अमेरिका भारत का मित्र दिखता है लेकिन क्या ऐसा है भी?
राजनीती के दो उसूल होते हैं। पहला राजनीती में कोई किसी का दोस्त नहीं होता। दूसरा किसी पर भी भरोसा करना लेकिन अमेरिका पर कभी नहीं। एक बार को सूर्य देव पश्चिम से निकलना तय कर लेंगे लेकन अमेरिका ...
राजनीती के दो उसूल होते हैं। पहला राजनीती में कोई किसी का दोस्त नहीं होता। दूसरा किसी पर भी भरोसा करना लेकिन अमेरिका पर कभी नहीं। एक बार को सूर्य देव पश्चिम से निकलना तय कर लेंगे लेकन अमेरिका ...
स्वयं को सर्वशक्तिमान समझना अमेरिका की पुरानी बीमारी है पर कभी-कभी सच्चाई बाहर निकल आती है और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। रूस से तेल खरीद पर भारत को ज्ञान देने वाले अमेरिका को बड़ा तगड़ा ...
कोरोना महामारी ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को इस तरह बिगाड़ दिया कि आज भी वे देश इसके परिणाम झेल रहे हैं। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार के वित्त विभाग, यूएस ट्रेजरी ने अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट में ...
भारत के पश्चिमी थिएटर कमांड के तहत आने वाले लद्दाख और गलवान क्षेत्र में चीनी सेना द्वारा एकतरफा सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण "आंख खोलने वाला और खतरनाक" है। यह बातें हम नहीं बल्कि यूएस आर्मी पैसिफिक कमांडिंग जनरल ...
आप सभी जानते होंगे एक समय था जब भारत को कूटनीतिक स्तर पर बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती थी। अमेरिका और पश्चिमी देश बार-बार भारत को आंख दिखाने की कोशिश करते थे लेकिन आज समय बदल चुका है। जब ...
एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पूरी दुनिया की नज़र भारत पर टिकी है। भारत आज वैश्विक स्तर पर इतना मजबूत हो गया है कि पश्चिम देश सहित अमेरिका भी भारत की चरणवंदना में ...
संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस का साथ छोड़ने के लिए भारत को मजबूत करने की कोशिश की। पर, जब अमेरिका को समझ में आया कि भारत जिसके साथ खड़ा होता है चट्टान की तरह अटल रहता है, तब वह ...
जब महाभारत में कुंतीपुत्र अर्जुन महादेव को प्रसन्न करने हेतु कठोर तपस्या में लीन थे, तब महादेव ने उनकी परीक्षा लेने हेतु एक जंगली सूअर को भेज दिया और फिर स्वयं द्वन्द करने एक आखेटक, किराट के रूप में ...
भारत पर दबाव डालने की मूल प्रवृत्ति को अमेरिका ने कभी भी त्यागना उचित नहीं समझा क्योंकि उसकी हीन दृष्टि सदैव भारत को दबाने की सोच के साथ ही जीती आई है। वहीं वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ...
अमेरिका हमेशा से अपनी विदेश नीति को लेकर कन्फ्यूज रहा है. भारत के प्रति उसकी गलतफहमी तुलनात्मक रूप से कुछ ज्यादा ही रही है. मुख्य रूप से भारत के मामले में अमेरिका का रवैया इसलिए गलत रहा है क्योंकि ...
दूसरों को उपदेश देना जितना सरल है उससे अधिक कठिन है उसे अपने स्तर पर अमल में लाना। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद भी वही संस्था है जो ज्ञान देती है पर उसी ज्ञान को खुद के लिए अमल में ...
रूस-यूक्रेन मामले को लेकर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है। पश्चिम समेत दुनिया के तमाम देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, लेकिन भारत अपने सदाबहार दोस्त रूस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से ...
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