मॉस्को/वॉशिंगटन।
अमेरिकी खुफिया आकलन और सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से पश्चिमी मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि रूस बेलारूस में एक नए हाइपरसोनिक मिसाइल ठिकाने की तैयारी कर रहा है। इन रिपोर्टों के अनुसार, यह गतिविधि बेलारूस के क्रिचेव क्षेत्र में स्थित एक सैन्य एयरबेस से जुड़ी बताई जा रही है, जहां हाल के महीनों में तेज़ निर्माण कार्य देखा गया है। सैटेलाइट इमेजरी में नए प्लेटफॉर्म, सड़क नेटवर्क और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के संकेत मिलने का दावा किया गया है।
अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह निर्माण सामान्य सैन्य आधुनिकीकरण की तुलना में कहीं अधिक तेज़ गति से हो रहा है। इसी आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रूस इस ठिकाने को प्राथमिकता के तौर पर विकसित कर रहा है। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि रूस अपनी कथित नई न्यूक्लियर-सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल, जिसे ‘ओरेश्निक’ नाम दिया जा रहा है, को यहां तैनात करने की योजना बना सकता है। हालांकि इस मिसाइल के नाम, तकनीकी क्षमताओं और अस्तित्व को लेकर स्वतंत्र या आधिकारिक स्तर पर कोई सार्वजनिक पुष्टि नहीं हुई है।
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि यह मिसाइल लगभग 12,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम हो सकती है और इसकी रेंज हजारों किलोमीटर तक हो सकती है। हाइपरसोनिक हथियारों की खासियत उनकी अत्यधिक गति और उड़ान पथ में बदलाव करने की क्षमता मानी जाती है, जिससे मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम के लिए उन्हें रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। रूस पहले से ही ‘किन्झाल’, ‘जिरकॉन’ और ‘अवांगार्ड’ जैसे हाइपरसोनिक हथियारों के विकास और तैनाती के दावे करता रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बेलारूस में ऐसे किसी सिस्टम की तैनाती होती है, तो यह NATO और यूरोपीय देशों के लिए रणनीतिक चिंता का विषय होगा। बेलारूस की भौगोलिक स्थिति रूस को मध्य और पूर्वी यूरोप के काफ़ी करीब सैन्य क्षमता तैनात करने का अवसर देती है। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में इसे यूरोप में रूस की सैन्य और राजनीतिक पकड़ मज़बूत करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
फिलहाल रूस और बेलारूस, दोनों में से किसी ने भी इन दावों पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। पश्चिमी देशों में इन रिपोर्टों के बाद सतर्कता बढ़ गई है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में NATO स्तर पर इस मुद्दे पर चर्चा और रणनीतिक आकलन तेज़ हो सकता है। ऐसे में यह मामला अभी दावों और आकलनों पर आधारित है, जिसकी स्वतंत्र पुष्टि होना बाकी है।































