“अशर्फियां लुटे, कोयलों पर मोहर” नामक मुहावरा बॉलीवुड पर पता नहीं क्यों अधिक सूट करता है। ये वो रेयर समुदाय है, जिसे अपने...
“भैया, मेरे मुंह से निकल गई, मेरी ज़बान टूट गई हाय....!” यह मीम कब यथार्थ में परिवर्तित हो गया, पता ही नहीं चला।...
'अर्धसत्य' से आपका पाला पड़ा है कभी? यदि नहीं, तो फिर उसका मूल उद्देश्य बताते हैं। आज के अंधे युग में जो सत्य...
कहते हैं कि सिनेमा समाज का दर्पण है। अगर यह बात सत्य है तो विश्वास मानिए, हमारा समाज घोर संकट में है। कभी...
“आपके पांव देखे, बड़े हसीन हैं, इन्हें जमीन पर मत रखिएगा मैले हो जाएंगे!” किसी रोज़ जब राजकुमार ने “पाकीज़ा” में ये संवाद...
Pathaan box office collection: आवश्यक सूचना: यह विचार यथार्थ की जड़ों से जुड़े हुए हैं। इसका सभी पात्रों से कहीं न कहीं वास्ता...
क्या देश को सर्वोपरि मानना अपराध है? क्या देश की संस्कृति का मान रखना अक्षम्य है? कुछ घटनाओं को देखकर तो ऐसे प्रश्न...
“ए दिल है मुश्किल जीना यहां, जरा हटके, जरा बचके, यह है बॉम्बे मेरी जान” यदि आप पुराने फिल्मों के प्रशंसक हैं, तो...
कभी सोचा है कि एंड्रॉयड और iOS के अलावा मोबाइल संचालन प्रणाली यानी ऑपरेटिंग सिस्टम का कोई विकल्प क्यों नहीं है? क्या आपने...
FLOP Movies of Shah Rukh Khan: बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म "पठान" सिनेमाघरों में आ गयी है। "जीरो" के बॉक्स ऑफिस...
Global IPL: खेल को किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता है और बात जब क्रिकेट की हो रही हो तो क्या ही...
साहित्य उस अक्षय पात्र समान है, जिससे आप कितना भी ग्रहण करें, उस पात्र में व्यंजन अथवा सामग्री की कोई कमी नहीं रहेगी।...
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