Vibhuti Ranjan

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हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल व्यापारिक जहाज़ नहीं चलते, यहां महाशक्तियों की महत्वाकांक्षाएं भी टकराती हैं और...

गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

गुरुग्राम की भीड़-भाड़ वाली सुबह, जैसे हर दिन-कारों की कतारें, कॉर्पोरेट टावरों की रौनक और निर्माणाधीन इमारतों से उठती धूल। लेकिन 12 सितंबर 2025 की सुबह अलग थी। दिल्ली से लगे इस शहर में भारतीय नौसेना ने...

बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

2003 की सर्दियों की एक रात, गया-वाराणसी मार्ग पर गोलियों की आवाज़ गूंजी। सुबह जब पुलिस ने सड़क किनारे एक शव बरामद किया तो खबर जंगल की आग की तरह फैल गई—यह कोई आम आदमी नहीं, बल्कि...

नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

काठमांडू की गलियों में अक्सर यह वाक्य सुनाई देता है-“भारत हर जगह घुस आता है।” यह कोई मज़ाक भर नहीं है, बल्कि दशकों से गढ़ा गया वह नैरेटिव है जिसे पश्चिमी मीडिया, विदेशी एनजीओ और कुछ वामपंथी...

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज

साल 1999 की ठंडी शाम। सीवान की गलियों में दीपावली के बाद की चहल-पहल धीरे-धीरे थम रही थी। चंचल अपने दोनों भाइयों—गिरीश और सतीश—के साथ घर लौटा ही था। तीनों की हंसी-ठिठोली अब भी हवा में गूंज...

अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

तियानजिन के SCO सम्मेलन की वह तस्वीर-जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हाथ मिलाकर एक साथ खड़े दिखे-ने वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में नया भू–संकट खड़ा कर दिया। यह संयोग नहीं, बल्कि...

सीपी राधाकृष्णन की जीत: राष्ट्रवादी संदेश, विपक्षी प्रतिक्रिया और भारतीय राजनीतिक परिदृश्य

नौ सितंबर, 2025 को भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव ने देश की राजनीति में एक निर्णायक क्षण बनाया। महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को NDA का उम्मीदवार बनाकर उतारा गया, और परिणाम ने भारतीय लोकतंत्र और राजनीतिक...

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

कानपुर के बाहरी इलाके की गलियों में पुलिस की टुकड़ी एक मिशनरी संगठन के ठिकानों पर पहुंची। गरीब और कमजोर हिंदू परिवारों को झूठे वादों में फंसाकर धर्म बदलने की साजिश सामने आई। बच्चों और महिलाओं को...

नेपाल की गलती: चीन का सहारा, भारत से दूरी और पहचान का संकट

काठमांडू की गलियों में जलते टायरों का धुआं अभी तक छंटा नहीं है। संसद भवन की टूटी खिड़कियां और सर्वोच्च न्यायालय के बाहर गुस्साई भीड़ इस बात का सबूत हैं कि नेपाल का लोकतंत्र गहरी दरारों में...

बिहार में पहली बार कैसे पहुंचा AK-47 और कैसे अपराध की दुनिया में उसका दबदबा कायम हुआ

पटना, 1990 का दशक। स्टेशन के बाहर चाय की दुकानों पर लोग खड़े-खड़े बतिया रहे थे। बातचीत की शुरुआत अक्सर राजनीति से होती, लेकिन जल्दी ही रुख बदल जाता। कोई धीमे स्वर में कहता—“अब बिहार में कानून...

पंजाब की बाढ़ : किसकी गलती, किसकी सजा?

पंजाब फिर डूबा हुआ है। खेतों में धान की लहराती फसलें अब पानी की सतह पर तैर रही हैं, गांवों की गलियां गाद से भर गई हैं और किसान अपने घरों से ऊंचे स्थानों पर शरण ले...

भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

सूरज अभी धीरे-धीरे बंगाल की खाड़ी पर अपनी रोशनी फैला रहा था। ग्रेट निकोबार द्वीप पर हवा में नमक की हल्की खुशबू थी और समंदर की लहरें तट पर टकरा रही थीं। लेकिन इस खूबसूरत परिदृश्य के...

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