अल्लामा मुहम्मद इक़बाल: जिसने “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा” लिखकर भारत को बाँट दिया
“सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी, ये गुलिस्ताँ हमारा, सारे जहां से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा” कभी सोच सकते हैं कि जो व्यक्ति अपने देश के लिए ऐसे मधुर बोल लिख सकता है, वही अपने ही ...