“बस हो, ट्रेन हो, रेलवे स्टेशन हो हम तो नमाज पढ़ेंगे, दूसरे भाड़ में जाएं”, इस्लामिस्टों की धौंस है
आज मैं आपसे एक सवाल पूछना चाहता हूं- सवाल यह है कि मान लीजिए आपके पास एक छोटा घर है, जिसमें आपका परिवार रहता है। एक या दो रिश्तेदार आ जाते हैं तो उनके लिए भी एक कमरा है ...