पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
केशव महाराज द्वारा जय श्रीराम का उद्घोष - अपने राष्ट्र,धर्म, इतिहास और संस्कृति के प्रति गौरव की अनुभूति न होना ही वास्तविक मृत्यु का परिचायक है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यही चीजें आपके पहचान और अस्तित्व को परिलक्षित करती हैं। जैसे हम भारत के नागरिक हैं, यह ...
क्या है ये वोक संस्कृति? जब से अमरीका में जो बाइडेन की सरकार बनी है, तब से उदारवादी विचारधारा एकदम बेलगाम हो गई है। ANTIFA जैसी डेमोक्रेटिक पार्टी के बगलबच्चा अब ज्ञान की खूब उल्टी कर रहे है। अब ये बगलबच्चे वोक संस्कृति का नया बवाल शुरू कर रहे हैं। क्या ...
अब तक जो केवल अफवाहें उड़ रही थी, वह वास्तव में सच हो चुकी है। जिस खिलाड़ी को वर्षों तक टीम इंडिया के ‘मिस्टर भरोसेमंद’, ‘द वॉल’ के नाम से जाना जाता रहा, अब वो आखिरकार टीम के मार्गदर्शक के रूप में प्रवेश कर चुके हैं। टीम इंडिया के पूर्व ...
World Press Freedom Index: इन वामपंथियों का अलग ही मॉडेल है। प्रतिदिन प्रात: काल को उठें, एजेंडा पर मंथन करे, अपने अनुसार कुछ भी अंट संट छापें, और ये दिखाएँ कि भारत नर्क का दूसरा नाम है, विशेषकर प्रेस के स्वतंत्रता की। पता है, ये सब बकवास है, परंतु अब ...
ये भारत है, यहां हर जीव जन्तु में हम ईश्वर को ढूंढते हैं और उनका वंदन भी करते हैं। हम माटी को, पक्षियों को एवं अन्य जीव जंतुओं को बड़ी ही श्रद्धा से पूजते हैं। कण-कण में भगवान हैं के विचार को हम सनातनी अपने हृदय में धारण करते हैं। ...
महामारी के दौरान जब एक के बाद एक स्टार्टअप फेल हो रहे थे, बड़ी-बड़ी कंपनियां नुकसान में चल रही थी, ऐसे में शायद डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म BYJU’S ही एक अकेली ऐसी कंपनी थी जो इस महामारी में मुनाफे कमा रही थी। लॉकडाउन को देखकर ऐसा लग नहीं रहा था कि ...
अजीब बीमारी है यह लिबरलिज़्म। जब तक जिसे अपना आराध्य बनाया, तब तक सब चंगा सी, परंतु तनिक भी विचारधारा से विमुख हुए, तो यही लोग छाती पीटने लगते हैं। हर मामले में अपनी फूहड़ता घुसाने की इनकी अनोखी कला से पूरी दुनिया परेशान है!! इसी बीच अब वामपंथियों ने ...
क्या आपने बॉडी स्प्रे लेयर शॉट (Layer Shot) के दो विज्ञापन देखे हैं? विश्वास करिए ये विज्ञापन देखकर आप अवश्य ही परेशान हो जाएंगे। विज्ञापन के विचार निंदनीय प्रतीत होते हैं जिसमें पुरुषों को बहुत ही बुरे रूप में प्रस्तुत किया गया है। आज के समय में अधिकांश विज्ञापन किसी ...
अपनी संस्कृति को हीन समझने और दूसरों की संस्कृति को अपनाने में हम भारतीयों का कोई सानी नहीं है। अंग्रेज़ तो चले गए लेकिन ‘अंग्रेज़’ छोड़ गए। इसके बाद गंगा-जमुनी तहजीब के नाम पर हिंदुत्व का एकतरफा मखौल उड़ाया गया। खान-पान की संस्कृति में ‘चीन’ और शिक्षा में हम ‘अंग्रेज़’ ...
वो कहते हैं न, बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया। ये बात सब जगह लागू होती है, चाहे हास्य में, या गंभीरता में। जो Netflix सोचती थी कि ‘वोक संस्कृति’ के आधार पर वह अपना उद्योग चलाने में सफल रहेगी, अब उसी वोक संस्कृति को त्यागने पर उसे विवश ...
पता है धूम्रपान से भी हानिकारक क्या होता है? जंक फूड? शायद, पर पूरी तरह नहीं। मदिरा? थोड़ा बहुत, पर वो भी नहीं! Wokeism या वोक संस्कृति? निस्संदेह। ये बीमारी कई संस्थानों को लग चुकी है, जो उन्हें अंदर से खोखला और निकृष्ट बना रही है और इसी कारण से ...
क्रिकेट हमेशा से गेंद और बल्ले के बीच का प्रतिस्पर्धी का खेल रहा है। समय के साथ यह खेल बड़े पैमाने पर विकसित हुआ और नियम परिवर्तन अधिक सामान्य हो गए हैं। 1970 के दशक से 1990 के उत्तरार्ध तक का समय तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्ण युग था जहां ...