‘गांधी परिवार’ बार-बार नीचा ना दिखाता तो ‘इतिहास’ ही नहीं ‘वर्तमान’ भी करता मनमोहन सिंह का उदार मूल्यांकन
वो जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने लमहों ने ख़ता की थी, सदियों ने सज़ा पाई... उर्दू के अच्छे जानकार और शेर-ओ-शायरी के शौक़ीन मनमोहन सिंह को मुज़फ़्फ़र रज़्मी का ये शेर बेहद पसंद था।...