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नकली किसानों का विरोध खत्म हुआ लेकिन भारत को जो घाव मिले वो मिटेंगे नहीं!

नकली किसानों की भीड़ और उग्रवाद से डर के कारण भले ही केंद्रीय सरकार ने कृषि कानून को वापस ले लिया है लेकिन क्या इसके साथ जो कुछ भी जो हुआ, उससे हम मुक्ति पा सकते हैं? क्या इस ...

‘नकली किसानों’ का विरोध खत्म हो गया परन्तु देश को बंधक बनाने वाले अपराधी अभी भी मुक्त हैं

देश में कृषि कानून को लेकर पिछले एक वर्ष से दिल्ली की सीमाओं पर तथाकथित किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानून के लिए किसानों के अनैतिक प्रदर्शन को देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 ...

दो साल की कानूनी तकरार के बाद गुजरात के किसानों ने पेटेंट ट्रायल में PepsiCo को हराया

विश्व इतिहास में आपने प्रथम विश्व युद्ध, द्वितीय युद्ध और शीत युद्ध के बारे में जरुर सुना होगा। भारत में आपको साल 1965, 1971 और 1999 का करगिल युद्ध भी याद होगा। इन सभी युद्धों का एक विस्तृत इतिहास ...

SFJ ने 29 नवंबर को संसद में खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए ‘किसानों’ को 125,000 डॉलर की पेशकश की है

पिछले एक साल से चल रहे किसान आन्दोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2021 को किसानों के लाभ के लिए पारित किए गए 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने का निर्णय लिया और किसानों से आंदोलन ...

नकली किसानों के तुष्टीकरण के बाद अब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु कर सकते हैं असली किसान

बीते दिन शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने का ऐलान किया। जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। लगभग 1 साल तक ...

हत्या, उपद्रव और महिलाओं के शोषण के पश्चात अब पंजाब के फर्जी किसानों ने बनाया ‘सूर्यवंशी’ को निशाना!

‘चोट लगी है उसे फिर क्यों महसूस मुझे हो रहा, दिल तू बता दे क्या है इरादा तेरा?’ कुछ ऐसी ही अवस्था कृषि आंदोलन को जबरदस्ती खींच रहे नकली किसानों की है। देश में कोई भी उनके हिंसक आंदोलन ...

NHAI को फर्जी किसानों के आंदोलन से हुए नुकसान की भरपाई योगी मॉडल से करनी चाहिए

भारत में प्रोटेस्ट के नाम पर सार्वजनिक स्थलों को नुकसान पहुंचाना एक फैशन बन चुका है। पिछले कुछ समय में ऐसे अनेकों उदाहरण देखने को मिले हैं। चाहे वो CAA विरोधी आंदोलन हो या कृषि कानून के विरोध में ...

“फर्जी किसानों” की भीड़ के सामने मोदी सरकार ने किया सरेंडर

‘भय बिन होय न प्रीत’ श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड की ये पंक्ति दिल्ली की सभी सीमाओं पर बैठे तथाकथित किसानों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन पर बिल्कुल ही चरितार्थ होती हैं, लेकिन इसके विपरीत सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि ...

राजस्थान पुलिस द्वारा किसानों की ‘बर्बर’ पिटाई को मेनस्ट्रीम मीडिया ने केवल ‘मामूली’ बताया

मीडिया को चौथे स्तंभ बनाने के रूप में पेश करने वाली मीडिया संस्थान सबसे अधिक पक्षपाती हैं। इसका प्रमाण क्या है? प्रमाण यह है कि हर खबर जिसको पढ़ा या लिखा जाता है, वह शब्दों का खेल है। जब ...

आम किसानों पर अत्याचार करने का साधन है APMC, जो माफियाओं द्वारा संचालित है

किसान आंदोलन का सबसे प्रमुख कारण APMC (एपीएमसी) के एकाधिकार को मिली चुनौती है। पहली बार देश के वास्तविक अन्नदाताओं को सरकार ने जमींदारों के शोषण के विरुद्ध कृषि कानून नामक सुरक्षा कवच प्रदान किया है। APMC (एपीएमसी) इन्हीं जमींदार या ...

“पूरे शहर का गला घोंट रखा है”, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी नकली किसानों के मुंह पर जड़ा तमाचा

किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता फैलाने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ फटकार ही नहीं लगाई बल्कि किसान संगठन पर शहर का गला घोंटने का भी ...

नरेश टिकैत ने कैमरे पर बताया, कैसे किसानों का रणनीतिक तौर पर शोषण किया जा सकता है

एक प्रायोजित तरीके से लोगों को भ्रमित करके सरकार के विरुद्ध माहौल चाहे जितना भी बना लो, किन्तु उसका खुलासा एक न एक दिन हो ही जाता है। वही हुआ है किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान ...

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