'बाइडन' के लिए खोज परिणाम

‘अमरीचीन’ ब्लॉक बन रहा था, भारत ने अमेरिका और चीन दोनों को अलग थलग कर दिया

एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पूरी दुनिया की नज़र भारत पर टिकी है। भारत आज वैश्विक स्तर पर इतना मजबूत हो गया है कि पश्चिम देश सहित अमेरिका भी भारत की चरणवंदना में ...

‘रूस से दोस्ती बनी रहेगी’ – अमेरिकी प्रस्ताव को भारत की दूर से नमस्ते

भारत का विचार स्पष्ट है – वह अपनी नीति अपने अनुसार तय रहेगा, किसी के बहकावे में नहीं। इसका एक अन्य प्रमाण अभी हाल ही में देखने को मिला, जब भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पाश्चात्य जगत ...

बोरिस जॉनसन को भारत-रूस की दोस्ती से कोई समस्या नहीं है, वैसे और ऑप्शन ही क्या था ?

रूस-यूक्रेन युद्ध ने अमेरिका, ब्रिटेन औऱ पश्चिमी देश जैसे वैश्विक महाशक्तियों के खोखलेपन को उजागर कर दिया है। इस युद्ध का प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा है पर वहीं इस युद्ध ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि ...

मिलिए जयशंकर फैन क्लब के नवीनतम सदस्य रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से

हर कोई असली प्रतिभा की सराहना करना पसंद करता है। इसलिए जब भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की बात आती है, तो उनके प्रशंसकों की बाढ़ सी आ जाती है। भारत समेत दुनिया के तमाम राजनेता जयशंकर ...

एस जयशंकर ने अमेरिका की CAATSA धमकी का बताशा बना दिया

इन दिनों डॉक्टर एस जयशंकर का जलवा सातवें आसमान पर है। जिस प्रकार से उन्होंने भारतीय कूटनीति की परिभाषा को बदला है, उससे कोई भी भारतीय अनभिज्ञ नहीं है, और वर्तमान में अमेरिकी दौरा इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण ...

जयशंकर ने बाइडेन के मानवाधिकार बम को वापस उसी की जेब में डाल दिया

चौबे जी गए छब्बे जी बनने, दूबे जी बनकर लौटे। पहले रूस-यूक्रेन मामले को लेकर भारत की तटस्थता पर ज्ञान बांटा, फिर तेल आयात पर बुद्धि देने का प्रयास किया, फिर आया मानवाधिकार का शिगूफा क्योंकि कुछ भी हो ...

‘बकलोली का पर्याय बना अमेरिका’, भारत को धमकाने हेतु अब मानवाधिकार रिकॉर्ड की जांच करने की कही बात

रूस-यूक्रेन मामले को लेकर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है। पश्चिम समेत दुनिया के तमाम देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, लेकिन भारत अपने सदाबहार दोस्त रूस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से ...

भारत को धमकाने के लिए अमेरिका ने हर पैंतरा अपनाया फिर भी उसकी एक न चली

भारत पर दबाव डालने की मूल प्रवृत्ति को अमेरिका ने कभी भी त्यागना उचित नहीं समझा क्योंकि उसकी हीन दृष्टि सदैव भारत को दबाने की सोच के साथ ही जीती आई है। वहीं वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ...

तमाशा बनकर रह गया है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद

दूसरों को उपदेश देना जितना सरल है उससे अधिक कठिन है उसे अपने स्तर  पर अमल में लाना। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद भी वही संस्था है जो ज्ञान देती है पर उसी ज्ञान को खुद के लिए अमल में ...

एस जयशंकर द्वारा फटकार के बाद घुटनों पर आ गया है बाइडेन प्रशासन

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अमेरिका आज से पहले कभी इतना असहाय और लाचार नहीं दिखा। खाड़ी के देशों में उसकी स्थिति खराब हुई। पाकिस्तान दूर हुआ। ईरान परमाणु समझौता से बाहर निकला। चीन ने उसके वर्चस्व को चुनौती दी। अफगानिस्तान ...

एस जयशंकर ने अमेरिका को लताड़ते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि “वह गलत जगह बकलोली कर रहा है”

रूस-यूक्रेन मामले को लेकर पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है। पश्चिम समेत दुनिया के तमाम देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं, लेकिन भारत अपने सदाबहार दोस्त रूस के साथ अप्रत्यक्ष रूप से ...

मेडलीन अलब्राइट- अमेरिका की पहली महिला विदेश मंत्री जो भारत के लिए किसी ग्रहण से कम नहीं थी

12 मई, 1996 को एक अमेरिकी राजदूत ने 60 मिनट के एक खंड में इराक के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का बचाव किया। पत्रकार लेस्ली स्टाल ने उनसे पूछा- "हमने सुना है कि आधे मिलियन बच्चे मारे गए ...

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