जो बनेगा पश्चिमी UP की पहली पसंद, वही बनेगा CM
शीघ्र अतिशीघ्र उत्तरप्रदेश में चुनावी लहर प्रारंभ होने वाली है, और कोविड की वर्तमान लहर भी इसे अधिक समय तक नहीं रोक सकती। वो कहते हैं न कि दिल्ली की सड़क लखनऊ से होकर जाती है, इसीलिए उत्तर प्रदेश ...
शीघ्र अतिशीघ्र उत्तरप्रदेश में चुनावी लहर प्रारंभ होने वाली है, और कोविड की वर्तमान लहर भी इसे अधिक समय तक नहीं रोक सकती। वो कहते हैं न कि दिल्ली की सड़क लखनऊ से होकर जाती है, इसीलिए उत्तर प्रदेश ...
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचले काफी तेज हो गई है। आरोप प्रत्यारोप के दौर शुरु हो चुके हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा प्रदेश के विकास के मुद्दे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के ...
राजनीतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा है, जहां से देश को कई बड़े नेता मिले और सबसे अधिक प्रधानमंत्री भी इसी उत्तर प्रदेश ने दिए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख़ धीरे-धीरे नज़दीक ...
2019 राहुल गाँधी के प्रधानमंत्री बनने का आखिरी मौका था देश के सबसे अनुभवी एक्टिव राजनीतिक नेताओं में से एक शरद पवार दिल्ली में हो और राजनीतिक गलियारों में हलचल न हो ऐसा नहीं होता है। कल यानी मंगलवार ...
कांग्रेस देशभर में अन्य दलों के साथ गठबंधन करने के लिए काफी समय से तड़प रही है लेकिन उसको कोई भी चारा डालने को तैयार नहीं है। अब उसने सपा-बसपा के गठबंधन को लुभाने के लिए एक नई चाल ...
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने आज अपने छोटे साथी 'राष्ट्रीय लोक दल' के लिए सीटों का बंटवारा कर दिया है।इसको लेकर आज दोपहर साढ़े तीन बजे समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ...
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ विपक्षी दलों में हलचल भी बढ़ती जा रही है। उन्हें एक बार फिर से 2014 की करारी हार की याद सताने लगी है। शायद यही कारण है कि सभी दल बार-बार एक दूसरे ...
"हम आधुनिक दुनिया की सच्चाई से दूर हो गए थे और हम एक बनावटी माहौल में रह रहे थे, जिसे हमने ही तैयार किया था" ये शब्द थे उस व्यक्ति के, जिसने स्वतंत्र की सबसे शर्मनाक पराजय की नींव ...
“शौर्यम, दक्षम, युध्धेय” भारतीय सेना के पराक्रम के उल्लेख से ही हमारे मन मस्तिष्क में वीरता, शौर्य एवं साहस का संचार हो उठता है। भारत माता की जय अथवा वन्दे मातरम की हुंकार लगते ही प्रतीत होता है कि बस ...
10 जनवरी 1966, भारत और पाकिस्तान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन ताशकंद में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल मोहम्मद अयूब खान ने 1965 के ...
ऑपरेशन पोलो और सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के ‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल को हमारे देश के वीर सैनिकों पर कितना विश्वास था ये आप इन शब्दों से समझ सकते हैं। “आपको लगता है हमारी सेना दस दिनों तक ...
15 अगस्त 1947, इस दिन हमारा देश तो स्वतंत्र हुआ था, परंतु उसके साथ ही साथ 565 रियासतें और रजवाड़े भी स्वतंत्र हुए थे। उन्हें एक देश में पिरोने का दायित्व तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं उनके ...
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