ट्रूडो प्रशासन की वो “कबूतरबाज़ी” जो वह संसार से छुपाना चाहते हैं!
एक या दो दशक पहले, कनाडा को छोड़िये, अगर नेपाल भी अपनी भौंहें चढ़ाता था, तो हमारे सरकारी प्रवक्ता से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग तक हर कोई, "यस सर", "प्लीज़ सर", "सॉरी सर" जैसे संवादों को बार-बार दोहराता...