कर्नाटक में मुस्लिमों को दिया गया पिछड़ा वर्ग का दर्जा।
25 April 2024
अब UK और US नहीं ‘भा’ दिलाएगा परफेक्ट शू साइज।
25 April 2024
राहुल गांधी लाइमलाइट में रहने का कोई अवसर हाथ से जाने नहीं देते। चाहे हाथ कुछ न लगे, परंतु कवरेज के लिए बंधु किसी भी हद तक जा सकते हैं। परंतु यही खुजली अब उन्हे अपने पारंपरिक सहयोगियों से भी दूर कर रही है, और शरद पवार इसके प्रत्यक्ष प्रमाण ...
मनीष सिसोदिया, दिल्ली के शिक्षा मंत्री, शिक्षा घोटाले के आरोपी, शराब घोटाले में आरोपी, तमाम भ्रष्टाचार के पीछे सांठगांठ और अब नेताओं और अफसरों की जासूसी मामले में भी आरोपी...जब भी किसी पार्टी के किसी नेता के विरुद्ध एक-एक कर इतने सारे भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं तो आमतौर ...
केजरीवाल ट्वीट: अरविंद केजरीवाल और विवाद एक दूसरे के पूरक हैं। ऐसा कोई दिन नहीं है जब केजरीवाल ने किसी के खिलाफ जहर न उगला हो, और तो और दिल्ली के उपराज्यपाल को लेकर उनके मुंह से हमेशा से विष ही निकलता आया है। आम आदमी पार्टी की स्थिति दयनीय ...
कुछ जख्म ऐसे होते है, जो समय के साथ भी नहीं भर पाते है। ऐसे ही जख्म दिल्ली को दो वर्ष पहले मिले थे, जब देश-विरोध तत्वों के द्वारा राजधानी को दंगों की आग में झोंकने का काम किया। नागरिकता संशोधन कानून की आड़ में शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने ...
जब धरती लगी फटने तब ख़ैरात लगी बंटने, दिल्ली की आम आदमी पार्टी की स्थिति कुछ ऐसी ही हो चुकी है। जिस तरह नयी आबकारी नीति लाकर उसके फ़ायदे गिनाए जा रहे थे, जैसे ही उस पर जांच बैठी केजरीवाल सरकार ने पिछले दरवाज़े से नीति वापस ले ली। यूं ...
कभी-कभी कुछ कहने से बेहतर होता है चुप रहना लेकिन आम आदमी पार्टी और उसके इकलौते चश्मोचिराग अरविंद केजरीवाल को ये बात न कल समझ आई थी, न आज आई है और न आगे आएगी। जिस बात की सही तरह जानकारी न हो उसके बारे में मुंह खोल अनर्गल ज्ञान ...
सब मिले हुए हुए हैं जी, यह अरविंद केजरीवाल का वो तकियाकलाम है जिसको बोलकर वो राजनीति में आए, फिर सत्ता प्राप्ति की और अब इसी के साथ वो स्वयं को भी मिला चुके हैं। मसलन, जिन भ्रष्टाचारी तत्वों को आड़े हाथों लेते हुए केजरीवाल सब मिले हुए हुए हैं ...
अमानतुल्लाह खान, केजरीवाल की पार्टी के वे कुख्यात एमएलए जो आये दिन कानूनी पचड़ों में पड़े रहते हैं। कभी- कभी तो लगता है जैसे वे अपनी किस्मत आज़मा रहे है कि कब तक और किस हद तक वे बार बार कानून और नियमों की हत्या कर पुलिस से बचते रहेंगे। ...
जब-जब, जो-जो होना है, तब-तब सो-सो होता है। दिल्ली की राजनीति के लिए इससे उपयुक्त कथन फिलहाल नहीं हो सकता है। अब तक नजीब जंग और अनिल बैजल जैसे नॉन-परफार्मिंग उपराज्यपाल झेलने के बाद दिल्ली को सही मायने में एकमुश्त सही निर्णय लेने वाले उपराज्यपाल मिल गए हैं नाम है ...
कहते हैं तूफान में जो पेड़ जितना झुका रहेगा, उसके बचने की संभावना उतनी अधिक रहेगी और अन्य पेड़ तूफान के वेग में नष्ट हो जाएंगे। इस हिसाब से तो दिल्ली के पेड़ों का हिसाब बड़ा गंदा है, क्योंकि जब भी कोई तूफान आता है, दिल्ली के पेड़ों को उखड़ने ...