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वरदराजन, मस्तान, दाऊद एवं अन्य – कैसे संगठित माफिया ने मुंबई, क्रिकेट, राजनीति और बॉलीवुड को लंबे समय तक नियंत्रित किया

“चौकियां चाहे पुलिस की हो, शहर के कमिशनर लोग तो हम ही हैं....” वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई का यह संवाद उस...

रमिंदर और देविंदर से लेकर अर्शजोत और गुरनूर तक: सिख नामों का बदल रहा है ट्रेंड

दुनियाभर में अलग अलग धर्मों को मानने वाले लोग हैं। विश्व के सबसे प्रमुख धर्मों की बात करें तो ईसाई, बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम...

खुशहाली, विवाद, राज हत्या और प्रेत आत्माएं: ‘शनिवार वाड़ा’ का इतिहास

“काका, म्हाला वाचवा!” एक बालक प्रांगण में इधर से उधर दौड़ते हुए चिल्ला रहा था पर उसकी पुकार एक व्यक्ति देखकर भी अनसुनी...

जो पूरे राष्ट्र को नमक खिलाते हैं, उनकी स्थिति कैसी है, अगरिया समुदाय की अनकही कहानी

जैसे मछली जल के बिना और मनुष्य वायु के बिना अधूरा है वैसे ही भोजन नमक बिना अधूरा है। इस नमक के उत्पत्ति...

गुमनायक नायक: बंगाल के वे क्रांतिकारी जो मुख से नहीं बल्कि बंदूकों से जवाब देते थे

बंगाल का पतन हो चुका है! बंगाल किसी योग्य नहीं! बंगाल की संस्कृति विनाश की ओर अग्रसर है! बंगाल में अब पहले जैसे...

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