Animesh Pandey

Animesh Pandey

Lead Editor, TFI Media
Vidyarthi of History, Cinema Buff,
Akhand Bharat Parmo Dharma

महेंद्र कपूर शानदार गीतकार जिन्हें ‘महाभारत’ ने उनका वास्तविक सम्मान दिलवाया

"मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती" भाग्य भी बड़ी विचित्र वस्तु है। जिस व्यक्ति ने इस गीत को गाया, उसे अपनी पहचान स्थापित करने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना...

“जिस शख्स ने पेशवाई का गौरव चरम पर पहुंचाया”, मराठा साम्राज्य के महान पेशवा बालाजी विश्वनाथ की कहानी

पेशवा बालाजी विश्वनाथ: अखंड भारत, कुछ लोगों को यह सिद्धांत हास्यास्पद प्रतीत होता है परंतु एक समय ऐसा भी था जब कश्मीर से कन्याकुमारी ही नहीं, गांधार से लेकर बंगाल तक हमारा था और मौर्यकाल में अखंड...

बुरे वक्त में प्राण ने बचाया लेकिन बाद में राज कपूर ने उन्हें ही धोखा दे दिया

अक्सर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा- भलाई का तो जमाना ही नहीं रहा। पर इस बात का सबसे कड़वा अनुभव अपने बहुचर्चित अभिनेता प्राण ने जीते जी किया था। उन्हें क्या पता था कि संकट...

डॉ. मुरली मनोहर जोशी वास्तविकता में भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे

भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री कौन थे? जिन्हें तनिक भी सामान्य ज्ञान की अनुभूति होगी वो तुरंत बोल उठेंगे– मौलाना अबुल कलाम आज़ाद। परंतु अगर हम कहें कि भारत के सर्वप्रथम शिक्षा मंत्री वे नहीं, मुरली मनोहर...

नवाजुद्दीन सिद्दीकी आप सुपरस्टार नहीं, अपने आप को इतनी गंभीरता से लेना बंद कर दो

थोड़ी ही प्रसिद्धि मिलने के बाद कुछ लोग अपने आप को बहुत बड़ा तीस मार खान समझने लगते हैं। वो सोचते हैं कि मानों उनसे श्रेष्ठ तो कोई दूसरा है ही नहीं। इनमें एक नाम नवाजुद्दीन सिद्दीकी...

“तभी कहते हैं सोचकर बोलो”, एक बात ने ओमपुरी को महानायक से खलनायक में बदल दिया था

बड़े बुजुर्ग गलत नहीं कहते थे- कुछ भी बोलें, सोच समझ के बोलें, अन्यथा तरकश से निकला बाण और मुख से निकली बात, दोनों वापस नहीं जाती। आप चाहे जितने भी उत्कृष्ट, प्रतिभाशाली और योग्य क्यों न...

“हिंदुत्व थोपा जा रहा है, माहौल खराब है…”, प्रतीत होता है 68 वर्ष से मल्लिका साराभाई ने समाचार नहीं देखे

अगर आपने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ देखा है, तो आपने शिक्षक आत्माराम तुकाराम भिड़े को अवश्य देखा होगा। जब भी वह समाज में होती उथल पुथल को देखते, तो वे निराश होकर अपने समय के परिस्थितियों...

गांधी की वास्तविकता दिखाने के कारण प्रतिबंध लगा रहे थे, Gandhi My Father फिल्म की कहानी

भारत, एक ऐसा देश, जहां कुछ लोगों को निरंतर अपमानित करना या उन्हें अनदेखा करना इस राष्ट्र के कुछ बुद्धिजीवियों के लिए “टॉनिक” समान है परंतु दूसरी ओर कुछ आराध्यों की आलोचना मात्र भी “बेअदबी” के समान...

“भारत ने बालाकोट और उरी स्ट्राइक से दिखा दिया कि…” जयशंकर ने गलवान से लेकर अखंड भारत तक क्यों बोला?

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की दुखती रग पर एक बार फिर हाथ रख दिया है, इसके साथ ही पाकिस्तान को दोबारा उन्होंने बालाकोट और उरी की कार्रवाई की याद भी दिलाई। एस जयशंकर यहीं...

सआदत हसन मंटो: एक ओवररेटेड ‘पोर्नोग्राफर’, जिसे उर्दू लॉबी ने लीजेंड बनाकर रख दिया

सआदत हसन मंटो, एक ऐसा नाम जिनकी रचनाओं में कथित तौर पर जान होती थी। जिन्हें देश में साहित्य के आधारस्तम्भ के रूप में चित्रित किया गया और उन्हें ऐसे पेश किया गया, जैसे वो न होते...

ISRO जासूसी मामला: नंबी नारायण के शोषण के पीछे अमेरिका था? CBI ने High Court में क्या बताया?

इसरो जासूसी प्रकरण में हाल ही में कुछ चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन हुए हैं। जो बातें सीबीआई द्वारा केरल हाईकोर्ट को बताई गई है, उससे अब स्पष्ट होने लगा है कि बहुचर्चित इसरो वैज्ञानिक एस नम्बी नारायणन को...

फिल्म समीक्षक मसान को बड़ी तोप फिल्म बताते हैं, लेकिन क्यों? उसमें है क्या?

फिल्में समाज के दर्पण के समान होती है। अगर ये कथन सत्य है तो फिर तो हमारा देश घोर संकट में है, क्योंकि यहां जिन फिल्मों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए, उन्हें बुद्धिजीवी और कभी...

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