क्रेडिट कार्ड से अब नहीं कर पाएंगे निजी पेमेंट।
24 April 2024
यूरोप जाने वाले भारतीयों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। यूरोपीय आयोग ने शेंगेन वीजा चाहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एक नई वीजा कैस्केड की व्यवस्था शुरू की है। यह लंबी अवधि के साथ एक से ज्यादा बार प्रवेश की इजाजत देता है। 18 अप्रैल से प्रभावी ...
भारत और चार यूरोपीय देशों (नॉर्वे, आइसलैंड, स्विटजरलैंड और लिकटेंस्टीन) के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का उद्योग जगत ने स्वागत किया और कहा कि यह समझौता देश में इंजीनियरिंग, दवा, खाद्य प्रसंस्करण और परिधान जैसे क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा। ...
अराजकता के अघोषित मठाधीश जॉर्ज सोरोस एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है, परन्तु इस बार अलग कारणों से. इनके 'Open Border Policies' के पीछे यूरोप के कई देश इनसे कुपित है, क्योंकि इसके कारण अब यूरोप में अवैध प्रवासी उत्पात मचा रहे हैं, जिसके कारण अब सोरोस और ...
स्मरण है वो रिपोर्ट, जब बीबीसी भारत में कोविड के कारण त्राहिमाम होने की प्रार्थनाएं करता था? जब भारत ने वैक्सीन निकालना प्रारम्भ किया था, तो कैसे इन लोगों ने हमारी छवि धूमिल करने का प्रयास किया, स्मरण है न? अब ऐसा प्रतीत होता है की इन्ही की फर्जी रिपोर्टिंग ...
कल्पना कीजिए एक ऐसे देश की, जहां न ढंग का जीवनयापन है, न वहाँ के नेताओं में कोई विजन, परंतु फिर भी उसकी नौटंकियों को कई महाशक्तियाँ अपने लाभ के लिए उपयोग में लाती है। न, न न न, हम पाकिस्तान की बात नहीं कर रहे हैं, जबकि लक्षण पूरे ...
विकास क्या है और इसकी परिभाषा और पराकाष्ठा क्या है? ये अभी तक कोई पूर्ण रूप से तय नहीं कर पाया है और न हीं भविष्य में कोई तय कर पाएगा। क्योंकि प्रत्येक समाज और उसमें रहने वाले लोगों के लिए विकास की परिभाषाएं अलग-अलग हैं। मनुष्य को एक अच्छा ...
Medieval European society: मानव सभ्यता के इतिहास का विश्लेषण करने की बात आती है तो लोग अपनी-अपनी सभ्यताओं को महान, विकसित और दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताएं बताते हैं। खासकर यूरोपियन तो स्वयं को दुनिया का जनक ही मानते हैं। कहते हैं कि दुनिया में सबसे सभ्य और विश्व में ...
कहते हैं समय जब करवट लेता है तो बड़े-बड़े राजाओं को रंक बनाकर छोड़ता है, समय की बलवानता किसी से छिपी नहीं है, इसको लेकर एक अवधारणा यह भी है कि जो समय के साथ नहीं चलता है समय उसे पीछे धकेल देता है। ऐसा ही कुछ हुआ यूरोपीय देशों ...
सच्चा मित्र वही, जो मित्र के काम आए। ये बात भारत और रूस के लिय अक्षरश: चरितार्थ होती है। रूस यूक्रेन विवाद पर भारत ने संसार की रीतियों और नीतियों से ठीक उलट अपनी अलग परिपाटी अपनाते हुए अपने विचारों, अपने हितों को सर्वोपरि रखा, चाहे अप्रत्यक्ष रूप से रूस ...
भारत विश्व पटल पर हर रोज एक नई कहानी लिखते जा रहा है। कई विकासशील देश भारत का अनुसरण करते हुए हमारे पीछे-पीछे चलने को अपना सौभाग्य मान रहे हैं। दुनिया के तमाम बड़े देश इस बात को अच्छी तरह से समझ गए हैं कि भारत की भविष्य है और ...
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाली कहावत तो आपने बहुत बार सुनी होगी कि कैसे कुछ लोग स्वयं का ही बेड़ागर्क करा लेते है। ऐसा ही कुछ रूस-यूक्रेन के दौरान तमाम देशों ने भी किया। रूस ने यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध क्या छेड़ा, दुनिया के तमाम देश एकजुट हो गए ...
आज के समय में भारत के संदर्भ यह बातें एकदम सटीक बैठती दिख रही हैं। जैसा कि हाल ही में देखने को मिला कि कैसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत ने अपना लोहा मनवाया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने WTO बैठक में भारत का मजबूती से ...