जिस मूर्खता से भाजपा ने इस संवेदनशील मसले को संभाला, वो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है
आजादी से पहले जो नेता थे, उनमें से कुछ नेता कालांतर में राजनैतिक नेता के रूप में परिवर्तित हो गए और फिर वही नेता चतुर राजनेता बन गए। चूंकि यह चाटुकारिता है जो कि किसी के राजनीतिक कैरियर को ...