'रामायण' के लिए खोज परिणाम

द्रविड़ राजनीति हमेशा से इतनी ही ‘गंदी’ रही है, बस अब दिखने लगी है

क्या आपने कभी सोचा है कि इतने वर्षों से भारत के उत्तर और दक्षिण में एक तरह का विभाजन और टकराव क्यों है? ऐसा क्यों है कि भारत के दक्षिण हिस्से के नेता अलग देश की मांग करते हैं? ...

कैसे अजमेर शरीफ दरगाह ने विश्व के इकलौते ब्रह्मा जी के मंदिर ‘पुष्कर महातीर्थ’ को निगल लिया?

आप अजमेर जाते हैं तो सर्वप्रथम कहां जाने की सोचते हैं? निस्संदेह ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह और कभी अगर पुष्कर मेला लगा तो ‘असली राजस्थान’ का स्वाद लेने हेतु पुष्कर। परंतु अजमेर केवल इन दोनों के लिए ही ...

फ्लॉप-फ्लॉप से बॉलीवुड में त्राहिमाम के बीच खान गैंग की हालत हुई खराब

आप सभी जानते ही होंगे 'गंगूबाई काठियावाड़ी' फ्लॉप, 'बच्चन पांडे' फ्लॉप, 'हीरोपंती 2' फ्लॉप, 'शाबाश मिट्ठू' फ्लॉप, 'अनेक' फ्लॉप और 'शमशेरा' भी सुपर डुपर फ्लॉप जिसको देखकर आमिर खान और शाहरुख खान की हालत बहुत पतली हो चली है। ...

राजा रवि वर्मा के ‘श्रीराम’ की इस तस्वीर के पीछे की कथा क्या है?

टीएफ़आई प्रीमियम में आपका स्वागत है। तीनों लोकों के स्वामी प्रभु श्रीराम को स्मरण करके आज हम आपको एक कथा सुनाने जा रहे हैं। राजा रवि वर्मा के राम की कथा। उस तस्वीर के पीछे की कथा जो अपने ...

सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के साथ वापसी कर रहा है पुराना दूरदर्शन, ‘स्वराज’ उसी का संकेत है

दूरदर्शन की आगामी सीरीज स्वराज का प्रोमो रिलीज हो चुका है और उसे देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि इसी दिन के लिए तरस गए थे हमारे देशवासी. एक तरफ कंटेंट के नाम पर निरंतर वोक ...

RSS को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके “संस्कृत/वैदिक गणित/शास्त्र” के सुझाव देशभर में लागू हों

भाषा लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का माध्यम बनती है, भाषा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे विचारों को एक ढांचे में पिरोती है और हमारी भावनाओं को दूसरों के साथ साझा करने का भी ...

गोंडया आला रे! चापेकर बंधु के शौर्य का कोई जवाब नहीं

22 जून 1897, दिवस मंगलवार पुणे अवसाद का सागर बन चुका था, परंतु ब्रिटिश साम्राज्य विलासिता के रस का स्वाद ले रहा था। उनके लिए न कोई दुख, न कोई पीड़ा। उनके लिए तो बस वैभव ही जीवन का ...

प्राचीन भारत में दहेज प्रथा की कोई परंपरा नहीं थी, इसे औपचारिक रूप देने वाले अंग्रेज ही थे

आज के आधुनिक भारत में दहेज प्रथा एक सामाजिक खतरा बन गई है. यह महिलाओं पर अत्याचार, दुल्हन पर शारीरिक हिंसा, दुल्हन के माता-पिता पर आर्थिक और भावनात्मक तनाव और वैवाहिक संघर्ष का उद्गम स्रोत हैं। यह खतरा आज ...

भारत के अवेन्जर्स– जिन्होंने अरबी आक्रान्ताओं को 313 वर्ष भारतवर्ष में घुसने तक नहीं दिया

इतिहास बड़ी विचित्र वस्तु है, जिसके हाथ में कलम है, वही उसे रच पाता है। हमारे देश के वामपंथियों ने बड़े चाव से बताया है कि कैसे अरबी आक्रांता मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण किया था, और ...

लीजिए ‘भारत एक खोज’ का एन्टीडोट तैयार है

“भारत एक खोज” जैसे अधकचरे सीरियल से क्या आप त्रस्त हैं? क्या आपका मूड इसलिए खराब है क्योंकि सम्राट पृथ्वीराज के साथ अन्याय हुआ? क्या अभी तक आप देश के वास्तविक नायकों से परिचित नहीं हो पाए हैं? अगर ...

‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ के 20 वर्ष– जब पूरा देश भगत सिंह के लिए रोया था

आप विमल के लिए इस व्यक्ति का जितना उपहास उड़ा लें चलेगा, आप इनके विकल्पों के लिए इनका जितने मीम बनाना चाहें वो भी चलेगा, लेकिन वीर भगत सिंह को इनके जैसा कोई आत्मसात करके दिखा दे, तो मान ...

जब हिमाचल के कटोच राजपूतों ने मुहम्मद बिन तुगलक को तबीयत से धोया था

आप सभी ने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि अक्सर लोग कहते हैं, जो जीतता है, इतिहास वही बनाता है। ये सत्य है, और इसे सत्य सिद्ध करने में वामपंथियों ने अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं रखी। ...

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