ज्ञान

तमिलनाडु में आध्यात्मिक पर्यटन में हुई वृद्धि, पर्यटक दे रहे हैं मंदिरों को प्राथमिकता

तमिलनाडु में पर्यटन के क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन का काफी अधिक महत्व रहा है। अगर आप आंकड़ों को देखें तो खुद यहाँ के...

चीन पर सरदार पटेल ने की थी सटीक भविष्यवाणी, लेकिन नेहरू ने की उपेक्षा और देश को मिली हार

31 अक्टूबर को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में पूरे देश में...

ASI ने खोज निकाला पुख्ता सबूत, जितना हम जानते हैं उससे भी कहीं ज्यादा पुराना है महाभारत

हमारे देश के वामपंथी इतिहासकार जो महाभारत को मात्र मिथ्या के तौर पर देखते हैं सबूत मांगते नहीं थकते है, उनके लिए एक...

धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक या फिर जिहाद का समर्थक? मौलाना आज़ाद का वास्तविक चेहरा

मौलाना आज़ाद का वास्तविक चेहरा वर्ष 2019, “खिलाफत आंदोलन” का शताब्दी वर्ष, खिलाफतवादियों ने 17 अक्टूबर, 1919 को ‘खिलाफत दिवस’ मनाया था। इस...

भारत हमेशा एक हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा, यहां रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज हिंदू ही थे

जम्बूद्वीप, आर्यावर्त, भारत, हिंदुस्तान, इंडिया यह सुनकर तो आपको समझ आ ही गया होगा कि ये सभी नाम भारत के ही हैं। भारत...

अरबी इस्लाम के मोह ने कैसे किया भारतीय मुस्लिमों को भारत से अलग

भारत में इस्लाम की शुरुआत 8वीं शताब्दी में हुई थी। भारत पर उम्मयद खलीफा ने डमस्‍कस में बलूचिस्‍तान और सिंध पर 711 ईसवी...

Naimisharanya : नैमिषारण्य का सम्पूर्ण इतिहास, मंदिर, कथाएं और महत्व

नैमिषारण्य (Naimisharanya) सनातन धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में...

महिषासुर कोई मूलनिवासी, द्रविड़ या जनजाति समुदाय का नहीं था, वह एक क्रूर राक्षस था

महिषासुर कौन था? एक दलित या एक राक्षस? पवित्र नवरात्रि का आरंभ हो गया है और इसके साथ ही त्योहारों का महीना भी...

प्यारे वामपंथियों! भगत सिंह एक सच्चे राष्ट्रवादी थे, उन्हें ‘वामपंथी’ कहकर खुद का मजाक मत बनाओ

जिस नाम को सुनकर आज भी देश के करोड़ों युवाओं में ऊर्जा का संचार होता है, उसी क्रांतिकारी भगत सिंह की विचारधारा को...

घाटी में विकास ही नहीं संस्कृति पर भी ध्यान दे रही है सरकार, 50 हजार बंद मंदिरों के कपाट खोले जाएंगे

वर्ष 2019 के शुरुआत से ही जम्मू-कश्मीर सुर्खियों में बना हुआ है। एक के बाद एक कई अहम फैसले लेकर केंद्र की मोदी...

‘चंदशोक’ से ‘अशोका द ग्रेट’- रोमिला थापर जैसे इतिहासकारों ने कैसे एक हिंसक राजा को ‘ग्रेट’ की उपाधि दी

इतिहासकारों ने कैसे एक हिंसक सम्राट अशोक को 'ग्रेट' की उपाधि दी? देश के इतिहासकारों पर शुरु से ही राजनीतिक प्रभाव रहा है,...

वर्तमान हिंदी ‘राष्ट्रभाषा’ बनने के लिए उपयुक्त ही नहीं है, इसे पहले मूल स्वरूप में लाना होगा

मेरी मातृभाषा हिन्दी है। मैं हिन्दी में लिखता हूँ, हिन्दी में सोचता हूँ, स्वप्न भी हिन्दी में ही देखता हूँ। मैं अँग्रेजी अच्छी...

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