फिल्म समीक्षक मसान को बड़ी तोप फिल्म बताते हैं, लेकिन क्यों? उसमें है क्या?
फिल्में समाज के दर्पण के समान होती है। अगर ये कथन सत्य है तो फिर तो हमारा देश घोर संकट में है, क्योंकि यहां जिन फिल्मों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए, उन्हें बुद्धिजीवी और कभी कभी तो ...