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पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा

कभी विदेश मंत्री थे, आज कल तालिबान प्रेमी हैं: अजब यशवंत की गजब कहानी

समय के साथ कुछ महत्वाकांक्षी राजनेता कैसे अपनी ही बातों से पलटी मार जाते हैं, ये आम तौर पर देखने को मिल ही जाता है, किन्तु सर्वाधिक आश्चर्य तब होता है, जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में भी राजनीतिक बयानबाजी होती है। तालिबान का अफगानी धरती पर अधिपत्य होने ...

अकाली दल तालिबान

अकाली दल अब तालिबान की पैरवी कर रहा: ये पार्टी चुनावों में अपनी हार खुद तय कर रही है

‘अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना’, ये कहावत हैं, लेकिन आजकल पंजाब की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने संभवतः इसे यथार्थ में बदलने की तैयारी कर ली है। अपने राजनीतिक भविष्य पर अकालियों ने पहली चोट तो उसी दिन मार ली थी, जब किसानों के हितों का दिखावा करके ...

तालिबानी शासन

1996 में, UAE और सऊदी तालिबान का समर्थन करने वाले पहले देश थे, इस बार ऐसा नहीं होगा

अशरफ गनी और अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान औपचारिक रूप से शासक है। अफगानी आवाम ने बलपूर्वक ही सही पर तालिबानी शासन को स्वीकार कर लिया। लेकिन, विश्व ने अभी मान्यता नहीं दी है। ऊपर से अमेरिका और सहयोगी देश तालिबानी शासन पर हमलावर है। 3200 करोड़ रुपये ...

सनातन

सनातन धर्म, हिंदू संस्कृति और भारत को कलंकित करने के लिए एक वैश्विक अभियान प्रारंभ हो चुका है

ज़रा सोचिए, क्या जाति व्यवस्था हिंदू धर्म का सार है? क्या सामाजिक पदानुक्रम केवल हिंदू समाज मेंं मौजूद थे? क्या ब्राह्मणवाद हिंदू धर्म का पर्याय है? कम से कम, कैलिफ़ोर्निया के शिक्षा अधिकारी ऐसा मानते हैं। इसके परिणामस्वरूप अमेरिका स्थित एक हिंदू समूह ने अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर ...

अफगानिस्तान हिंदु नरसंहार

पाकिस्तान का एक ही उद्देश्य है, अफ़ग़ानिस्तान में बड़े पैमाने पर हिन्दुओं का नरसंहार किया जाये

अमेरिका की अफ़गान से सैन्य वापसी के बाद यह देश धीरे-धीरे नर्क में बदल रहा है। यहां रहने वाले लोगों ने उस भयावह मंजर को अपनी आँखों से देखा है जब ये रक्षा सत्ता के सिंहासन पर बैठे थे। तब अफगानिस्तान में आज़ादी, अधिकार,उम्मीद, संरक्षण और लोकतन्त्र की कोई जगह ...

पाकिस्तान के ISI

अफ़गान सरकार को भला बुरा कहने से लेकर तालिबान को संत बताना – ISI समय से पहले ईद मना रहा है

हाल ही में तालिबान ने दो दशक के बाद अफ़गानिस्तान में पुनः आधिपत्य स्थापित कर लिया है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटने के बाद तालिबानी लड़ाकों द्वारा काबुल को कब्जे में लेने के पश्चात वहाँ के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह ने अपने कुछ करीबियों के साथ देश ...

मुल्ला बरादर

मिलिये आतंकवादी से अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बने मुल्ला बरादर से

सामान्य ज्ञान की किताब में अगर अभी ये सवाल आ जाये कि अफ़ग़ानिस्तान का राष्ट्रपति कौन है? तो शायद बच्चे  अशरफ गनी का नाम लेंगे, लेकिन हमारे जैसे लोग जो खबरों से जुड़े रहते हैं, उनके लिए यह सवाल बड़ा कठिन है, क्योंकि अब अफ़ग़ानिस्तान में दो राष्ट्रपति हैं। एक ...

तालिबान का इतिहास

तालिबान – वो ‘भस्मासुर’ राक्षस, जिसका सृजन अमेरिका ने किया

तालिबान का इतिहास : कैसे अमेरिका ने आज के भस्मासुर को जन्म दिया? भस्मासुर नाम तो आपने सुना ही होगा। हाँ हाँ, वही राक्षस, जिसने भगवान शिव से ऐसा वरदान मांगा, जिसके वह जिसके भी सर पर अपना हाथ रखे, वह भस्म हो जाए। लेकिन जब भगवान ने उसकी तपस्या ...

अफगानिस्तान भारत

आखिर क्यों तालिबान के खिलाफ युद्ध में भारत को अफगानिस्तान की मदद करनी चाहिए?

अफ़ग़ानिस्तान में स्थिति भयंकर हो चुकी है। अफगानिस्तान के 34 बड़े ठिकानों में से 11 सीधे-सीधे तालिबान के कब्जे में आ चुका है। अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर, हेरात को भी तालिबान ने छीन लिया है। यानि देखा जाए तो तालिबानी आतंकियों ने एक सप्ताह में आधे से अधिक ...

पाकिस्तान अफगानिस्तान

पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान को बर्बाद कर रहा, अब अफगानियों ने उससे बदला लेने की ठान ली है

तालिबान ने इस समय अफगानिस्तान में त्राहिमाम मचा के रखा है। जिस प्रकार से तालिबानी आतंकी अपने नियंत्रण के शहरों में बच्चे, बूढ़े और महिलाओं पर बेहिसाब अत्याचार ढा रहे हैं, वो किसी से छुपा नहीं है। साथ ही ये भी किसी से नहीं छुपा है कि अफगानिस्तान में इस ...

बाइडन

बाइडन ने अमेरिकी सैनिकों को फिर से दुनिया के युद्धक्षेत्रों में भेजने का फैसला किया है

पिछले नवंबर में ही हमने आपको बताया था कि कैसे अब अमेरिका में दोबारा जंग के लिए भूखे कुख्यात Democrats का शासन आने वाला है। अब चूंकि बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति बन चुके हैं, ऐसे में अब अमेरिका में war-lobby दोबारा प्रभावशाली हो गयी है। अमेरिका के सैनिकों को अब ...

म्यांमार

श्रीलंका और मालदीव के बाद म्यांमार को चीन के चंगुल से छुड़ाने के लिए भारत ने चला बड़ा दांव

हाल ही में एक अहम निर्णय में भारत के वर्तमान सैन्य प्रमुख, Manoj Mukund Naravane (मनोज मुकुंद नरवणे) एवं भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यांमार का दौरा करने का निर्णय किया है। इस निर्णय के पीछे एक बहुत ही सधी हुई सोच है, जिसका प्रमुख निशाना है चीन। ...

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