रोहिंग्याओं को बसाने के लिए सरकार पे बहुत दबाव था, पर सरकार ने जो किया उससे सबके होश उड़ गए
सासानी साम्राज्य के पतन के बाद आक्रमणकारियों की सेना जिनके सर पर खून सवार था उनके द्वारा पारसियों के क्रूर उत्पीड़न का इतिहास गवाह रहा है। आठवीं और दसवीं सदी के बीच कुछ भाग्यशाली पारसी नरसंहार से बचकर संजन ...