'वामपंथी' के लिए खोज परिणाम

देश में कोई भी देशविरोधी गतिविधि हो, ये तीनो ही बीच-बचाव करते क्यों मिलते हैं?

दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में देश-विरोधी नारे लगाए जाने के बाद हुए हिंसक झड़पों से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया में छिड़े दंगल में विभिन्न क्षेत्रों के ...

तो क्या यही हकीक़त है कांग्रेस पार्टी की

पिछले वर्ष जेएनयू के वामपंथी छात्रनेता और उनके पुरे समूह ने 'भारत तेरे टुकड़े होंगे', 'कश्मीर की आज़ादी तक जंग चलेगी' जैसे देशविरोधी नारे लगाकर आतंकी 'अफज़ल गुरु' की फांसी को न्यायिक हत्या बता रहे थे। आतंकियों के समर्थन ...

आज इन्होने एक मूर्ति तोड़ी है, कल मंदिर तोड़ेंगे

दिसंबर 1992, बाबरी विध्वंस। अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर स्थित बाबरी मस्ज़िद रुपी विवादित ढाँचा को गिराया गया था। तब से लेकर अब तक इस एक कृत्य के लिये आज भी उंगली उठायी जाती हैं। एक बाबरी गिरने ...

दो ऐसी संस्थाएं जिन्हें वामपंथ ने जकड़ रखा है

वामपंथ भारत सहित पूरी दुनिया में बुरी तरह विफल रहा। मज़दूर और कृषक वर्ग के हक़ की लड़ाई के नाम पर दुनिया भर के वामपंथियों ने पुरे विश्व में खूनी क्रांति की। लेकिन यही वामपंथ, जिसकी वास्तविकता को दुनिया ...

विपक्ष की सबसे बड़ी परेशानी ये है

आजकल हम देखते हैं क़ि हर नेता, अभिनेता या कोई सेलिब्रिटी देश में चल रहे सभी मुद्दों पर कुछ ना कुछ टिप्पणी करता हैं. मुद्दा चाहे काला धन हो या पाकिस्तान, कश्मीर हो या नोटबंदी, बोलना सभी को रहता ...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशद्रोह की दूकान खोलना कितना जायज़ है?

मानवीय गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ज़रूरी माना गया हैं. नागरिकों के नैसर्गिक अधिकारों के रूप में उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रताओं को संरक्षित करना, ताकि मानव के व्यक्तित्व के सम्पूर्ण विकास हो सके और उनके ...

जब तक माल्या है, तब तक मार्क्स और मार्क्सवाद है

एक 14 वर्ष के चरवाहे लड़के ने जब अपने पिता से पूछा कि पिता जी ये बारिश क्यों और कैसे होती है? तो पिता ने वैज्ञानिक कारण का ज्ञान होते हुए भी उसे एक काल्पनिक कहानी बतानी बहतर समझी ...

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है

वामपंथ ही आधुनिक युग का ब्राह्मणवाद है बचपन से ही हम पढ़ते आ रहे हैं कि सदियों पहले से भारत एक ऐसा भू-खंड रहा है जो अपने प्राकृतिक संसाधनो एवं जलवायु विविधता कारण विदेशियों को आकर्षित करता रहा है ...

रवीश बाबू आप क्यूँ कैकेयी बन रहे है?

बात बहुत पुरानी है | रामायण अभी लिखी जानी बाकी थी | पता नहीं उस समय तक किसी का इरादा भी था कि नहीं | ज्यों त्यों लिख ही दी गयी | परिणाम अच्छा ही रहा | पर अगर ...

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