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आदिपुरुष पर प्रतिबंध की मांग- सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान

Adipurush Ban: देवियों और सज्जनों, हम TFI की ओर से आदिपुरुष के टीज़र द्वारा पहुंचाई गई ग्लानि, एवं उससे भारतीय जनमानस को हुए शारीरिक, मानसिक एवं सांस्कृतिक कुठाराघात पर अत्यंत खेद प्रकट करते हैं। आइए, व्यवहारिकता और संस्कृति के ...

मौलाना रावण, B-टाउन सीता और लंगूर जैसे वानर, आदिपुरुष टीज़र महामारी है​ ​​

“आ रहा हूँ, अधर्म का विध्वंस करने!” वाह, इस संवाद पर तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठेगी और इसी शंखनाद के साथ ‘आदिपुरुष’ का महापर्व प्रारंभ हुआ है। परंतु, इस फिल्म की एक झलक से प्रतीत होता है कि ...

मणि रत्नम उस दौर का अर्बन नक्सल है, जब अर्बन नक्सल होना ‘कूल’ नहीं होता था

आजकल कॉमरेड मणि रत्नम के मजे ही मजे हैं। एक ओर तमिल फिल्म उद्योग में इन्होंने गर्दा उड़ा रखा है, दूसरी ओर इनकी फिल्म ‘पोन्नियन सेल्वन-1’ को क्रिटिक्स का प्रेम मिल रहा है सो अलग। सुनने में आ रहा ...

हिंदू पत्नियां सलाहकार और मार्गदर्शिका होती थीं फिर ‘मुगल’ आ गए

कार्येषु मन्त्री करणेषु दासी भोज्येषु माता शयनेषु रम्भा। धर्मानुकूला क्षमया धरित्री भार्या च षाड्गुण्यवतीह दुर्लभा।। अर्थात कार्य के संदर्भ में मंत्री, गृहकार्य में दासी, भोजन प्रदान करने वाली मां, रति के संदर्भ में रंभा, धर्म में सनुकुल और क्षमा ...

पौराणिक कथाओं के नाम पर मनोहर कहानियां आपकी बुद्धि को भ्रष्ट बना रही हैं

किसी भी तरह के ज्ञान के लिए सबसे अहम होता है कि व्यक्ति का कॉन्सेप्ट क्लियर हो और आज की सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि लोगों का कॉन्सेप्ट क्लियर ही नहीं है। लोग कही सुनी बातों के आधार ...

Ramayan and Mahabharat short Essay in Hindi for Class 5 to 8

प्रस्तुत लेख रामायण एवं महाभारत से सबंधित एक संक्षिप्त निबंध (Ramayan and Mahabharat short Essay in Hindi) है जो कक्षा 5 से 8 तक के विद्यार्थियों को ध्यान में रख कर लिखा गया है. Ramayan and Mahabharat short Essay ...

बॉलीवुडियों को आदिपुरुष से सीखना चाहिए कि कैसे करें फिल्मों का प्रमोशन

“मार्केट में सबसे बड़ा जोखिम होता है जोखिम न लेना”, स्कैम 1992 का यह संवाद भारतीय फिल्म उद्योग पर शत प्रतिशत लागू होता है और यह भारतीय फिल्म उद्योग विशेषकर बॉलीवुड के पतन का एक प्रमुख कारण बना है। ...

मधुबनी की अद्भुत कला तो आपने देखी ही होगी, अब फड़ कला की भव्यता भी देखिए

भारत विविधतओं का भंडार है, कहते हैं कि दो कोस में बदले पानी चार कोस में बानी। यहां अलग-अलग भाषाएं हैं, अलग-अगल बोलियां हैं, यहां एक से बढ़कर एक कलाकृतियां हैं, यहां लोगों के अंदर एक से बढ़कर एक ...

Astraverse – Brahmastra का आधार ही बकवास और अपमानजनक है

Boycott Brahmastra: परंतु क्यों? क्या हम इतने मूर्ख हो गए हैं कि हम किसी भी वस्तु का निराधार बहिष्कार करेंगे? क्या हम बॉलीवुड के प्रति अपने विरोध में इतने अंधे हो चुके हैं कि हम ब्रह्मास्त्र जैसी फिल्म को ...

नीतीश कुमार ने गया तीर्थ के विष्णुपद मंदिर का अपमान किया है, अब उन्हें नारायण भी नहीं बचा सकते

कहते हैं कि जब कुछ अच्छा नहीं कर सकते हैं तो कुछ ऐसा भी न करें जिसके बाद आप समाज को मुंह दिखाने के योग्य न रह जाएं। परंतु बख्तियारपुर से आने वाले महोदय नीतीश कुमार सिंह ने मानो ...

विभाजन विभीषिका दिवस पर विशेष: अखण्ड भारत एक वास्तविकता

पिछले वर्ष पीएम मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था. आइए, इस दिन अखंड भारत के बारे में विस्तार से समझते हैं. अखंड भारत का अभिप्राय उस अविभाजित भारत ...

गुमनाम नायक: रासबिहारी बसु भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ‘गॉड फादर’

“मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक!” कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित ‘पुष्प की अभिलाषा का ये ओजस्वी अंश उन अनन्य वीरों को समर्पित है, जिन्होंने देश ...

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