राजनीति

मिलावट की माया

ज़ालिम ज़माने की मार से तंग आकर दिनोंदिन बढती महंगाई से घबरा कर हमने आत्महत्या की सोची फिर सोचा - ज़िन्दगी भूख में...

पृष्ठ 1053 of 1053 1 1,052 1,053