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पतंजलि आयुर्वेद: सारे बिज़नस गुरु एक तरफ, रामदेव एक तरफ

Patanjali Ayurved – A 5500 Crore Business Empire एक कहावत आप लोगों ने जरूर सुनी होगी कि "घर का जोगी जोगना, दूर गाँव का सिद्ध" मतलब यह कि अपने घर का गुणी आदमी भी निर्गुण व व्यर्थ प्रतीत होता ...

कोहिनूर तो कभी लूटा ही नहीं गया, फिर हंगामा क्यूँ?

Kohinoor: भारत सरकार ने अपने हलफनामे में कोहिनूर को ब्रितानिया हुकूमत को बतौर तोहफा दिए जाने का ज़िक्र क्या किया, सभी सेक्युलर जमात वालो को अपनी भारतीय अस्मिता का एहसास हो उठा, जिसका ह्रास अंग्रेज़ो ने किया था। पिछले ...

आप Indian हैं, Hindu हैं या फिर Indian Hindu हैं?

Indian, Hindu या फिर Indian Hindu - ‘देश और धर्म में भिन्नता’ एक छलावा राजस्थान की पूण्य भूमि पर एक वीर सपूत जन्मा था। नाम था राजा कान्हड़ देव (जालोर, राजस्थान)। सन 1297 की बात है अलाउद्दीन ख़िलजी ने ...

ना तो कोई ‘वाद’ था ना ही कोई ‘पंथ’ भगत सिंह का

कम उम्र में साहित्यिक प्रबुद्धता व दर्शनशास्त्र की जिज्ञासा भगत सिंह के बहुआयामी व्यक्तित्व का एक हिस्सा मात्र है। भगत सिंह का झुकाव किस विचारधारा की ओर था?, ये सवाल उनकी वज्र के समान हौंसले, वीरता और निष्काम देशप्रेम ...

मदर टेरेसा – एक असंत को कैसे लिबरलों ने संत बना दिया!

कल की प्रमुख खबरों में से 1 थी की मदर टेरेसा को संत मान लिया गया हैं और सितम्बर महीने में उनको पोप संत की आधिकारिक पदवी देंगे। संत घोषित होने के लिए किसी भी नन या पादरी या ...

जब तक माल्या है, तब तक मार्क्स और मार्क्सवाद है

एक 14 वर्ष के चरवाहे लड़के ने जब अपने पिता से पूछा कि पिता जी ये बारिश क्यों और कैसे होती है? तो पिता ने वैज्ञानिक कारण का ज्ञान होते हुए भी उसे एक काल्पनिक कहानी बतानी बहतर समझी ...

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं कि सदियों पहले से भारत एक ऐसा भू-खंड रहा है जो अपने प्राकृतिक संसाधनो एवं जलवायु विविधता कारण विदेशियों को आकर्षित करता रहा है ...

Happy Women’s Day परन्तु हमारी महिला सशक्तिकरण की परिभाषा गलत है

105 वर्ष पूर्व जर्मनी के एक समाजवादी द्वारा प्रारंभ किया गया पर्व ‘नारी दिवस’ लगभग 40 वर्षों से पुरे विश्व में महिलाओं को बराबरी का हक दिलवाने के लिए मनाया जाता है। आज महिला सशक्तिकरण के 'जुमले' के इस ...

जेएनयु पर अमेरिकी रिएक्शन : “पर उपदेश कुशल बहुतेरे” का एक अद्भुत नमूना

मोदी सरकार ने जैसे ही JNU के भीतर पल रहे सपोलो को कसना शुरू किया ठीख तभी अमेरिकी विश्वविद्यालयों के कुछ 455 शिक्षको ने 1 संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर भारत सरकार के इस निर्णय की भर्त्सना की और इसे ...

जेएनयु के देशद्रोहियों, तुम लोग बुद्धिजीवी नहीं, गन्दगी फैलाने वाले मच्छर हो

तुम लोग मच्छर हो। जवाहरलाल के नाम का ये विश्वविद्यालय कायरों की बस्ती है, बीमारी का अड्डा है। अपने आप को प्रबुद्ध समझने वाले ये लोग कीड़े हैं जो सिर्फ़ देश के टुकड़ों पर पलते हैं, और उस पर ...

बिहार चुनाव का वोट गणित

बिहार चुनाव महागठबंधन की महाजीत के साथ समाप्त हो चुका है | आरोप-प्रत्यारोप का एक स्वाभाविक दौर शुरू हुआ है | छीछालेदर की जो कसर चुनाव में रह गयी थी वो दिवाली की रात जलने में असफल पटाखों की ...

अरविन्द केजरीवाल की “नई तरह की राजनीति”

"अजी ! हम तो नई तरह की राजनीति करने आये हैं" ये एक वाक्य आपने पिछले 3 वर्षों से खूब सुना होगा। आप जो सोच रहे हैं ठीक ही सोच रहे हैं। मैं बात कर रहा हूँ श्री अरविन्द ...

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