अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

मोदी युग से पहले, पूर्वोत्तर को अक्सर डिस्टेंट फ्रंटियर कहा जाता था, एक भौगोलिक परिधि, जहां केंद्र की उपस्थिति केवल प्रशासनिक रिपोर्टों तक सीमित थी। सड़कें टूटी हुईं, हवाई कनेक्टिविटी नगण्य, और निवेश की संभावनाएं राजनीतिक अस्थिरता के नीचे दबी हुईं। मगर मोदी ने इस सोच को ही उलट दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर को अष्टलक्ष्मी कहा।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
10 November 2025
in चर्चित, भारत, भू-राजनीति, मत, राजनीति, विश्व, समीक्षा, संस्कृति
अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

पूर्वोत्तर की कहानी अब किसी फ्रंटियर की नहीं, बल्कि फ्यूचर की है।

Share on FacebookShare on X

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास का इंजन बन चुका है। आज वही इलाका, जो दशकों तक उपेक्षा, असंतोष और सीमाई असुरक्षा का पर्याय था, अब भारत की नई पहचान गढ़ रहा है। एक ऐसी पहचान जो परंपरा में गहरी है, आधुनिकता में सक्रिय है और आत्मगौरव में संपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों ने पूर्वोत्तर को सीमांत नहीं, बल्कि संपर्क और समृद्धि का सेतु बना दिया है। यही परिवर्तन, इस पूरे विमर्श का केंद्र है।

मोदी युग से पहले, पूर्वोत्तर को अक्सर डिस्टेंट फ्रंटियर कहा जाता था, एक भौगोलिक परिधि, जहां केंद्र की उपस्थिति केवल प्रशासनिक रिपोर्टों तक सीमित थी। सड़कें टूटी हुईं, हवाई कनेक्टिविटी नगण्य, और निवेश की संभावनाएं राजनीतिक अस्थिरता के नीचे दबी हुईं। मगर मोदी ने इस सोच को ही उलट दिया। उन्होंने पूर्वोत्तर को अष्टलक्ष्मी कहा। भारत के विकास की आठ शक्तियां: असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम। यह शब्द केवल भौगोलिक नहीं, सांस्कृतिक दृष्टि से भी गहरा प्रतीक है। लक्ष्मी, जो समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक है, अब भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में पुनर्जागृत हो रही है।

संबंधितपोस्ट

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

और लोड करें

मोदी का यह दृष्टिकोण केवल आर्थिक नहीं, वैचारिक भी है। 1947 के बाद भारत की राजनीतिक प्राथमिकताएं पश्चिम और उत्तर तक सीमित रहीं। नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई या कोलकाता के बीच ही ‘राष्ट्र का मानचित्र’ गढ़ा गया। पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्र, जहां भारत की सांस्कृतिक विविधता सबसे प्रखर रूप में जीवित थी, वे केवल सुरक्षा फाइलों में सीमित कर दिए गए। नक्सली हिंसा, उग्रवाद और सीमाई घुसपैठ के बीच, यह क्षेत्र खुद को भारतीय विमर्श से कटता हुआ महसूस करने लगा। लेकिन मोदी ने इस मानसिकता को तोड़ा। उन्होंने 2014 के बाद अपने हर भाषण, हर नीति में पूर्वोत्तर को भारत की आत्मा से जोड़ने का संकल्प व्यक्त किया।

पूर्वोत्तर के विकास के लिए मोदी सरकार ने जो काम किए, वे केवल आंकड़ों की सूची नहीं हैं — वे एक नए सोच की कहानी हैं। 2014 से पहले जहां पूर्वोत्तर के 100 में से केवल 30 प्रतिशत गांवों तक सड़कें थीं, आज यह आंकड़ा 90 प्रतिशत से अधिक है। भारतमाला और सागरमाला जैसी योजनाओं ने पूर्वोत्तर को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जोड़ दिया है। गुवाहाटी से इम्फाल, आइजॉल, शिलांग तक सीधी हवाई सेवा शुरू हुई। डिब्रूगढ़ और पासीघाट जैसे हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण हुआ, जिससे दूरस्थ पहाड़ी इलाकों तक भी वायु संपर्क संभव हुआ। यह सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का निर्माण है।

पूर्वोत्तर के लोग, जिनके भीतर दशकों से उपेक्षा की टीस थी, आज विकास के साक्षी हैं। मेघालय में ग्रामीण पर्यटन बढ़ा है, मिजोरम में बांस उद्योग को राष्ट्रीय पहचान मिली है, नागालैंड में ऑर्गेनिक खेती को प्रोत्साहन मिला है। त्रिपुरा, जो कभी सीमाई राज्य भर माना जाता था, अब अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र बन रहा है — बांग्लादेश से सीधे व्यापार गलियारे खुल चुके हैं। अगर कोई व्यक्ति गुवाहाटी से ढाका या बैंकॉक तक सड़क मार्ग से यात्रा करे, तो अब यह सपना नहीं रहा। भारत की “Act East Policy” अब कागज पर नहीं, जमीनी हकीकत बन चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी का विजन पूर्वोत्तर के लिए केवल ‘डेवलपमेंट’ तक सीमित नहीं है। वे इसे भारत के सिविलाइजेशनल गेटवे के रूप में देखते हैं। यह क्षेत्र भारत के प्राचीन व्यापार मार्गों, धर्म, संस्कृति और संगीत की जड़ें समेटे हुए है। असम से लेकर मणिपुर तक, वैष्णव परंपरा, बौद्ध संस्कृति और जनजातीय लोक जीवन में भारतीय सभ्यता की गहरी छाप है। मोदी जब पूर्वोत्तर को भारत का नैसर्गिक प्रवेश द्वार कहते हैं, तो वे केवल भूगोल नहीं, बल्कि इतिहास की उस आत्मा को पुनर्स्थापित कर रहे होते हैं, जिसे औपनिवेशिक युग ने दबा दिया था।

पूर्वोत्तर का यह पुनर्जागरण केवल केंद्र की योजनाओं से संभव नहीं हुआ, बल्कि वहां के लोगों की अदम्य भावना से भी जुड़ा है। इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का लेख अत्यंत प्रासंगिक है। उन्होंने लिखा कि मेघालय और असम की यात्रा में उन्होंने महसूस किया कि यहां के लोग अपनी परंपरा को छोड़कर नहीं, बल्कि उसी के साथ आधुनिकता को गले लगा रहे हैं। यह वही दृष्टिकोण है जो प्रधानमंत्री मोदी के विकास मॉडल की आत्मा है, विकास बिना विरासत खोए।

मोदी सरकार के पहले दशक में पूर्वोत्तर में हुए निवेश की तुलना यदि स्वतंत्रता के बाद के किसी भी कालखंड से की जाए, तो अंतर साफ दिखाई देता है। चाहे रेल परियोजनाएं हों, बॉर्डर ट्रेड कॉरिडोर हों, या हाइड्रो-पावर प्लांट, सबमें असाधारण तेजी आई है। 2014 से पहले जहां पूर्वोत्तर में रेलवे की कुल लंबाई मात्र 2500 किमी थी, वह अब 4000 किमी से अधिक हो चुकी है। पहली बार मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश को रेल नेटवर्क से जोड़ा गया। इस भौतिक जुड़ाव के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव भी हुआ, जो पहले कभी नहीं देखा गया था।

पूर्वोत्तर के युवाओं को केंद्र की योजनाओं से जोड़ने के लिए मोदी सरकार ने Ishan Uday और Ishan Vikas जैसी योजनाएं शुरू कीं। आज हजारों छात्र दिल्ली, मुंबई और पुणे जैसे शहरों में स्कॉलरशिप पर पढ़ रहे हैं। उनके लिए रोजगार और उद्यमिता के नए रास्ते खुले हैं। डिजिटल इंडिया अभियान ने इस क्षेत्र में इंटरनेट की पहुंच को बढ़ाया, जहां 2014 में 25% से भी कम इंटरनेट कवरेज थी, वह अब 80% से ऊपर पहुंच गई है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि पूर्वोत्तर भारत अब भारत के आर्थिक नक्शे पर केंद्र बिंदु बन रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की Act East Policy ने इस क्षेत्र को न केवल भारत की मुख्य भूमि से जोड़ा है, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क का सेतु भी बनाया है। भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग, कलादान मल्टीमॉडल प्रोजेक्ट, और चाबहार से लेकर सिटवे पोर्ट तक की रणनीतिक कड़ी। इन सबका भू-राजनीतिक केंद्र पूर्वोत्तर ही है। यही कारण है कि मोदी ने कहा था, पूर्वोत्तर, भारत का हृदय नहीं, अब उसका चेहरा बनेगा।

भू-राजनीतिक दृष्टि से भी पूर्वोत्तर का महत्व अब पहले से कहीं अधिक है। चीन, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान की सीमाओं से सटा यह क्षेत्र भारत की सामरिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। मोदी सरकार ने इस क्षेत्र की सीमाई सुरक्षा को सशक्त करने के लिए एक सुसंगठित रणनीति अपनाई। अरुणाचल प्रदेश में नई सड़कों और पुलों के निर्माण से सीमा चौकियों तक सेना की पहुंच आसान हुई है। तेजपुर, हाशिमारा और जोरहाट एयरबेस को आधुनिक हथियारों और रडार सिस्टम से लैस किया गया है। यह केवल रक्षा रणनीति नहीं, बल्कि भारत की पूर्व दिशा में आत्मविश्वास का प्रतीक है।

पहले केंद्र की नीतियां पूर्वोत्तर में इंटीग्रेशन के नाम पर इम्पोज़िशन करती थीं। लेकिन मोदी की नीति में स्थानीय पहचान का सम्मान केंद्रीय है। उदाहरण के लिए, नागालैंड के पारंपरिक शासन ढांचे को संवैधानिक दायरे में रखते हुए सशक्त किया गया। मेघालय में जनजातीय भूमि अधिकारों को बरकरार रखते हुए विकास योजनाएँ लागू की गईं। असम में बराक घाटी और ब्रह्मपुत्र घाटी दोनों के हितों को ध्यान में रखकर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ। यह एकता में विविधता का वास्तविक मॉडल है, जो केवल नारों में नहीं, नीति में झलकता है।

मोदी का पूर्वोत्तर विजन एक और बड़े उद्देश्य से जुड़ा है। भारत की सभ्यता को पुनर्स्थापित करना। वे मानते हैं कि जब तक पूर्वोत्तर को भारत के सांस्कृतिक प्रवाह में समान सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक राष्ट्र की आत्मा अधूरी रहेगी। यही कारण है कि उन्होंने पूर्वोत्तर को अष्टलक्ष्मी कहकर न केवल भौगोलिक पहचान दी, बल्कि आध्यात्मिक गौरव भी लौटाया।

पूर्वोत्तर का सांस्कृतिक पुनर्जागरण, प्रधानमंत्री मोदी की उस व्यापक सोच का प्रतिबिंब है जिसमें विकास केवल भौतिक ढांचा नहीं, बल्कि आत्मा का पुनरुद्धार भी है। यह वह क्षेत्र है जिसने भारत की सांस्कृतिक एकता को सबसे अधिक विविध रूपों में जीवित रखा। नागालैंड की लोक परंपराएं, असम का भूपेन हजारिका का संगीत, मणिपुर का रासलीला, मेघालय का पर्वतीय नृत्य और त्रिपुरा की जनजातीय कलाएं,

सब मिलकर भारत की उस अस्मिता को अभिव्यक्त करती हैं, जो किसी एक भाषा या प्रांत में सीमित नहीं। मोदी का “एक भारत श्रेष्ठ भारत” का नारा, पूर्वोत्तर में आकार लेता दिखता है, क्योंकि यहाँ विविधता ही एकता की परिभाषा है।

पूर्वोत्तर में मोदी सरकार ने पहली बार यह सुनिश्चित किया कि केंद्र की योजनाएँ दिल्ली से नहीं, क्षेत्र के लोगों की ज़रूरतों से तय हों। North East Special Infrastructure Development Scheme जैसी योजनाओं में स्थानीय प्रशासन की भूमिका को निर्णायक बनाया गया। पर्यटन, जैविक खेती, हस्तशिल्प और जलविद्युत — इन सभी को एक साथ जोड़कर Integrated Development Model लागू किया गया। इससे जो संदेश गया, वह केवल प्रशासनिक नहीं, भावनात्मक था कि केंद्र, अब ‘डिस्टेंस गवर्नेंस’ नहीं बल्कि ‘पार्टनरशिप गवर्नेंस’ की नीति पर काम कर रहा है।

मोदी की नीति में पूर्वोत्तर का आर्थिक महत्व भी उतना ही गहरा है। यह क्षेत्र भारत के भविष्य के व्यापार मार्गों की रीढ़ बनने जा रहा है। जिस तरह यूरोप का भविष्य बाल्कन देशों के खुलने से बदला, उसी तरह भारत का आर्थिक भूगोल अब पूर्वोत्तर से आकार ले रहा है। भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पूरा होने के बाद यह इलाका बैंकॉक से सीधा सड़क मार्ग से जुड़ जाएगा। इसके साथ मिजोरम और त्रिपुरा से होकर गुजरने वाले व्यापार गलियारे, बांग्लादेश के बंदरगाहों तक भारत की पहुंच आसान करेंगे। अब अगर कोई उद्योगपति आसाम में कारखाना लगाए, तो उसका उत्पाद सीधे दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजार तक जा सकेगा, यह अपने आप में ऐतिहासिक परिवर्तन है।

यह वही विजन है जिसे मोदी ने Act East नहीं बल्कि Act Fast for East के रूप में परिभाषित किया। 1990 के दशक में शुरू हुई “Look East Policy” केवल विदेश मंत्रालय की फाइलों में सीमित रही थी। लेकिन मोदी ने इसे “Action-Oriented Regional Strategy” बना दिया। आज थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर और इंडोनेशिया के साथ भारत के जो कूटनीतिक और व्यापारिक संबंध गहरे हुए हैं, उनका प्रवेश द्वार असम, मिजोरम और मणिपुर हैं।

भारत की सुरक्षा रणनीति में भी पूर्वोत्तर का महत्व अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह चीन की आक्रामकता पूर्वी सेक्टर में बढ़ी है, मोदी सरकार ने उसी अनुपात में वहां रक्षा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया। अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मकुंड से तवांग तक नए सड़क नेटवर्क बने हैं। सीमा चौकियों पर हवाई पट्टियों का आधुनिकीकरण किया गया है। मिजोरम और नागालैंड में “Integrated Check Posts” बनाए गए हैं, जिससे वैध व्यापार और अवैध घुसपैठ दोनों पर नियंत्रण रखा जा सके। यही नहीं, केंद्र ने “Vibrant Villages Programme” शुरू किया ताकि सीमाई गांवों को खाली नहीं बल्कि जीवंत बनाया जा सके — यह चीन के “Model Villages” की नीति का भारतीय उत्तर है।

पूर्वोत्तर का सामरिक महत्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि यहां की सीमाएं चार देशों से जुड़ी हैं — चीन, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान। इसलिए यहां का हर पुल, हर सड़क और हर एयरबेस भारत की सुरक्षा कवच का हिस्सा है। तेजपुर, जोरहाट और हाशिमारा जैसे एयरबेसों को राफेल, सुखोई और टीजस विमानों से लैस किया गया है। भारतीय वायुसेना ने पूर्वोत्तर में “Forward Operating Bases” तैयार की हैं, ताकि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके। मोदी के कार्यकाल में पहली बार पूर्वोत्तर को रक्षा नीति के केंद्र में रखा गया, न कि परिधि में।

किंतु मोदी के लिए पूर्वोत्तर का महत्व केवल रणनीतिक या आर्थिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। जब वे इस क्षेत्र को “अष्टलक्ष्मी” कहते हैं, तो यह केवल भाषण का वाक्य नहीं, बल्कि एक दृष्टि है — वह दृष्टि जिसमें भारत की प्रगति केवल GDP में नहीं, बल्कि GSDP यानी Gross Spiritual Domestic Product में भी देखी जाती है। वे कहते हैं कि भारत का विकास तब पूर्ण होगा, जब हर कोना अपनी पहचान पर गर्व महसूस करेगा। यही कारण है कि मोदी के भाषणों में पूर्वोत्तर की संस्कृति, लोक परंपरा और नारी शक्ति का उल्लेख अनिवार्य रूप से आता है।

पूर्वोत्तर के राज्यों में महिलाओं की सामाजिक भूमिका सदियों से प्रमुख रही है। मेघालय का मातृसत्तात्मक समाज, मणिपुर की रानी गाइदिनल्यू जैसी वीरांगनाएँ और त्रिपुरा की जनजातीय महिलाओं की भूमिका — सब मिलकर यह दिखाते हैं कि यहां “नारी शक्ति” केवल नारा नहीं, जीवन का हिस्सा है। मोदी सरकार ने इसी ऊर्जा को विकास नीति से जोड़ा। “Mahila Shakti Kendra” से लेकर “Self Help Groups” तक, पूर्वोत्तर की महिलाएँ अब विकास की भागीदार हैं।

पूर्वोत्तर में शांति स्थापना का कार्य भी मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में है। 2014 से पहले यह क्षेत्र कई उग्रवादी गुटों का गढ़ था। परंतु मोदी सरकार ने “शांति और संवाद” की नीति से इन्हें मुख्यधारा में लाने का कार्य किया। बोड़ोलैंड समझौता, कार्बी आंगलोंग समझौता और नागा शांति प्रक्रिया — इन तीनों ने पूर्वोत्तर की दशकों पुरानी हिंसा को समाप्त करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया। आज बोड़ो इलाकों में फिर से स्कूल खुल रहे हैं, पर्यटन बढ़ रहा है, और स्थानीय प्रशासन मजबूत हो रहा है।

इस पूरे परिवर्तन में प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी भूमिका यह रही कि उन्होंने पूर्वोत्तर को भारत के मानस से जोड़ दिया। उन्होंने इसे ‘दूसरा’ नहीं, ‘हमारा’ बताया। यह मनोवैज्ञानिक परिवर्तन सबसे गहरा है। जब प्रधानमंत्री स्वयं हर साल पूर्वोत्तर के किसी न किसी हिस्से की यात्रा करते हैं, तो यह केवल औपचारिक दौरा नहीं होता, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव होता है। उन्होंने अपने भाषणों में कहा — “पूर्वोत्तर के लोग अब हमें दूर नहीं मानते, और हम उन्हें दूर नहीं देखते।” यह एक नए भारत का प्रतीक है, जहां दिल्ली से दिब्रूगढ़ तक दूरी केवल किलोमीटरों में रह गई है, दिलों में नहीं।

आर्थिक दृष्टि से भी, पूर्वोत्तर की प्रगति अब भारत की विकास दर को सीधा प्रभावित कर रही है। असम और मिजोरम में पेट्रोकेमिकल उद्योग बढ़ रहे हैं, अरुणाचल में जलविद्युत संयंत्र राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़े हैं, त्रिपुरा गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने यहां के बांस, हस्तकला, पर्यटन और जैव विविधता को “स्टार्टअप इंडिया” के साथ जोड़ा है। अब गुवाहाटी, शिलांग और इम्फाल केवल भौगोलिक नाम नहीं, बल्कि नवाचार के केंद्र बन रहे हैं।

यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि मोदी का विकास मॉडल केवल “आर्थिक सहायता” तक सीमित नहीं है। वह आत्मनिर्भरता पर आधारित है। उन्होंने कहा, “पूर्वोत्तर भारत को भारत की परिधि नहीं, भारत की प्रेरणा बनना है।” इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में स्थानीय संसाधनों को प्रोत्साहित किया — जैसे नागालैंड की जैविक कॉफी, मिजोरम का बांस फर्नीचर, असम की चाय, मेघालय का ईको-टूरिज्म। इन सभी को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए उन्होंने “One District One Product” योजना लागू की।

भारत की विदेश नीति के दृष्टिकोण से भी, पूर्वोत्तर अब केवल सीमा सुरक्षा का इलाका नहीं, बल्कि “डिप्लोमैटिक एसेट” बन चुका है। जब भारत बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान और नेपाल के साथ क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की बात करता है, तो यह पूर्वोत्तर से ही संभव है। BIMSTEC और ASEAN जैसे मंचों पर भारत की नई सक्रियता का वास्तविक भूगोल यही क्षेत्र है। यही कारण है कि पूर्वोत्तर के शहर अब “Regional Economic Hubs” बन रहे हैं — सिलचर, अगरतला और गुवाहाटी अब एशिया की नई कनेक्टिविटी कहानी के केंद्र में हैं।

मोदी की नीति ने पूर्वोत्तर में एक और बड़ा परिवर्तन किया — “मनोवृत्ति का आत्मविश्वास।” जो क्षेत्र कभी उपेक्षा के भाव में जी रहा था, वह आज अपनी क्षमता पर गर्व कर रहा है। युवा अब दिल्ली या मुंबई जाने का सपना नहीं, बल्कि अपने राज्य में ही उद्यम शुरू करने का लक्ष्य रखते हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने यहां की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय मंच दिया है। अब मिजोरम का संगीत, नागालैंड की फैशन इंडस्ट्री, मणिपुर की मार्शल आर्ट और असम की फिल्में पूरे भारत में लोकप्रिय हो रही हैं। यह सांस्कृतिक आत्मविश्वास ही असली “सॉफ्ट पावर” है।

मोदी के विजन का अंतिम उद्देश्य यही है — पूर्वोत्तर को भारत के विकास की प्रयोगशाला बनाना। उन्होंने बार-बार कहा है कि “पूर्वोत्तर का विकास, भारत के विकास की शर्त है।” यह केवल एक भाषण नहीं, एक राष्ट्रीय दिशा है। जो क्षेत्र कभी भारत का सीमांत था, आज वह उसका चेहरा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह पूर्वोत्तर को विकास, संस्कृति, सुरक्षा और कूटनीति के चारों स्तंभों पर खड़ा किया है, वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है। यह वह परिवर्तन है जो भारत को पश्चिम से पूर्व की ओर संतुलित करता है — एक समग्र राष्ट्र के रूप में।

पूर्वोत्तर की कहानी अब किसी फ्रंटियर की नहीं, बल्कि फ्यूचर की है। यह भारत के उस आत्मगौरव का प्रतीक है जिसने सदियों की उपेक्षा से उठकर फिर से अपने पंख फैलाए हैं। मोदी का विजन इस विश्वास पर टिका है कि भारत तब तक महान नहीं हो सकता, जब तक पूर्वोत्तर महान न हो।

आज जब गुवाहाटी से लेकर इम्फाल तक, नई सड़कें, नए पुल, नए स्कूल और नए सपने चमक रहे हैं, तब यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पूर्वोत्तर अब केवल नक्शे का कोना नहीं, बल्कि भारत के भविष्य का केंद्र है।

Tags: अरुणाचल प्रदेशअष्टलक्ष्मीअसमचीनत्रिपुरानागालैंडपीएम मोदीपुर्वोत्तरबांग्लादेश और भूटानभारतमणिपुरमिजोरममेघालयम्यांमारसिक्किम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

अगली पोस्ट

रूस में आईएसआई की चोरी पकड़ी गई: पाकिस्तान की जासूसी, भारत के खिलाफ साजिश और मुनीर की नाकाम महत्वाकांक्षा

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited