‘मुगल तो शरणार्थी थे,’ ऐसा नसीरुद्दीन शाह का कहना है
जब आप घर बार छोड़कर अफगानिस्तान में डेरा जमाते हो, अपना आशियाना बनाते हो, और फिर भारत पर हमला करते हो, ताकि युगों-युगों तक एक अभेद्य, अकाट्य सल्तनत की नींव रखी जा सके, और फिर सैकड़ों वर्ष बाद आपका ...