संकट की घड़ी में वही फिल्म का भावनात्मक स्तंभ बनते हैं। ये फिल्म शायद आज हिंदी सिनेमा की चुनिंदा ऐसी फिल्मों में से एक है– जिसे कमतर आंका गया है।

10. रॉकी और रानी की प्रेम कहानी (2023)

चंद वर्ष पहले आई इस फिल्म में धर्मेंद्र का ही–मैन नहीं एक शांत, काव्य–प्रिय बुजुर्ग की भूमिका में नज़र आते हैं शबाना आज़मी के साथ उनकी ख़ूबसूरत रोमांटिक केमिस्ट्री पूरी फिल्म की आत्मा जैसी है। ये फिल्म और इसमें धर्मेंद्र का किरदार याद दिलाता है कि रियल स्टार्स का चार्म कभी भी कम नहीं होता।

एक ऐसा दिग्गज—जिसकी जगह कोई नहीं ले सकता

धर्मेंद्र सिर्फ बॉलीवुड के बड़े सितारे नहीं थे—वे दिल के बेहद साफ इंसान थे। वे लड़ सकते थे, हंसा सकते थे, रुला सकते थे, और दिल जीत सकते थे। उनकी विनम्रता और उनका सादापन उन्हें और भी महान बनाता था।

पीढ़ियाँ बदलेंगी, लेकिन धर्मेंद्र की जादुई मौजूदगी सिल्वर पर हमेशा बनी रहेगी– सिल्वर स्क्रीन पर भी, यादों में भी, और करोड़ों दिलों में भी।

89 साल की उम्र में भी धर्मेंद्र सिनेमा से जुड़े रहे और अब उनकी आखिरी फिल्म “इक्कीस” 25 दिसंबर 2025 को रिलीज़ होगी, लेकिन दुर्भाग्य से इसे देखने के लिए वो ख़ुद यहां नहीं होंगे।

Tags: अमिताभ बच्चनऋषिकेश मुखर्जीजय-वीरूधर्मेंद्रबॉलीवुडरॉकी और रानी की प्रेम कहानीशोलेसनी देओलहेमामालिनी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

संबंधित पोस्ट

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की
अर्थव्यवस्था

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

19 November 2025

उत्तराखंड ने एक बार फिर खनन क्षेत्र में अपने बेहतरीन काम और लगातार सुधारों की वजह से केंद्र से बड़ी प्रोत्साहन राशि हासिल की है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited