क्राइम

शंकरबिघा नरसंहार: एक गांव की रात, टूटे हुए गवाह और बिखरता न्याय

जनवरी 1999 की वह ठंडी रात थी। औरंगाबाद ज़िले के अरवल अनुमंडल के छोटे-से गांव शंकरबिघा में लोग सामान्य दिनचर्या के बाद सो...

यूएन में भारत का प्रहार: पाकिस्तान की असफलता और भारत की मजबूती का खुलासा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की फ़र्श पर जब भारतीय स्थायी प्रतिनिधि ने अपनी आवाज़ उठाई, तो वहाँ जो सिर्फ़ कूटनीतिक भाषण होना था,...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

बिहार के औरंगाबाद ज़िले की सोनई नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव—लक्ष्मणपुर बाथे। आज यह नाम भारतीय राजनीति और न्याय व्यवस्था...

कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

केरल में जन्माष्टमी कोई साधारण पर्व नहीं है। बालगोपाल और बालगोपालिनी के वेश में हजारों बच्चे हर साल शोभा यात्राओं में भाग लेते...

जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

बिहार, जिसे भारतीय इतिहास और संस्कृति का धनी राज्य कहा जाता है, जहां चाणक्य की राजनीति जन्मी, जहां बुद्ध ने ज्ञान का प्रकाश...

मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

मुजफ्फरपुर, उत्तर बिहार का एक प्रमुख केंद्र रहा है। व्यापार, शिक्षा और राजनीति का यह गढ़ लंबे समय से अपराधियों के लिए भी...

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज

साल 1999 की ठंडी शाम। सीवान की गलियों में दीपावली के बाद की चहल-पहल धीरे-धीरे थम रही थी। चंचल अपने दोनों भाइयों—गिरीश और...

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