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“मुस्लिम तुम्हें कितना भी पीटें, तुम पलटवार मत करो” आइए, हिंदुत्व पर गांधी के ‘योगदान’ को समझें

गांधी अहिंसा: भारत हो या भारत के बाहर, मोहनदास करमचंद गांधी का सम्मान हमेशा ही होता रहा है। उन्हें महान कहा जाता रहा है लेकिन आवश्यक नहीं है कि गांंधीजी के सभी विचारों को महान मान लिया जाए। गांधीजी ...

पारसी देश के सबसे धनाढ्य और सबसे उद्यमी अल्पसंख्यक हैं, साथ ही वंशवाद के ध्वजवाहक भी

ईरानी कैफे, वाडिया ग्रुप ऑफ कम्पनीज़, टाटा ग्रुप, इन सबमें समान बात क्या है? ये सब पश्चिमी भारत में उद्यमिता का अनुपम उदाहरण हैं और उसमें भी एक समुदाय के उत्थान का, जिसने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आप ...

POK को लेकर राजनाथ सिंह की गर्जना कराची से लेकर इस्लामाबाद तक सुनाई दे रही है

राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को शक्ति और सामर्थ्य से ही बनाए रखा जा सकता है। दूसरी बात, अगर आप में शक्ति नहीं होगी, तब तक आपके अधिकारों के लिए कोई नहीं लड़ेगा और आपको धोखा मिलता रहेगा। भारत ...

महाकालेश्वर धाम के पुनरुद्धार के साथ, भारत का सांस्कृतिक पुनर्जागरण बड़े पैमाने पर है

सनातन धर्म और सनातन धर्म के चिह्नों को भारत भूमि सदियों से संजोते आ रही है लेकिन एक समय आया जब विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने इस भूमि को अपनी धूर्त सोच और रक्तपात से दूषित तो किया ही साथ ...

श्यामजी कृष्ण वर्मा: भारत के अनसंग हीरो जिन्हें पीएम मोदी मुख्यधारा में वापस ले आए

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के भीष्म पितामह आप किसे मानते हैं? कुछ लोगों के लिए वे ‘दादाभाई नाओरोजी’ हैं, तो कुछ के लिए 'गोपाल कृष्ण गोखले' हैं। परंतु अधिकतम लोगों को नहीं पता है कि जिस गुजरात से कभी मोहनदास ...

नर्मदा बचाओ आंदोलन पर स्वामीनाथन अय्यर मेधा पाटकर के कट्टर समर्थक से धुर विरोधी कैसे बन गये?

नर्मदा बचाओ आंदोलन, इन तीन शब्दों का हमारे बचपन से कुछ न कुछ नाता तो अवश्य है। यदि कभी इसमें भाग न लिया हो, तो इसके बारे में अवश्य सुना होगा जिसकी पुरोधा थीं पर्यावरणविद मेधा पाटकर। मेधा पाटकर, ...

जो पूरे राष्ट्र को नमक खिलाते हैं, उनकी स्थिति कैसी है, अगरिया समुदाय की अनकही कहानी

जैसे मछली जल के बिना और मनुष्य वायु के बिना अधूरा है वैसे ही भोजन नमक बिना अधूरा है। इस नमक के उत्पत्ति के लिए काफी प्रयास करना पड़ता है, तो क्या आपको पता है कि संसार का सबसे ...

सत्यम् शिवम् सुन्दरम् के साथ वापसी कर रहा है पुराना दूरदर्शन, ‘स्वराज’ उसी का संकेत है

दूरदर्शन की आगामी सीरीज स्वराज का प्रोमो रिलीज हो चुका है और उसे देखने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि इसी दिन के लिए तरस गए थे हमारे देशवासी. एक तरफ कंटेंट के नाम पर निरंतर वोक ...

स्थापना दिवस: एक उपनिवेश से एक भारतीय राज्य तक गोवा की यात्रा

गोवा हर साल 30 मई को अपना स्थापना दिवस मनाता है क्योंकि 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। भारत की आजादी के 14 साल बाद भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। 19 ...

उपमुख्यमंत्री पद के लिए सामाजिक और जातीय समीकरणों के अलावा और भी बहुत कुछ है

उप मुख्यमंत्री का पद कोई संवैधानिक पद नहीं है। संविधान के किसी भी प्रावधान में इसका कोई भी उल्लेख नहीं है। आम जनता को लगता है की राजनीतिक पार्टियां उप मुख्यमंत्री का पद केवल राजनीतिक, जातीय और सामाजिक समीकरणों ...

भारत: एक ऐसी वैश्विक महाशक्ति जिस पर पूरी तरह से निर्भर हो सकती है दुनिया

जब बात आती है वैश्विक मंच पर महाशक्ति के रूप में अपनी भूमिका निभाने की तो केवल एक देश है जो इस भूमिका के साथ न्याय करता है, वह है हमारा भारत। वैश्विक संकट की स्थिति में भारत ने ...

अगर The Kashmir Files ने लिबरल्स को घाव दिए, तो RRR उस पर खूब नमक रगड़ रही है

बेचारे वामपंथियों के लिए तो मार्च का महीना किसी प्रलय से कम नहीं रहा है। अभी महीना खत्म होने में दो दिन शेष है,और वामपंथियों को राजनीति से लेकर सिनेमा के क्षेत्र तक इतने झटके लगे हैं कि उनकी ...

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