'योद्धाओं' के लिए खोज परिणाम

तुगलक के स्वप्न को नष्ट करने वाला तेलुगु शूरवीर

दक्षिण भारत के इतिहास में वीरों का शोणित वैसे ही बहा है जैसे कावेरी, कृष्णा, गोदावरी और नर्मदा का जल. सन 1296: देवगिरी से अलाउद्दीन खिलजी के क्रूर अभियान का प्रारंभ हुआ। अपने श्वसुर को सत्ताच्युत करने के पश्चात, ...

चंद्रयान 3 प्रक्षेपित क्या हुआ लिबरलस की ही सुलग उठी !

बचपन में सुने थे, “सूत न कपास, जुलाहे मा लट्ठम लट्ठ!” आज चंद्रयान 3 के प्रक्षेपण से पूर्व इसका जीता जागता उदाहरण देख भी लिए। अपने अपने कुर्सी की पेटी बांध लें, क्योंकि चंद्रयान चंद्रमा की ओर अग्रसर है, ...

अकबर का हिन्दू प्रेम : सत्य बनाम मिथ्या!

अकबर को महान क्यों बताया जाता है? क्योंकि वामपंथी इतिहासकारों के अनुसार, वे सेक्युलर थे, उन्होंने कई राज्यों के साथ मित्रता की, कई हिन्दू राजकुमारियों को अपने घर का हिस्सा बनाया। परंतु जब आज के युग में अतीक अहमद ...

जगदंब तलवार: इन वस्तुओं को अविलंब ब्रिटेन के “चोर बाज़ार” से वापस लाना है

जगदंब तलवार: कैसा लगे, जब आपकी अमूल्य धरोहर किसी अन्य के हाथों में हो, केवल इसलिए क्योंकि उसके पूर्वजों ने कुछ शताब्दियों पूर्व आपके धरती पर राज किया था? यूं ही ब्रिटेन के संग्रहालयों को “चोर बाज़ार” नहीं कहा ...

मेवाड़ और मारवाड़ के बीच का शीत युद्ध : राजपुताना का सबसे बड़ा दुर्भाग्य

अगर GOT देखी हो, तो आपको अंदाज़ा होगा कि सत्ता के लिए लोग किस स्तर तक जा सकते हैं, और कभी कभी साझी संस्कृति कोई मायने नहीं रखती। अपने भारत में भी एक ऐसा क्षेत्र है, जहां युगों पूर्व ...

चारण : राजपूताना के “योद्धा कवि”

Charan caste history in Hindi: भारत में भांति भांति के योद्धा उत्पन्न हुए हैं। कुछ के लिए बल अधिक महत्वपूर्ण है, तो कुछ ने बुद्धि से युद्ध जीते हैं, परंतु राजस्थान वो भूमि है, जहां के कण कण में ...

क्या सिंधिया [शिंदे] परिवार वास्तव में उतने बुरे थे?

“अंग्रेज़ों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी रजधानी थी” “झांसी की रानी” नामक कविता में जब इस छंद का उल्लेख होता है, तो अनवरत ही ग्वालियर की शिंदेशाही की ओर ध्यान जाता है, जिनका आज भी भारत के इतिहास एवं ...

मराठा के मोहिते जिन्होंने औरंगजेब को कई बार धराशाही किया

मोहिते वंश: जब शिवाजी राजे का देहावसान हुआ, तो मराठा साम्राज्य का भार शंभूराजे यानी संभाजी महाराज के कंधों पर आ पड़ा। परंतु जल्द ही 1689 में उनकी भी बर्बरतापूर्ण हत्या की गई, और अब बात मराठा समुदाय एवं ...

क्यों होल्कर साम्राज्य को मराठों का मस्तकमणि माना जाता है?

कुछ महानुभावों को लगता है कि अंग्रेज़ न होते, तो भारत में सभ्यता दूर दूर तक नहीं थी। परंतु अंग्रेज़ों के आगमन से पूर्व भारत एक गणतांत्रिक राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर था, जहां जनता के समर्थन से सबसे ...

कैसे मृत्यु के मुख से निकलकर सैम बने “सैम बहादुर”

युद्ध अपने चरमोत्कर्ष पर था। एक सैनिक गंभीर रूप से घायल था, और ऐसा प्रतीत होता था कि उसके प्राण कभी भी निकल सकते हैं। सांस लेना भी एक दुष्कर कार्य हो गया था। अचेत अवस्था में जब सैनिक ...

हाँ भई, अकबर हृतिक रोशन कम, नसीरुद्दीन शाह अधिक लगते थे

इतिहास के अलग अलग दृष्टिकोण होते हैं, जैसे सत्य के। अंतर इस बात से पड़ता है कि आप किसके मुख से सुन रहे हो। आपको कभी न कभी मन किया होगा ये जानने का कि कुछ ऐतिहासिक नायक वास्तव ...

चिमाजी राव अप्पा : जिनके साथ संजय लीला भंसाली ने किया घोर अन्याय

सिनेमा से आप शत प्रतिशत सटीकता यानि एक्युरेसी की आशा नहीं कर सकते। परंतु इसका अर्थ यह भी नहीं है कि आप इतिहास के नाम पर कुछ भी दिखा दें। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित “बाजीराव मस्तानी” के साथ ...

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