आखिरकार ED के शिकंजे में आ ही गए शरद पवार के करीबी नवाब मलिक
एक कहावत है जब पाप का घड़ा भर जाता है तो वो एक ना एक दिन जरूर फूटता है। NCP के नेता नवाब मलिक का वही हाल है। ED ने उद्धव ठाकरे की सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री और NCP ...
एक कहावत है जब पाप का घड़ा भर जाता है तो वो एक ना एक दिन जरूर फूटता है। NCP के नेता नवाब मलिक का वही हाल है। ED ने उद्धव ठाकरे की सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री और NCP ...
प्रधान मंत्री मोदी ने विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस न होती, तो कोई आपातकाल नहीं होता, और सिखों का नरसंहार कभी नहीं होता। राष्ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में ...
“सुभाष जी, सुभाष जी, वो जान ए हिन्द आ गए, है नाज़ जिस पे हिन्द को, वो शान ए हिन्द आ गए” ये गीत आज की वास्तविकता है, क्योंकि जिस व्यक्ति को केवल कुछ वाद विवाद प्रतियोगिता और कुछ ...
आजकल के हमारे युवाओं से अगर कोई पूछे कि लोकतंत्र क्या है, तो 'टप्प-से' उनके मुख से अब्राहम लिंकन की "...of the people, by the people, For the people" वाली परिभाषा की अमृतवाणी झड़ने लगती है। परंतु अगर इसी ...
देश के 5 राज्यों में आने वाले कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से अपनी तैयारियों में लग गई है, साथ ही आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी शुरु हो चुके हैं। राजनीतिक पार्टियां जमकर ...
राजस्थान स्थापना दिवस कब मनाया जाता है? प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को भारत देश में स्थित राजस्थान राज्य की स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है. 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय ...
खेड़ा सत्याग्रह कब हुआ था? गाँधीजी ने 1918 ई. में खेड़ा (गुजरात) के किसानों की समस्याओं को लेकर आन्दोलन शुरू किया था. यह सत्याग्रह खेड़ा ज़िले में किसानों का अंग्रेज़ सरकार की कर-वसूली के विरुद्ध एक सत्याग्रह था. यह ...
भारत में छद्म धर्मनिरपेक्षता की, छद्म आदर्शवाद की, छद्म पर्यावरण संरक्षण की वकालत करने वालों की सामने से आलोचना करना एक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कदम है। यही वो चीजें है, जिसके चलते एक लंबे समय तक भारत पीछे रहा ...
इस देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष शीघ्र ही होने वाले हैं। जहां एक तरफ सरदार वल्लभभाई पटेल, लालबहादुर शास्त्री, शंकर राव चव्हाण, ज्ञानी ज़ैल सिंह और राजनाथ सिंह जैसे प्रख्यात और ओजस्वी नेताओं ने गृह मंत्रालय की शोभा ...
आज के डिजिटल युग में युद्ध का क्षितिज असीमित हो चुका है। आज युद्ध सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं लड़ा जाता, बल्कि यह आम जनता के घरों यानी समाज के मूल तक पहुंच चुका है। भारत विरोधी तत्व देश ...
हमारे बड़े बुजुर्गों ने एक बात बहुत सही कहा है, परिश्रम का फल सदैव मीठा होता है, लेकिन इस बात को रोहित शेट्टी ने कुछ अधिक ही गंभीरता से ले लिया। अनेक बाधाएं आई, कोरोना की एक नहीं दो-दो ...
वंशवाद स्वार्थ को जन्म देता है। स्वार्थ लालच, सनक और चाटुकारिता को और यही सनक और चाटुकारिता तानाशाही में परिवर्तित हो जाती है। इसी तानाशाही से चाटुकारिता, अयोग्यता और अनैतिकता का सृजन होता है। अगर इस प्रक्रिया को शब्दों ...
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