'जवाहर लाल नेहरू'' के लिए खोज परिणाम

“नेहरू ने हनीट्रैप में फंसकर देश का बंटवारा किया”, सावरकर को ‘गाली’ देने वाली कांग्रेस की तो लग गई

भारत का विभाजन: कांग्रेस पार्टी मृत्यु शैय्या पर लेटी है। कांग्रेस के चश्मोचिराग कांग्रेस पार्टी में उजाला करने की कोशिश में लगे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उजाला कम और अंधेरा अधिक कर रहे हैं। अपने ...

नेहरू और एडविना का वो प्रसंग, जिसे वर्षों से सबसे छुपाती आ रही है कांग्रेस

“और देव साहब, कैसा चल रहा है सब?” “कुछ नहीं नेहरूजी, सब आपकी कृपा है!” “आप तो अपनी अदाओं से कई हसीनाओं के दिल चुरा लेते हैं” “हा हा हा! वैसे दिल चुराने से याद आया, ये सच है ...

कुछ इस तरह नेहरू और वीके कृष्ण मेनन ने भारतीय सैन्यबलों को समाप्त करने का प्रयास किया

"हम आधुनिक दुनिया की सच्चाई से दूर हो गए थे और हम एक बनावटी माहौल में रह रहे थे, जिसे हमने ही तैयार किया था" ये शब्द थे उस व्यक्ति के, जिसने स्वतंत्र की सबसे शर्मनाक पराजय की नींव ...

नेहरू को इतिहास से निकाल कर कूट दिए वो भी जयराम रमेश के सामने, किरेन रिजिजू नाम है हमारा!

श्रीमद्भगवद्गीता में कहा गया है कि कर्म किए जाओ, फल की चिंता मत करो! जवाहरलाल मोतीलाल नेहरू को इस बात पर तनिक चिन्तन तो करना ही चाहिए था या जो भी उनका वास्तविक नाम था। आज बिना नेहरू की ...

नेहरू की वो 3 गलतियां जिन्होंने विभाजन की विभीषिका को जन्म दिया

व्यक्ति गलतियों का पुतला होता है। जब विभाजन के घाव भारत के मन मस्तिष्क में उभरते हैं तो हम सदैव उन कारणों और उन लोगों को स्मरण करते हैं, जिनके कारण युगों युगों से एक हमारी माटी रातों रातों ...

RRR में गांधी और नेहरू को भाव न देने के पीछे एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है

RRR फिल्म में भारत के स्वतंत्रता संग्राम को चित्रित करते हुए गांधी और नेहरू से ऊपर सरदार पटेल की भूमिका को दिखाया गया जिसे लेकर लिबरलों ने जमकर बवाल मचाया था। इस पर कई तरह के सवाल भी उठे ...

मोतीलाल वोरा की आत्मा के साथ TFI फ़ाउंडर अतुल मिश्रा की ख़ास बातचीत

यह एक व्यंगात्मक साक्षात्कार है। इसका उद्देश्य किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति को ठेस पहुंचाना नहीं है। कृपया लाइट लें। मोतीलाल वोरा: हूहूहूहू अतुल मिश्रा: मोतीलाल जी डराइए मत, हम आपसे एकदम नहीं डरते। मोतीलाल वोरा: हमसे आज ...

नेहरू से सोनिया तक सभी घोटालों के जिम्मेदार हैं मोतीलाल वोरा!

‘मुर्दे की आवाज़ नहीं होती, होती तो आज मोतीलाल वोरा चीख-चीख कर कह रहे होते, "हमको फंसा रिया है।" यह कोई आम बात नहीं है, अपने बचाव में केजरीवाल जैसा धूर्त आदमी अपने बच्चों की झूठी कसम तक खा ...

लाल बहादुर शास्त्री जो प्रधानमंत्री पद के प्रथम विकल्प तो नहीं थे पर उत्कृष्ट प्रधानमंत्री हुए

9 जून 1964, जब देश एक भीषण त्रासदी से जूझ रहा था। जवाहरलाल नेहरू के चुनाव से वैचारिक मतभेद लोगों को चाहे जितने रहे हों, परंतु 27 मई को उनकी मृत्यु के पश्चात भारतीय राजनीति के समक्ष एक अजीब ...

पीएम संग्रहालय – काहे कि नेहरू अकेले प्रधानमंत्री नहीं थे

केंद्र में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से भारत प्रगति की ओर अग्रसर है। भाजपा ने देश की राजनीति में पकड़ इतनी मजबूत कर ली है की आज के समय में कांग्रेस देश की राजनीति से ...

नेहरूवाद का अंतिम अवशेष अब मलबे में दब जाएगा

भारतीय राजनीति के लिए यह बेहद दुखद है कि सरकारी संपत्ति को अपनी बपौती और पूरे देश को अपनी निजी संपत्ति समझा गया। इसकी रीत स्वयं भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपने कार्यकाल से ही रख दी ...

राजकुमारी अमृत कौर: AIIMS के पीछे की मुख्य प्रेरक शक्ति, जिन्हें नेहरू के आगे अनदेखा कर दिया गया

हमेशा से हम प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू को देश के शीर्ष चिकित्सा निकाय अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के निर्माण का श्रेय देते है लेकिन हम नहीं जानते कि एम्स की नींव के पीछे का असली कारण राजकुमारी अमृत ...

पृष्ठ 2 of 32 1 2 3 32

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team