कर्नाटक में मुस्लिमों को दिया गया पिछड़ा वर्ग का दर्जा।
25 April 2024
अब UK और US नहीं ‘भा’ दिलाएगा परफेक्ट शू साइज।
25 April 2024
Netaji Savarkar Meeting: हमारे भारतीय इतिहास को दरबारी कथाकारों एवं इतिहासकारों ने इस तरह से रचा था कि हमें केवल वही पढ़ने को मिले, जो वे चाहे; हम वही सुनें, जो वे सुनाना चाहे। मानो एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हम लोगों में यह ज्ञान फ़ीड किया गया कि ये ...
सुभाषचंद्र बोस फाइल्स - भारत को स्वतंत्र कराने में वैसे तो असंख्य देशभक्तों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, परंतु समस्या यह है कि केवल कुछ लोगों को आजादी का श्रेय देकर हमेशा से ही उनका गुणगान किया जाता रहा है। इस दौरान अनेकों महान लोगों के योगदान को मिटाने के प्रयास ...
अगर आप से एक सवाल पूछा जाए कि महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु कैसे हुई, तो आपका जवाब क्या होगा? सम्भवतः आप दो बातें बोलेंगे। पहली यह कि वो हवाई दुर्घटना में मारे गए, दूसरी बात यह कि वह मरे ही नहीं, बल्कि अज्ञात व्यक्ति की ...
“सुभाष जी, सुभाष जी, वो जान ए हिन्द आ गए, है नाज़ जिस पे हिन्द को, वो शान ए हिन्द आ गए” ये गीत आज की वास्तविकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति को केवल कुछ वाद विवाद प्रतियोगिता और कुछ कमीशन मात्र तक सीमित कर दिया गया था, अब उन्हे पुनः ...
केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस को लेकर बड़ा फैसला लिया है। खबरों के अनुसार देश में अब गणतंत्र दिवस के जश्न की शुरुआत 24 जनवरी की जगह 23 जनवरी से होगी। बताया जा रहा है कि सरकार ने यह कदम सुभाष चंद्र बोस की जयंती को भी गणतंत्र दिवस के ...
2021 का वर्ष भारत के लिए काफी अनोखा है। इसी वर्ष 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म को 124 वर्ष पूरे हो जाएंगे, और इसीलिए उनके 125वीं जन्मदिवस को केंद्र सरकार एक भव्य उत्सव की तरह मनाना चाहती है। इस परिप्रेक्ष्य में अभी हाल ही में संस्कृति ...
के सुभाष चंद्रबोस: वो कहते हैं न, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.... 13 मार्च 2023 को प्रात: काल इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अनेक भारतीयों को देखने को मिला। जिस फिल्म को केवल इसलिए आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसने भारत की वास्तविकता चित्रित करने के नाम पर ...
“दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आजाद ही रहें हैं, और आजाद ही रहेंगे!” चंद्रशेखर आजाद एक ऐसा नाम जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का उतना ही अभिन्न अंग है जितना सरदार पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह इत्यादि। 27 फरवरी 1931 को केवल 24 वर्ष की आयु में इन्होंने मातृभूमि ...
आज अगर हम कक्षा 8 के एक विद्यार्थी से नताजी सुभाष चन्द्र बोसे के बारे में पूछेंगे तो शायद हमें कोई जवाब मिल भी जाएगा। लेकिन अगर हम उनसे नेताजी के मृत्यु के बारे में पूछेंगे तो जवाब मिलने की उम्मीद न के बराबर है। क्योंकि कक्षा 8 की एनसीईआरटी ...
भारतीय सिनेमा में युद्ध नाटकों के निर्माण का एक लंबा इतिहास रहा है जो देश की सशस्त्र सेनाओं के वीरतापूर्ण बलिदान और संघर्ष को दर्शाते हैं। जहां कुछ फिल्मों ने इन ऐतिहासिक घटनाओं के सार को सफलतापूर्वक पकड़ लिया है, वहीं अन्य फिल्मों में कमी रह गई है, जिससे भारतीय ...
जब भारतीय बुद्धिजीवियों की बात हो, तब आपके मस्तिष्क में किनके नाम आते हैं? एपीजे अब्दुल कलाम, अमर्त्य सेन, शशि थरूर जैसे लोगों के ना? अगर तनिक पीछे जाएँ, तो स्मरण में स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, या फिर मोहनदास करमचंद गाँधी जैसे लोगों का नाम आएगा. परन्तु ऐसे ...
Rahul Gandhi NRI speech: भारतीय राजनीति के भव्य रंगमंच में, कुछ पात्र ऐसे हैं जो विस्मित करने से कभी नहीं चूकते। इन आकर्षक हस्तियों के बीच राहुल गांधी की अपनी अलग पहचान है। राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर राहुल का अनूठा दृष्टिकोण वास्तव में निरंतर विस्मय का स्रोत है। चाहे ...